राजीव मणि
दानापुर। प्रगति ग्रामीण विकास समिति ने अपने 25 साल पूरे कर लेने पर दानापुर स्थित अपने प्रगति भवन परिसर में पिछले दिनों रजत जयंती समारोह मनाया। इस अवसर पर बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी ने कहा कि प्रारंभ में सरकार रोटी, कपड़ा और मकान की बात करती थी। अब उसमें विस्तार करके स्वास्थ्य और शिक्षा को जोड़कर कार्य किया जा रहा है। इन बुनियादी जरूरतों को पूर्ण करवाने में पूरा तंत्र सक्रिय है। उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश के नवनिर्माण में मजदूरों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। खेत-खलिहानों और भव्य इमारतों के निर्माण में लगे मजदूरों की स्थिति बहुत ही खराब है। आज गरीबों को सावधान रहने की जरूरत है। वोट की राजनीति करने वाले गरीबों को वोट के अधिकार से वंचित करने पर उतारू हैं। वहीं पूंजिपति मीडिया में गलत बयानी कर गरीबों को धोखा देने में लगे हैं। ऐसे में लोगों को ही निर्णय करना है कि वे कहां थे और कहां जाना है। इससे पहले उदय नारायण चैधरी ने प्रगति भवन का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि आजादी के 66 साल के बाद भी गांव में रहने वाले 80 प्रतिशत लोगों का विकास नहीं हो पाया है। हालत में सुधार नहीं होने के कारण वे शहर की ओर पलायन करते हैं। आज भी गांवों में शुद्ध पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। गांव में शिक्षा का स्तर गिरा है। एक ही कमरा में दो-तीन कक्षा के बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है। गरीबों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार से वंचित रखा गया है। 20 सालों में शहरों की आबादी काफी बढ़ी है। शहर में आकर लोग जैसे-तैसे जिंदगी बिताते हैं। दूूसरी ओर सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों, औद्योगिक घरानों व पूंजिपतियों को मॉल और व्यापार के लिए दिल खोलकर जमीन देती है। गरीब लोगों का घर का सपना अपना नहीं हो पाता है।
इस अवसर पर बिहार राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक डाॅ. दीपक प्रसाद ने कहा कि बिहार में एक फरवरी से खाघ सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू कर दिया गया है। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने गृह जिला नालंदा से इसकी शुरूआत की है। योजना शुरू होते ही इस मामले में बिहार अव्वल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि बिना भेदभाव के लोगों को न्यूनतम भोजन मिल सके। साफ शब्दों में कहें तो कोई भी इंसान भूखे पेट नहीं सोए। कम कीमत और सुनिष्चित ढंग से अनाज मिले। एक व्यक्ति को पांच किलोग्राम अनाज मिलेगा। तीन रुपए में चावल, दो रुपए में गेहंू और एक रुपए में मक्का प्रति किलोग्राम प्राप्त होगा।
ऑक्सफैम इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रवीण कुमार ने कहा कि जमीन की जंग को जन आंदोलन बनाने वाले लोग भूख और जमीन की लड़ाई को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने में पीछे नहीं रहें। आज इस आंदोलन को विस्तारित करने की जरूरत है। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि आज नारी शिक्षा को मजबूती से लागू करने की जरूरत है।
इससे पहले अतिथियों का स्वागत प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी ने किया। समिति के कार्यकारिणी समिति के सदस्य उमेश कुमार ने 25 साल के कार्य के बारे में चर्चा की। समारोह का संचालन मंजू डुंगडुंग ने किया। पैक्स के परियोजना पदाधिकारी आरती वर्मा, किसान आयोग के अध्यक्ष सीपी सिंह, प्रकाश कुमार, रामबाबू, पूर्व मुखिया साधु शरण आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता आलोक कुमार, पुष्पा लकड़ा, विजय गौरेया, वीके सिंह, अनिल पासवान, सिंधु सिन्हा, स्वाति कश्यप आदि उपस्थित थे। प्रयाग सेन्टर के द्वारा नुक्कड़ नाटक पेश किया गया।
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