COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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शनिवार, 31 दिसंबर 2016

HAPPY NEW YEAR

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बिहार में सभी न्यायिक सेवाओं में 50 फीसदी आरक्षण

पटना : प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह गंगवार ने कैबिनेट मीटिंग के हवाले से बताया कि बिहार में सभी न्यायिक सेवाओं (सुपीरियर जुडिशियल सर्विसेज तथा सबोर्डिनेट जुडिशियल सर्विसेज) में 50 फीसदी आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा राज्य सरकार बनाम दयानंद सिंह केस में 29 सितम्बर, 2016 को पारित आदेश के आलोक में बिहार उच्च न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश (प्रवेश बिन्दु) के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु पटना उच्च न्यायालय, पटना के परामर्श एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु पटना उच्च न्यायालय, पटना के परामर्श एवं बिहार लोक सेवा आयोग की सहमति पर सम्यक विचारोपरांत सरकार द्वारा बिहार उच्च न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली, 2016 में निहित आरक्षण एवं अन्य प्रावधानों को तदनुसार लागू किया गया है। इसके अन्तर्गत बिहार उच्च न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश (प्रवेश बिन्दु) एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) के पद पर सीधी नियुक्ति में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 21 फीसदी, पिछड़ा वर्ग के लिए 12 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 16 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। सभी श्रेणियों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी और अस्थि विकलांग उम्मीदवारों के लिए 1 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान होगा।
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मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

जनवरी 2017 तक 2200 फाॅरेस्ट गार्ड की नियुक्ति

 संक्षिप्त खबरें 
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हाथियों के भोजन की पर्याप्त व्यवस्था हो, इसके लिए राज्य के वनों में बैंबू प्लांटेशन का अभियान चलाया जायेगा। साथ ही जंगल में जानवरों को पानी की दिक्कत न हो, इसके लिए जल स्रोत पुनर्जीवित किये जायें। हाथियों से प्रभावित पांच राज्यों के लिए एक कमेटी के गठन के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जायेगा। श्री दास झारखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की आठवीं बैठक में बोल रहे थे। बैठक में कहा गया कि भोजन व नहाने की पूरी व्यवस्था नहीं होने से हाथी व अन्य जानवर इनकी तलाश में बाहर निकलते हैं। इनकी व्यवस्था जंगल में ही हो जाये, तो वे अपने स्थान से नहीं भटकेंगे।
बैठक में बताया गया कि बेतला टाइगर रिजर्व में भी पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। तीन साल के लिए प्लान बनाया गया है। वन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सेंचुरी और गांव वालों को जोड़ा जा रहा है। इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में किए गए कार्यों का अध्ययन करने हेतु एक टीम को वहां भेजने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। बुण्डू में रेंज आॅफिस भी खोला जाएगा। जनवरी तक 2200 फोरेस्ट गार्ड की नियुक्ति हो जायेगी। विदित हो कि झारखंड में तीस साल से फोरेस्ट गार्ड की नियुक्ति नहीं हुई थी। राज्य में स्थित 11 में से 5 सेंचुरी (वन्य प्राणी आश्रयणी) को प्राथमिकता देकर उन्हें आदर्श सेंचुरी बनायी जायेगी।
बोर्ड की बैठक में रक्षा मंत्रालय के द्वारा प्रस्तावित गौतम बुद्धा वन्यप्राणी आश्रयणी व हजारीबाग वन्यप्राणी आश्रयणी के एनएच-2 व एनएच-33 के क्रमशः राइट ऑफ वे में ऑप्टिकल फाइबर केबुल बिछाने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है। यहां अंडरग्राउंड केबुल बिछाया जायेगा। साथ ही, पारसनाथ पहाड़ में तीन पुलिस कैंप बनाने के लिए भी अनुमति दी गयी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, वन विभाग के वरीय अधिकारी व बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।

राजा फतेहचंद मैनी यात्री निवास का उद्घाटन

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल लीला गुरूद्वारा, पटना साहिब में राजा फतेहचंद मैनी यात्री निवास का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाल लीला गुरूद्वारा में मत्था टेका तथा बिहार के सुख, शांति, समृद्धि के लिए कामना की। गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से मुख्यमंत्री को सरोपा एवं अंगवस्त्र भेंट किया गया। राजा फतेहचंद मैनी यात्री निवास के उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने तख्त श्री हरिमंदिर साहिब में मत्था टेका तथा गुरूद्वारा परिसर में की गयी तैयारियों का जायजा लिया।
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सोमवार, 26 दिसंबर 2016

