COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

बिहार बजट 2016-17 : युवाओं के नाम रहा बजट

पटना : वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने 2016-17 का बजट पेश किया। दस सालों में राज्य के योजना आकार में 16 गुना वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2005-06 में बिहार का योजना आकार 4379 करोड़ रुपए का था, जो 2016-17 में बढ़कर 71 हजार 501 करोड़ 84 लाख रुपए हो गया है। बिहार में न सिर्फ योजना का आकार बढ़ा है, बल्कि कुल बजट में योजना के खर्च का प्रतिशत भी बढ़ा है। यह बताता है कि राज्य में नए निर्माण कार्य पर कुल बजट का पहले से काफी अधिक खर्च किया जा रहा है।
 खास बातें 
राज्य का पहला बजट महागठबंधन सरकार ने पेश किया। पेश है इस बजट की खास बातें :

  • 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोजगार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर 1,000 रुपए प्रतिमाह की दर से दो साल तक स्वयं सहायता भत्ता
  • ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’ के तहत 12वीं पास हर इच्छुक विद्यार्थी को 4 लाख रुपए तक शिक्षा लोन बैंकों से मिलेगा। बैंकों को सरकार गारंटी देगी।
  • युवाओं की उद्यमिता विकास एवं स्टार्ट अप कैपिटल के लिए 500 करोड़ रुपए का वेंचर कैपिटल फंड। युवाओं को उद्योग लगाने में सहायता मिलेगी।
  • अगले पांच वर्षों में चापाकल और पेयजल के अन्य साधनों पर लोगों की निर्भरता पूरी तरह से खत्म की जाएगी।
  • अगले दो वर्षों में सभी गांवों में बिजली और सरकारी पैसे से घर में कनेक्शन
  • स्वस्थ एवं स्वच्छ बिहार के लिए हर घर शौचालय की व्यवस्था
  • शिक्षण संस्थानों में वाई-फाई से इंटरनेट दिया जाएगा
  • सरकारी नौकरी में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा
  • सभी गांव एवं शहरों में गली-नाली का निर्माण कराया जाएगा
  • किशनगंज में कृषि विवि बनाने की घोषणा
  • पांच साल में सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कुल 23 मेडिकल कॉलेज और नौ नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे
  • बिहार में हिन्दी, अंग्रेजी और कम्प्यूटर शिक्षा पर जोर
  • तकनीकी शिक्षा पर जोर ताकि लोगों को रोजगार मिलने में आसानी हो
  • जिला एवं अनुमंडल में उच्च, व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी
  • हर जिले में जीएनएम स्कूल, पारामेडिकल इंस्टीट्यूट, पॉलिटेक्निक, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना
  • सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना
  • पांच साल में 31.183 हजार किलोमीटर ग्रामीण पथ का निर्माण
  • 2.34 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता का सृजन
  • 1.20 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता का पुनस्र्थापन
  • बूढ़ी गंडक, नून, बाया और गंगा लिंक नहर
  • सकरी नदी पर बागसोती बराज
  • नाटा नदी पर बराज का निर्माण
  • कमिश्नर, डीएम, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ व बीडीओ को जीपीएस सेट मिलेंगे
  • लगभग 30 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य
  • समस्तीपुर, मुंगेर, गया, गोपालगंज, शेखपुरा, भोजपुर, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण, किशनगंज और नवादा में पॉलिटेक्निक कॉलेज।

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

रेल बजट 2016-17 : यात्रिगण कृपया ध्यान दें

 खास खबर 
पटना : ये मोदी सरकार का तीसरा रेल बजट और प्रभु का दूसरा रेल बजट है। रेल मंत्री ने चार नई ट्रेनों का एलान करते हुए किसी भी तरह का किराया नहीं बढ़ाया है। सिक्युरिटी के लिए स्टेशनों, बोगियों में सीसीटीवी की बात कही। जो 4 स्पेशल फैसिलिटी वाली ट्रेनें चलेंगी, उनमें हमसफर में सिर्फ एसी थ्री कोच होंगे। अंत्योदय में अनरिजर्व्ड कोच ही होंगे। तेजस 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। उदय केवल रात में चलेगी। यह एसी डबल डेकर ट्रेन होगी। ये कैटेगरी बेस्ड ट्रेनें किस रूट पर चलेंगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया।
  • रेल मंत्री ने तीन ट्रेनें शुरु करने की घोषणा की, जिनके नाम होंगे हमसफर, तेजस और उदय एक्सप्रेस।
  • आधुनिक साज-सज्जा वाले सवारी डिब्बों के साथ नई रेलगाड़ी महामना एक्सप्रेस शुरू की है।
  • वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूंजीगत योजना के लिए 1.21 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं।
  • प्रत्येक सवारी डिब्बे में वरिष्ठ नागरिक कोटे को 50 फीसदी बढ़ा रहे हैं।
  • गूगल की साझेदारी से इस साल 100 स्टेशनों और अगले 2 साल में 400 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाओं का प्रस्ताव।
  • इस वित्तीय वर्ष के अंत तक ट्रेनों में 17,000 जैव शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • दुनिया का पहला जैव निर्वात शौचालय भारतीय रेल ने तैयार किया और डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में प्रयोग हो रहा है।
  • 1780 ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें और 225 कैश-क्वाइन और स्मार्ट कार्ड चालित टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई गई।
  • इस साल 44 नई परियोजनाएं शुरू होंगी।
  • प्रति मिनट 7200 ई-टिकट देने का लक्ष्य।
  • राज्य सरकारों के साथ 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए।
  • भारतीय जीवन बीमा निगम ने अनुकूल शर्तों पर 1.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की सहमति दी।
  • 2500 किमी अतिरिक्त बड़ी लाइन चालू करने के लक्ष्य से भी आगे निकल जाएंगे, जो पिछले साल से ज्यादा होगा।
  • 2020 तक स्वर्णिम चतुर्भुज पर सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाने का लक्ष्य।
  • रेलवे में 1 रुपए के निवेश से पूरी अर्थव्यवस्था में 5 रुपए की वृद्धि हो।
  • पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर औसतन 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखने का लक्ष्य।

