आलोक कुमार
27 फरवरी, 2014 को पटना में झारखंड व बिहार के 23 सहयोगी संस्थाओं के लोगों के साथ कुल 47 लोगों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी, पद्मश्री सुधा वर्गीज, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास मिश्रा, आॅक्सफैम इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक कुमार प्रवीण, प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी, एकता परिषद बिहार संचालन समिति की सदस्य मंजू डंुगडुंग, दलित अधिकार मंच के प्रांतीय संयोजक कपिलेश्वर राम ने मिलकर मुजफ्फरपुर के षिवनाथ पासवान, समस्तीपुर के चन्द्रशेखर राय, बांका के भुनेश्वर तुरी, बांका के भोला यादव, हजारीबाग के एडमोन सोय, सीतामढ़ी के ब्रह्मदेव सिंह, सीतामढ़ी की शबनम प्रवीण, गया की सविता कुमारी, पटना की आरती कुमारी, गुमला की सुशीला तिर्की, हजारीबाग की गीता देवी और अनीता कुमारी, नालंदा की मालती देवी और कमला देवी के साथ अन्य लोगों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी ने कहा कि पहले आॅक्सफैम इंडिया द्वारा रिलिफ और स्वास्थ्य शिक्षा पर कार्य किया जाता था। अब जमीन, जीविका एवं अन्य मुद्दों को लेकर भी कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास मिश्रा ने कहा कि सम्मान समारोह में आए प्रवर्तक परिवर्तन के वाहक हैं। आप समाज में रहकर विकास कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीन से ही लोगों की पहचान होती है। अगर आपके पास जमीन नहीं है, तो पहचान पत्र के अलावा अन्य कागजात बनवाने में दिक्कत होती है। इसलिए सरकार ने बड़े पैमाने पर वासगीत पर्चा निर्गत करने की योजना बनायी है।
योजना विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने कहा कि आज बुनियादी शिक्षा पर जोर दी जा रही है। इस अवसर पर पद्मश्री सुधा वर्गीज, प्रदीप प्रियदर्शी, कपिलेश्वर राम, रामस्वरूप, अरविन्द आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
इस समारोह में पटना जिले के दानापुर प्रखंड के शिकारपुर गांव की आरती कुमारी को सबसे छोटी उम्र का एजेंट ऑफ चेंज चुना गया। आरती सिर्फ 11 वर्ष की है। वह गांवों में जागरूकता अभियान चला रही है। वह घर-घर जाकर माता-पिता को बताती है कि आप अपनी बेटियों को स्कूल भेजें। वयस्कों से कहती है कि लड़का और लड़की के बीच में किसी तरह का भेदभाव न करें। इस मौके पर उसने लड़कियों को संदेश दिया कि ‘केवल खाना बनाने से काम नहीं चलेगा’, जो सर्वश्रेष्ठ संदेश साबित हुआ। आरती उत्क्रमित मध्य विघालय में पढ़ती है। यहां शौचालय नहीं था। उसने कुछ लड़कियों व संस्था के साथ मिलकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा को पत्र लिखा, इसके बाद स्कूल में शौचालय बनाया गया। वह 7वीं कक्षा में पढ़ती है। उसे एसोसिएशन फाॅर प्रोमोशन आॅफ क्रिएटिव लर्निंग से सहायता मिलती है।
मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड के छाजन हरिशंकर पूर्वी पंचायत के छाजन गांव में रहने वाले षिवनाथ पासवान को भी सम्मानित किया गया। वे मैट्रिक तक पढ़े हैं। मगर अपने बच्चों को बीए पार्ट-2 तक पढ़ा सके हैं। षिवनाथ पासवान कहते हैं कि जन संगठन के बल पर महादलित मुसहर समुदाय के 147 परिवारों को मैंने 3 डिसमिल जमीन दिलवायी। इसके अलावा षिक्षा के क्षेत्र में रुचि जगायी। समुदाय में शराब की आदत को छुड़वाया। बचत की प्रवृति पैदा की। लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिलवाया। कालाजार और टीवी से पीडि़त लोगों का इलाज करवाया। वे कहते हैं कि मैं अपनी पंचायत का सरपंच हूं। मैं पिछले छह सालों से एकता परिषद कुढनी प्रखंड का अध्यक्ष हूं। इसी तरह कई अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया।
योजना विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने कहा कि आज बुनियादी शिक्षा पर जोर दी जा रही है। इस अवसर पर पद्मश्री सुधा वर्गीज, प्रदीप प्रियदर्शी, कपिलेश्वर राम, रामस्वरूप, अरविन्द आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
इस समारोह में पटना जिले के दानापुर प्रखंड के शिकारपुर गांव की आरती कुमारी को सबसे छोटी उम्र का एजेंट ऑफ चेंज चुना गया। आरती सिर्फ 11 वर्ष की है। वह गांवों में जागरूकता अभियान चला रही है। वह घर-घर जाकर माता-पिता को बताती है कि आप अपनी बेटियों को स्कूल भेजें। वयस्कों से कहती है कि लड़का और लड़की के बीच में किसी तरह का भेदभाव न करें। इस मौके पर उसने लड़कियों को संदेश दिया कि ‘केवल खाना बनाने से काम नहीं चलेगा’, जो सर्वश्रेष्ठ संदेश साबित हुआ। आरती उत्क्रमित मध्य विघालय में पढ़ती है। यहां शौचालय नहीं था। उसने कुछ लड़कियों व संस्था के साथ मिलकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा को पत्र लिखा, इसके बाद स्कूल में शौचालय बनाया गया। वह 7वीं कक्षा में पढ़ती है। उसे एसोसिएशन फाॅर प्रोमोशन आॅफ क्रिएटिव लर्निंग से सहायता मिलती है।
मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड के छाजन हरिशंकर पूर्वी पंचायत के छाजन गांव में रहने वाले षिवनाथ पासवान को भी सम्मानित किया गया। वे मैट्रिक तक पढ़े हैं। मगर अपने बच्चों को बीए पार्ट-2 तक पढ़ा सके हैं। षिवनाथ पासवान कहते हैं कि जन संगठन के बल पर महादलित मुसहर समुदाय के 147 परिवारों को मैंने 3 डिसमिल जमीन दिलवायी। इसके अलावा षिक्षा के क्षेत्र में रुचि जगायी। समुदाय में शराब की आदत को छुड़वाया। बचत की प्रवृति पैदा की। लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिलवाया। कालाजार और टीवी से पीडि़त लोगों का इलाज करवाया। वे कहते हैं कि मैं अपनी पंचायत का सरपंच हूं। मैं पिछले छह सालों से एकता परिषद कुढनी प्रखंड का अध्यक्ष हूं। इसी तरह कई अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया।
लेखक परिचय : आलोक कुमार ने पटना विश्वविद्यालय से ग्रामीण प्रबंधन एवं कल्याण प्रशासन
में डिप्लोमा किया है। ये पिछले कई वर्षों से समाजसेवी के रूप में कार्य
कर रहे हैं। दलितों, महादलितों के बीच जाना, उनका दुख-दर्द सुनना और उसे
दूर करने का प्रयास करना इनका कार्य है। खासकर मुसहर समुदायों के बीच ये
काफी लोकप्रिय हैं।
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