Merry Christmas

😊😊

नोटबंदी

 मजाक डाॅट काॅम 
राजीव मणि
अचानक पूरे देश में पांच सौ और एक हजार के नोट बंद कर दिये गये। सरकार का कहना था कि कालाधन खत्म करने और आतंकियों को हो रही फंडिंग को रोकने के लिए यह कठोर कदम उठाया गया है। पूरे देश में हड़कंप मच गया। लोग अपने पांच सौ और एक हजार के नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों की लंबी-लंबी कतार में दिखने लगे।
सुबह के दस बज रहे थे। अभी घर से निकला ही था कि मगन शर्मा मिल गये। शर्मा जी मेरे मुहल्ले में ही रहते हैं। मुहल्ले के सबसे रईस आदमी हैं। रंगीन मिजाजी और बिंदास जिन्दगी के कारण पूरे मुहल्ले में चर्चित हैं। उम्र यही कोई पचपन साल होगी। लंबा-चैड़ा कद-काठी, गोरा रंग और स्वस्थ शरीर। पैसा तो इतना कि इन्हें भी नहीं मालूम कि कितना जमा कर रखा है। कभी चरचा होती भी है, तो कहते हैं, ‘‘बस ईश्वर का दिया काफी कुछ है।’’ सुबह-शाम एक किलो गाय का दूध और दो अंडा पेल लेते हैं। इसके बाद भी कहते हैं कि आजकल खाने में काफी परहेज कर रखा है। स्वस्थ रहने के लिए यह सब करना ही पड़ता है। लेकिन आज उनका चेहरा कुछ उतरा हुआ था। देखकर लगता था, जैसे मरनी से आ रहे हों! जब नजर मिल गयी, तो हालचाल पूछना फरज बनता था। सो, पूछना पड़ा - ‘‘कैसे हैं शर्मा जी?’’
शर्मा जी कुछ बोल नहीं पा रहे थे। कोशिश की, कुछ मुस्कराने-सा मुंह बनाया, लेकिन ना चेहरा साथ देता था, ना गले से आवाज निकलती थी। थोड़ा जोर लगाया, नकली दांत जगह से घसककर थोड़ा आगे को आ गया। आज पहली बार शर्मा जी को मैं बेबस देख रहा था। खुद को संभालते हुए बोले, ‘‘ठीक हूं, घुमने निकला था।’’
‘‘थोड़े चिन्तित दिख रहे हैं?’’ उनकी स्थिति देख यूं ही पूछ लिया। 
‘‘नहीं .... नहीं, ऐसी बात नहीं है। हम काहे को चिन्तित हों, कौन सा हमारे पास खजाना पड़ा है। चिन्ता तो वे करें, जिन्होंने घर को गोदाम बना रखा है।’’ शर्मा जी ने सफाई दी।
‘‘अरे हां, यह तो गजब हो गया। अचानक ही पांच सौ और एक हजार के नोट बंद कर दिये गये। ....’’ मैं बोल ही रहा था कि फखटुआ आ गया। एक नंबर का दारूबाज! मजदूरी करता है। जितना कमाता है, शाम होते-होते सफा चट! फखटुआ के जीवन में कभी वसंत आता ही नहीं, पूरा साल सूखा! अक्सर किसी ना किसी के दरवाजे हाथ फैलाये पहुंच जाता है। पैर पकड़कर रोने लगता है, ‘‘कुछ उधारी दे दो बाबू, घरवाली बहुत बीमार है।’’ सभी जानते हैं उसकी लीला। फिर भी दस-बीस दे ही देते हैं। खास बात यह कि मगन शर्मा से काफी डरता है। इन्हें देखते ही अपना रास्ता बदल लेता है। लेकिन, आज फखटुआ हंसता हुआ सीना ताने आ धमका - ‘‘प्रणाम भैया!’’ उसके चेहरे पर आज चमक थी।
‘‘प्रणाम, कहो कैसे हो? बहुत खुश दिख रहे हो, कोई लाॅटरी लग गयी क्या?’’ मैं भी उत्सुकतावश पूछ बैठा। शर्मा जी भी साथ ही थे।
फखटुआ जोश में आ गया, ‘‘भैया के आशीर्वाद से लाॅटरी ही लग गयी। सरकार का भला हो, ओकर मेहरारू-बच्चा के भगवान भला करे। इऽ नोटबंदी से तो सचमुच खजाना हाथ लगा है। काऽ बताएं भैया, हमर मेहरारू हमरे पइसवा चोरा-चोरा के जमा कइले थी। पांच सौवा और हजरकी! पूरे एक लाख रुपया निकाल लायी और कहने लगी कि बैंक में जमा करा दो। इऽ मेहरारू जात के तो भगवानो ना समझ पाये, हम का समझेंगे।’’ शर्मा जी अंदर ही अंदर खौल रहे थे। फखटुआ खुशी से पागल हुआ जा रहा था। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मुझे ही उसे रोकना पड़ा। बहाना बना फखटुआ को चलता किया। इधर शर्मा जी बिना कुछ बोले अपनी राह पकड़ लिए। 
खैर, मैं भी आगे बढ़ गया। बाजार पहुंचा, तो पता चला कि जन धन खाताधारकों की चांदी हो गयी है। एक बालू माफिया ने सबके खाते में पचास-पचास हजार रुपया जमा करवा दिया है। जमा करवाने से पहले यह शर्त रखी थी कि बाद में उसमें से पैंतालीस हजार रुपए वापस करने होंगे। सारे गरीब खुश थे। कोई कचैड़ी-जलेबी खा रहा था, कोई रसगुल्ला। बेचन महतो भी सामने से पान चबाता हुआ आ रहा था। कमीज पर पान के कुछ ताजा दाग बता रहे थे कि आज पहली बार पान खाया है। उधर मंगरूआ की पत्नी पांच सौ का नोट लिये एक दुकान पर पहुंच गयी, ‘‘पांच किलो चावल दे दीजिए।’’ दुकानदार से चावल लेकर पांच सौ का नोट थमा दी। दुकानदार भड़क गया, ‘‘अब यह नोट नहीं चल रहा है जी! पता है या नहीं।’’
