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बोधगया में सरकार द्वारा 9 दलितों को 32 डिसमिल जमीन दी गयी। इसपर देवनन्दन महतो के पुत्र युगल किशोर प्रसाद और कपिल लाल के पुत्र राजू लाल जबरन खेती कर रहे हैं।
बोधगया प्रखंड के मोचारिम ग्राम पंचायत के मोचारिम मुसहरी के लोगों ने बताया कि रामपति मांझी के पुत्र राजेश मांझी को 3 डिसमिल, विफा मांझी के पुत्र राजेन्द्र मांझी को 4 डिसमिल, दुःखन मांझी के पुत्र रामटहल मांझी को 3 डिसमिल, झगरू मांझी के पुत्र बच्चू मांझी को 4 डिसमिल, अर्जुन मांझी के पुत्र शंकर मांझी को 4 डिसमिल, जागो मांझी के पुत्र कामेश्वर मांझी को 3 डिसमिल, आदित्य चैधरी के पुत्र नरेश चाौधरी को 4 डिसमिल, रामचन्द्र पासवान के पुत्र जगनारायण पासवान को 4 डिसमिल और पांची मांझी के पुत्र कुलेश्वर मांझी को 3 डिसमिल जमीन मिली है। परवाना 2000-01 में बना, लेकिन 5 साल के बाद दलितों के बीच परवाना का वितरण किया गया। इसपर वार्षिक लगान देना होगा। लगान प्रति एकड़ 10 रुपए लिया जाएगा। बन्दोबस्त की गयी भूमि विरासत योग्य होगी, परन्तु अन्तरणीय नहीं होगी। इसपर अनुमंडल अधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचल अधिकारी के हस्ताक्षर हैं।
जब 2000-01 में बन्दोबस्त का परवाना दलितों को 2006 में वितरण किया गया, दलित खुश हो गये। लेकिन, खुशी बहुत दिनों तक नहीं रही। जब परवानाधारी को पता चला कि उनकी जमीन पर दबंग देवनन्दन महतो के पुत्र युगल किशोर प्रसाद और कपिल लाल के पुत्र राजू लाल का कब्जा है, तो दलित परेशान हो उठे। दलित उसी समय से अंचल कार्यालय और राजस्व कर्मचारी का चक्कर लगाने लगे। मगर अंचल कार्यालय के अधिकारी दलितों को सहयोग करने के पक्ष में नहीं दिखे।
रामटहल मांझी कहते हैं कि हमलोगों को अधिकारी टहला रहे हैं। हारकर हमलोगों ने 1 अगस्त, 2013 को गया जिले के जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया। सरकार के द्वारा वितरित परवाना की छायाप्रति संलग्न की गयी। इसमें सभी 9 परवानाधारी के हस्ताक्षर हैं। कृत मांझी का कहना है कि हाल में ही जमीन के अधिकार प्राप्त करने वाले कुलेश्वर मांझी का निधन हो गया। कुलेश्वर मांझी मेरे पिता थे। अब मैं ही अन्य दलितों के साथ दौड़धूप कर रहा हूं।
जिला पदाधिकारी को दिये गये आवेदन पत्र में उल्लेख किया गया है कि हम दलितों की बात कोई नहीं सुनता। अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी, बोधगया को कई बार डिमाण्ड कायम एवं भूमि सीमांकन करने के लिए आवेदन दिया गया। परन्तु अभी तक न तो डिमाण्ड कायम किया गया और न ही सीमांकन। अभी उस जमीन को युगल किशोर प्रसाद, पिता देवनन्दन महतो और राजू लाल, पिता कपिल लाल द्वारा जबरन जोता जा रहा है। जांच कर हमें न्याय मिले और दोषियों को सजा।
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