‘‘लेकिन यही है हमारे पास। इसबार चला दीजिए ना।’’ दुकानदार कुछ सोचकर बोला, ‘‘पांच सौ के बदले चार सौ में चलेगा, मंजूर है तो बोलो।’’ मंगरूआ की पत्नी तुरन्त मान गयी।
उधर हल्ला हुआ कि गंगा नदी में एक बोरा हजरकी नोट फेंका हुआ है। यह सुनते ही कई उधर दौड़ पड़े। बाद में पता चला कि सारे नोट फाड़कर फेंके गए थे। खबर सुनकर पुलिस भी आ गयी। लोगों से पूछने लगी, ‘‘किसके हैं?’’ कोई नहीं बता रहा था। सभी भकुआए एक दूसरे का मुंह ताकते रहे।
जैसे-जैसे दिन बीतते गए, नोटों से जुड़ी तरह-तरह की रंगबिरंगी खबरें भी आने लगीं। कचरे के ढेर पर नोटों के दर्शन होने लगें। नाले में इस नोट रूपी लक्ष्मी के विसर्जन भी! जिस धन्ना सेठ ने आजतक किसी भिखारी को एक चवन्नी तक नहीं दिया था, अब वे हजार रुपए की गड्डी बांट रहे थे। फूलन गोप का बेटा जुआ में हजार रुपए के पैकेट दांव पर लगा रहा था। दारोगा की बिटिया किलो से जेवर खरीद रही थी। नेता, ठेकेदार, वकील, डाॅक्टर, सभी बैंक से अपने रुपए बदलवाने में लगे थे। बैंक के अधिकारी अपना हिस्सा बनाने में! .... और आज डगरना के बेटा के हाथ में ना सिर्फ पांच सौ रुपए का नोट पहली बार आया था, बल्कि वह पूरा बंडल लेकर अपने दोस्तों संग ‘व्यापारी’ खेल रहा था। शौचालय, रसोईघर, पानी की टंकी, सब नोट उगल रहे थे। वाकई अब लगने लगा था - भारत पूरी दुनिया को खरीद सकता है। 
एक तरफ जहां-तहां पुराने नोट उड़ रहे थे। दूसरी तरफ गरीब-गुरबा अपने-अपने नोट थामे बैंक की कतार में पूरा दिन गुजार रहे थे। इतनी भीड़ तो कभी चुनाव में वोट डालने को भी नहीं हुई थी! एटीएम हदस गये थे। परिणाम यह हुआ कि अधिकांश एटीएम पर ‘नो कैश’ का बोर्ड लटक रहा था। बैंकों की लाइन में मारामारी होने लगी। कइयों को नोट बदलवाने के चक्कर में मोक्ष की प्राप्ति हो गयी। यमराज का काम बढ़ गया!
पूरे देश में हंगामा मच गया। व्यापार चैपट। फैक्ट्रियों में काम नहीं। मजदूर अपने-अपने घर लौटने लगे। सरकार को कुछ सूझ नहीं रहा था। अब ना निगलते बनता था, ना उगलते! सो ‘प्लास्टिक मनी’ का प्रचार शुरू हुआ। चैनल-अखबार वाले कहने लगे, यह अच्छा है। विदेशों में तो काफी पहले से यह चलन में है। ना रुपए चोरी का डर, ना लूटे जाने का खतरा। इतने ‘बात बहादुरों’ के कहने पर मैं भी झांसे में आ गया। एक कार्ड बनवा लिया। बीस हजार रुपए भी डलवा लिए। सोचा, अब चिन्ता क्या है, चाय भी पियो तो कार्ड से भुगतान कर दो। और सिर्फ कार्ड लेकर दिल्ली चला गया। अगले दिन शाम को जब दिल्ली उतरा, काफी भूख लग चुकी थी। सोचा, किसी होटल में चलता हूं, डटकर शाही भोजन करूंगा और तब कुछ सोचा जायेगा।
एक महंगे होटल में घुस गया। ढेर सारा बढ़िया खाना आॅर्डर किया। डटकर खाया। और जब बिल चुकाने काउन्टर पर पहुंचा, तो शान से कार्ड निकालकर काउन्टर पर खड़ी मैम के आगे रख दिया। ‘‘कार्ड से भुगतान करना है। कितने का बिल है?’’
‘‘नौ सौ रुपए हुए। लेकिन, अभी कार्ड से भुगतान नहीं कर सकते। .... काम नहीं कर रहा है। कैश ही देने होंगे।’’
‘‘कैश नहीं हैं मैडम’’
‘‘तो थोड़ा इन्तजार कीजिए ..... ठीक होने तक।’’ इतना बोलकर मैडम अपनी कुरसी पर बैठ गयी। मैं बगल में खड़ा इन्तजार करता रहा। पूरे पांच घंटे बीत चुके! जो कोई आता, तिरछी नजर से मेरी ओर देखता। मैं बुरी तरह फंस चुका था। किसी तरह घंटों अपना मुंह हर आने-जाने वालों से छुपाता रहा। अंत में रात को अपना बिल चुका पाया और किसी तरह आफत टली।
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बुधवार, 21 दिसंबर 2016

त्रि-भाषायी हज वेबसाइट की शुरुआत


वेबसाइट www.haj.gov.in 
पर हैं सारी जानकारियां
हज समिति 2 जनवरी, 2017 से आवेदन लेना शुरू करेगी
नई दिल्ली : अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने हज मामलों से संबंधित एक त्रि-भाषायी वेबसाइट www.haj.gov.in की शुरुआत की। यह वेबसाइट हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में है। इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलो के सचिव, संयुक्त सचिव (हज एवं वक्फ) और मंत्रालय, भारतीय हज समिति और एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे। 
इस अवसर पर श्री नकवी ने बताया कि वेबसाइट पर हज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा वेबसाइट पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, हज यात्रा, हज विभाग, हज की नियमावली, भारतीय हज समिति और निजी टूर ऑपरेटरों की जानकारी प्रदान की गई है। श्री नकवी ने बताया की वेबसाइट में वे सारी सूचनाएं भी उपलब्ध हैं कि हज के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। हज यात्रा के संबंध में एक फिल्म भी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अगली हज यात्रा की तैयारी के संबंध में उन्होंने बताया की हज 2017 की घोषणा की जा चुकी है। इस संबंध में हज समिति 2 जनवरी, 2017 से आवेदन लेना शुरू करेगी। इस विषय में श्री नकवी ने सऊदी अरब के राजदूत डॉ. सऊद मोहम्मद के साथ बैठक की और अगली हज यात्रा के बारे में उनके साथ विस्तार से चर्चा की। श्री नकवी ने बताया कि हज यात्रा के बारे में कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं, जिनपर गौर किया जा रहा है। उन्होंने बताया की हज यात्रियों को सभी आधुनिक सुविधाओं वाले हवाई जहाज उपलब्ध कराने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की गई है।
वेबसाइट में एक ही स्थान पर हज के बारे में सारी जानकारियां उपलब्ध कर दी गई हैं। वेबसाइट में हज प्रबंध, केन्द्र और राज्य के हज अधिकारियों के उपयोगी फोन नम्बर, राज्य हज भवनों के मानचित्र, मक्का और मदीना आदि में ठहरने के स्थानों के मानचित्र, भारतीय हज समिति और जेद्दा में स्थित भारतीय वाणिज्यिक दूतावास की वेबसाइटों के बारे में सभी जानकारियां दी गई हैं। भारत सरकार प्रत्येक वर्ष जेद्दा स्थित भारतीय वाणिज्यिक दूतावास में 2-3 महीनों के लिए प्रशासनिक और चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति करती है। इस वेबसाइट में भावी आवेदनकर्ताओं के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी गई है। वेबसाइट में निजी टूर ऑपरटरों की सूचना भी मौजूद है। हज यात्री निजी टूर ऑपरटरों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। शिकायतों के पंजीकरण और फीडबैक का प्रावधान भी किया गया है।
ज्ञात हो कि हज मामले पहले विदेश मंत्रालय के अधीन थे, लेकिन उन्हें अब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों को सौंप दिया गया है, जो 1 अक्टूबर, 2016 से प्रभावी हो गये हैं। हज 2017 की तैयारियां शुरू हो गईं है और कोशिक की जा रही है कि हज प्रबंधन प्रक्रिया में और सुधार किये जायें, ताकि हज यात्रियों को बेहतर और सस्ती सुविधाएं मिलें तथा उनका अनुभव यादगार रहे।
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सोमवार, 19 दिसंबर 2016

350वां प्रकाश उत्सव : विभिन्न स्थानों का निरीक्षण

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश उत्सव से संबंधित विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया तथा प्रकाश उत्सव की तैयारियों का जायजा लिया। निरीक्षण के क्रम में नीतीश कुमार ने तख्त श्री हरमंदिर साहेब गुरूद्वारा परिसर का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने गुरूद्वारा श्रीहरमंदिर साहेब में मत्था टेका। उन्होंने गुरूद्वारा परिसर में प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए की जा रही व्यवस्था का जायजा लिया तथा उपस्थित अधिकारियों एवं गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटि के लोगों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के आवागमन की व्यवस्था का जायजा लिया।
उन्होंने श्रद्धालुओं के आवागमन को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने तख्त श्री हरमंदिर साहेब गुरूद्वारा के पास हरमंदिर गली एवं बाड़े की गली का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने एक स्थान पर अव्यवस्थित विद्युत तारों को व्यवस्थित करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से साफ-सफाई रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इतना काम हो रहा है, आप भी अपना योगदान दीजिए। प्रकाश उत्सव के अवसर पर काफी संख्या में लोग आयेंगे, आप साफ-सफाई बनाये रखिये ताकि आने वाले श्रद्धलुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। मुख्यमंत्री ने श्री गुरू गोविन्द सिंह बालिका उच्च विद्यालय का भी निरीक्षण किया। इसके प्रश्चात् मुख्यमंत्री ने जैन स्वेताम्बर मंदिर का निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर में रखे पुरानी मूर्तियों के लिए आर्केलाॅजी विभाग को सूचित करने को कहा एवं मंदिर के भवन की मरम्मती का भी निर्देश दिया।
नीतीश कुमार ने इसके पश्चात् कंगनघाट का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कंगन घाट पर प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए की गयी लंगर व्यवस्था का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने लंगर स्थल की भूमि को समतल एवं स्थिर करने को कहा, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को लंगर में बैठने एवं खाने में किसी प्रकार की असुविधा ना हो। कंगन घाट स्थित श्रद्धालुओं के लिए बनाई गयी टेंट सिटी का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री द्वारा टेंट सिटी में प्रकाश की समूचित व्यवस्था का निर्देश दिया गया।
मुख्यमंत्री ने बाईपास स्थित 350वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के आवासन के लिए बनाये गये टेंट सिटी का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने टेंट सिटी में बनाये गये शौचालय एवं स्नानागार तथा प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुाओं के लिए की गयी अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। प्रधान सचिव पर्यटन हरजोत कौर द्वारा टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के लिए की गयी व्यवस्था के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी गयी। बाईपास पर बने टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए बैट्री से चलित वाहन लगाया जायेगा। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि और बैट्री संचालित वाहन की आवश्यकता हो तो मंगवा लीजिए। प्रकाश उत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई ना हो, मुख्यमंत्री ने आवासन स्थलों पर प्रर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के लिए की गयी पार्किंग व्यवस्था का भी निरीक्षण किया।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में 350वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनायी गयी टेंट सिटी का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के लिए की गयी आवासन व्यवस्था का भी निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवासन स्थल को श्रद्धालुाओं कें लिए सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में श्रद्धालुओं के लिए की जा रही विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने 350वें प्रकाश उत्सव के लिए बनाये गये दरबार हाॅल का भी निरीक्षण किया। गांधी मैदान में मुख्यमंत्री के समक्ष पर्यटन विभाग द्वारा श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महराज के 350वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए की जा रही तैयारियों से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतिकरण दी गयी।
निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महराज के 350वें प्रकाश उत्सव से संबंधित सभी तैयारियां ससमय पूरा कर लेने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को प्रकाश उत्सव के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुये सभी तैयारी ससमय पूरी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रकाश उत्सव के अवसर पर पटना आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखें। आने वाले श्रद्धालु यहां से एक सुखद याद अपने साथ ले जायें।

बिहार में सड़क दुर्घटना का आंकड़ा देश स्तर से कम

शराबबंदी का असर : चन्द्रिका राय
पटना : शराबबंदी से सड़क दुर्घटना में कमी आई है और बिहार में सड़क दुर्घटना का आंकड़ा देश के सड़क दुर्घटना से कम है। चन्द्रिका राय, मंत्री, परिवहन विभाग अरण्ये भवन के सभागार में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के विषय में थोड़ी सी पूर्व से जानकारी थी, लेकिन जब मंत्री बना एक वर्ष पहले, तो सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट से मुझे पता चला कि कितनी आर्थिक एवं मानव क्षति होती है। इसका समाधान खोजने के लिए परिवहन विभाग ने इस कार्यशाला का आयोजन किया है।
मंत्री, परिवहन विभाग ने बताया कि यातायात के नियमों के अनुपालन से सड़क दुर्घटना की दर में कमी आयेगी। इस आशय के कई दिशा निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने भी दी है। इसके लिए लोगों को शिक्षित करना, उन्हें वेल्ट लगाने और आगे से सचेत रहने के लिए संवेदनशील बनाने की जरूरत है। गाड़ी चलाते समय मोबाईल फोन का इस्तेमाल भी लोग कर रहे हैं, इसे सख्ती से बंद कराना होगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की गई है। ब्लैक स्थान को चिह्नित किया गया है। दुर्घटना होने पर लोगों को ट्रामा सेन्टर पहुंचाने तथा आमजन को भयमुक्त करने की जरूरत है। इसके लिए नेटवर्क बनाया जा रहा है। नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे के लिए परिवहन विभाग ने नेटवर्क तैयार किया है। डिविजन लेवल पर ट्रांमा सेन्टर बनाने का निदेश है।
श्री राय ने परिवहन विभाग के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटना में 50 प्रतिशत की कमी लाने का टारगेट निर्धारित किया गया है। अधिकारियों की कमी से कुछ काम में दिक्कतें आ रही हैं, उसे दूर किया जा रहा है। उन्होंने एक प्रश्न के उŸार में पत्रकारों को बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में प्रायः युवा ज्यादा शिकार हो रहे हैं। 
बिहार में सड़कों का जाल फैल रहा है। अतः जरूरत है कि अच्छी सड़कों के निर्माण के साथ जनमानस को सड़क-सुरक्षा के प्रति जवाबदेही पूर्वक एजुकेट किया जाए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए सुधीर कुमार, परामर्शी, पथ निर्माण विभाग ने कहा कि वर्ष 2004-05 में रेलवे सुरक्षा बजट के लिए 12,000 करोड़ रखा गया था, जो वर्तमान में 25,000 करोड़ होना चाहिए। जबकि वर्तमान में 3,000 करोड़ के करीब सुरक्षा पर खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने सड़क संकेत (रोड सिंग्नल) की मार्किंग दो माह के अंदर हो जाने की बात कही, जो सड़क सुरक्षा के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने शराबबंदी से 70 प्रतिशत सड़क सुरक्षा होने की बात कही और ड्राईवर के आंखों की नियमित जांच कराने की बात कार्यशाला में रखी। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने अपने स्वागत भाषण में विभाग के आधारभूत संरचना की चर्चा करते हुए कहा कि सड़क बढ़िया है, गाड़ियों की संख्या बढ़ी है, इसलिए और अधिक सुरक्षा की जरूरत है।
परिवहन विभाग के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि एक-दो किलोमीटर पथ निर्माण में ढ़ाई करोड़ व्यय होते हैं, जिसमें सड़क संकेत के लिए मात्र पांच लाख रुपये व्यय आयेगा जो अब तत्परतापूर्वक किया जा रहा है। विभाग दुर्घटना रहित पथ निर्माण करने के लिए कदम उठा रहा है। सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक प्रियंक भारती ने भारत सरकार द्वारा नये नीतियों के निर्माण की विस्तृत रूप से चर्चा की और शीघ्र लागू होने की बात कही। गृह रक्षा वाहिनी के महानिदेशक पीएन राय ने अपने उद्घोषणा में लाइशेंस प्रणाली के निर्गम में कठोरता लाने की बात कही है। यातायात सुरक्षा के अन्य विशेषज्ञों ने भी कार्यशाला में अपने उद्गार व्यक्त किये।
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सूबे में अलाव के लिए 28 लाख रुपए जारी

पटना : पूरा बिहार शीतलहर के प्रकोप से गुजर रहा है। मौसम विज्ञान विभाग द्वारा वर्तमान में ठंड का प्रकोप बने रहने एवं ठंडी हवा चलने का पूर्वानुमान दिया गया है। विभाग द्वारा सभी जिला पदाधिकारियों/आयुक्तों को शीतलहर के प्रभाव से बचने हेतु निर्देश जारी कर दिया गया है तथा अलाव की व्यवस्था हेतु सभी जिलों को कुल रुपए 28 लाख रुपये का आबंटन निर्गत किया जा चुका है। 
उक्त जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग ने दी है। सूचनानुसार अलाव की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर करने का निदेश दिया गया है, जहां अधिक से अधिक निर्धन एवं असहाय लोग निवास करते हैं या एकत्र होते हैं यथा धर्मशाला, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा, मुसाफिरखाना, रिक्शा एवं टमटम पड़ाव, चैराहा, रेल/बस स्टेशन आदि।
प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्वयं इसकी पुनः समीक्षा कर सभी जिला पदाधिकारी को मुख्य स्थानों पर अलाव जलाने के निर्देश दिये गये हैं। जिलों से अलाव जलाने के प्रतिवेदन प्राप्त हो रहे हैं। अबतक विभिन्न जिलों में कुल 408 जगहों पर अलाव जलाने की खबर है।
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गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

जनजातीय आजीविका को राष्ट्रीय संसाधन केंद्र का होगा शुभारंभ

नई दिल्ली : केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने यूएनडीपी और राष्ट्रीय जनजातीय वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) के साथ भागीदारी से जनजातियों के आजीविका से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए 22 दिसंबर, 2016 को भुवनेश्वर में राष्ट्रीय संसाधन केंद्र ‘वनजीवन’ का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुआल ओरम इस उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इस अवसर पर एनआरसी वेबसाइट और ई-नॉलेज प्लेटफॉर्म को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके बाद 23 दिसंबर को जनजातीय क्षेत्रों में कौशल विकास और उद्यमशीलता परिदृश्य पर कार्यशाला, आजीविका का मानचित्रणय कौशल में कमी पर विश्लेषण-कृषि, गैर कृषि और वन आधारित और कृषि व वन आधारित आजीविका में कौशल व उद्यम प्रोत्साहन पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। कार्यशाला में पूर्व जनजातीय सचिव डॉ. हृषिकेश पांडा और पूर्व सचिव, योजना आयोग डॉ. एनसी सक्सेना भी शामिल होंगे।
वनजीवन पहले चरण में कम जनजातीय लोगों में कम एचडीआई वाले चुनिंदा छह राज्यों में आजीविका संबंधी समस्याओं की पहचान करने वाले कार्यक्रम के तौर पर होगा। इसमें असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और तेलंगाना शामिल हैं। दूसरे चरण में इस कार्यक्रम को अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, मेघालय और त्रिपुरा राज्यों में लागू किया जाएगा।
कार्यक्रम में कौशल के मौजूदा स्तर को ध्यान में रखते हुए स्थानीय संसाधनों की पहचान पर जोर रहेगा। कार्यक्रम से उक्त उद्देश्य के लिए कई सरकारी कार्यक्रमों के अंतर्गत कोष का इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा। राष्ट्रीय संसाधन केंद्र आजीविका मानचित्रण, कौशल अंतर विश्लेषण और नॉलेज हब के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा, जहां जनजातीय उद्यमशीलता विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ आजीविका और उद्यमशीलता मॉडल उपलब्ध होंगे।
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महिलाओं व बालिकाओं के लिए वन स्टॉप सेन्टर ‘सखी’ का उद्घाटन

केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुआ एमओयू
स्नेहमयी केन्द्र के रूप में पहचान स्थापित करनी है : डाॅ. लुईस मरांडी
हिंसा से पीड़ित महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जायेगी : मंत्री
रांची : महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री डाॅ. लुईस मरांडी ने कहा कि वन स्टॉप सेन्टर स्नेहमयी केन्द्र के तौर पर अपनी पहचान स्थापित करे, इसके लिए हमसब को प्रयास करना है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस केन्द्र में हर तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को सुना जायेगा और उचित परामर्श के बाद उनकी समस्याओं के निदान हेतु प्रयास किया जायेगा। श्रीमती मरांडी कांके स्थित रिनपास परिसर में महिलाओं और बालिकाओं के लिए वन स्टॉप सेन्टर फॉर वूमेन - सखी के उद्धाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं। 
श्रीमती मरांडी ने कहा कि आनेवाले दिनों में इस तरह का सेन्टर धनबाद, जमशेदपुर और दुमका के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी प्रस्तावित है। किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 0651-2451911 और वेबसाईट जारी किया गया है। हेल्पलाइन नंबर में फोन कर समस्या से अवगत कराने पर पीड़ित को तत्काल मदद पहुंचायी जायेगी। इसके लिए सेन्टर में कार्यरत कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। 
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि प्रताड़ित महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा एवं उनकी समस्याओं के निराकरण का दायित्व राज्य सरकार के चार विभाग निभायेंगे। इसके तहत चिकित्सीय आपातकालीन सहायता व बचाव, चिकित्सकीय सहायता, महिला को एफआईआर दर्ज कराने में सहायता प्रदान करना, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक परामर्श व सहायता, विधिक परामर्श और आपातकालीन आश्रय सुविधा प्रदान की जायेगी। श्री चंद्रवंशी ने कहा कि घर के अंदर अथवा बाहर किसी भी रूप् में हिंसा अथवा उत्पीड़न की शिकार महिला, विषम परिस्थिति से ग्रसित महिला को एक छत के नीचे सभी सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना सेंटर का लक्ष्य है। सेंटर में 24 घंटे आपातकालीन आश्रय, पुलिस सहायता, विधिक और चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध होगा। 
वन स्टॉप सेंटर - सखी में राज्य सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, गृह कारा एवं आपदा प्रबन्धन विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग,  झारखण्ड विधिक सेवा प्राधिकार एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित कर सेंटर का संचालन सुनिश्चित किया जायेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुधीर त्रिपाठी, प्रधान सचिव महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग मुखमित सिंह भाटिया, निदेशक समाज कल्याण रविन्द्र प्रसाद सिंह, निदेशक रिनपास मौजूद थे।
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सोमवार, 5 दिसंबर 2016

Poem - नोटबंदी


राजीव मणि

अच्छा, अब हम चलते हैं
बहुत निभाया तुमने
इंसान होने का फर्ज
जब तक हम चलन में थे
अपनी जान से भी ज्यादा चाहा
कभी महफिल में सजाया
कभी तिजोरी, तहखानों में
कभी हमें मेज के नीचे से
देते रहे एक दूसरों को
ताकि नजर ना लगे तुम्हें
हम समझ बैठे थे खुद को
कोई मूल्यवान चीज।

और नोटबंदी की खबर सुनते ही
एक ही पल में
उठा फेंका हमें
नदी-नालों में
ताड़-ताड़ कर
बोरा में कसकर
जैसे अब हम
कोई कीमती चीज नहीं
बस, लाश हो गए हों
हां, बस लाश !

तुम भूले जाते हो
कभी हमने ही अपने जिस्म का
सौदा किया था
तुम्हारी बिटिया की शादी में
कभी तुम्हारे बीवी-बच्चों की
हर इच्छा पूर्ति के लिए
.... और कभी
तुम्हारी ऐय्याशी के लिए भी !

हां, यह सच ही तो है
तुम कितना इठलाते थे
हर पांच सौ और
एक हजार के नोटों को पाकर
कभी हमें बताते थे
भारत की संस्कृति
तो कभी भारत की शान
.... और अब कहते हो
कालाधन और आतंकवाद के खिलाफ
सर्जिकल स्ट्राइक है यह !

चलो, हम तो मुक्ति पा गये
तुम्हारे हाथों कटने-लूटने से
लेकिन क्या, सचमुच
हमारे चले जाने से
कालाधन और आतंकवाद की समस्या
खत्म हो जाएगी ?
अगर ऐसा सचमुच होता है
तो हम इसे अपना भाग्य समझेंगे
और समझेंगे कि
हमारा यूं चले जाना ही
राष्ट्र के हित में है
लेकिन, जाते-जाते
हम कहे जाते हैं
हम नोटों को बदलने से अच्छा है
पहले खुद को बदलो
भ्रष्टाचार और बेइमानी के
पालने में यूं ही सोते रहोगे
तो हर एक चीज खोते रहोगे।