सुरक्षा के लिए बीच बोगी में मिलेगा महिलाओं को रिजर्वेशन 

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को संसद में रेल बजट पेश किया। उन्होंने बजट पेश करते हुए संसद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पंक्तिया दोहराईं - हम न रुकेंगे, हम न झुकेंगे, चलो मिलकर कुछ नया बनाएं। बजट में यात्री किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। चार नई ट्रेनें - अंत्योदय, तेजस, हमसफर और उदय चलाने का ऐलान किया गया। 2020 तक हर यात्री को कन्फर्म टिकट देने का लक्ष्य रखा गया है और हर रिजर्व कैटेगिरी में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षति रखने की घोषणा की गई है।
2020 तक हर यात्री को कन्फर्म टिकट 
रेल मंत्री ने ऐलान किया कि 2020 तक हर यात्री को कन्फर्म टिकट मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पीएम मोदी के विजन को साकार करना है। पीएम चाहते हैं कि तेजी और कुशलता के साथ काम हो। हमने 2020 तक बड़ी लाइनों के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।’’
पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी 
रेल मंत्री ने कहा कि पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर औसतन 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर रेलवे सुविधाएं बढ़ाएगी। पिछड़े क्षेत्रों में भी रेल रूट बनाने की योजना पर काम हो रहा है।
सोशल मीडिया रेलवे के लिए शिकायतों का प्लेटफॉर्म
प्रभु ने रेल बजट में सोशल मीडिया का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से रोज रेलवे को एक लाख से ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। सोशल मीडिया रेलवे के लिए शिकायतों का प्लेटफॉर्म है।
हर बड़े स्टेशन पर सीसीटीवी सर्विलांस
प्रभु ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है और इसी को देखते हुए सभी बड़े स्टेशनों को चरणबद्ध तरीके से सीसीटीवी सर्विलांस में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 311 स्टेशनों पर सीसीटीवी का इंतजाम किया जा चुका है।
अंत्योदय और हमसफर ट्रेन चलेगी 
प्रभु ने ऐलान किया कि आम लोगों के लिए अंत्योदय ट्रेनें चलेंगी, जिसमें सभी कोच थर्ड एसी होंगे। उन्होंने हमसफर ट्रेन चलाने का भी ऐलान किया, जो 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगी। इस ट्रेन में सिर्फ तीन एसी कोच होंगे।
139 पर फोन कर टिकट कैंसल होगा
प्रभु ने ऐलान किया कि यात्री 139 पर फोन करके टिकट कैंसल करा पाएंगे। उन्होंने दिल्ली में रिंग रोड की तर्ज पर रिंग रेलवे सेवा से 21 स्टेशनों को जोड़ने की भी घोषणा की।
1.21 लाख करोड़ का बजट 
रेल मंत्री ने कहा, हम संचालन अनुपात 92 फीसदी हासिल करने की कोशिश करेंगे। इस साल के आंकलन में 8,720 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है। रेल बजट में 1.21 लाख करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान है। प्रभु ने कहा कि उन्हें सरकार से 40 हजार करोड़ रुपये बजटीय सहयोग की उम्मीद है।

रिटायरिंग रूम की बुकिंग ऑनलाइन होगी 

प्रभु ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए कई ऐलान किए। रिटायरिंग रूम की ऑनलाइन बुकिंग हो सकेगी। महिला हेल्पलाइन बनाई जाएगी, जो 24 घंटे काम करेगी। अगले साल 400 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा मिलेगी। मौजूदा वित्त वर्ष की समाप्ति तक 17 हजार अतिरिक्त जैविक शौचालय चालू होंगे।
प्रभु ने बजट पेश करने से पहले कहा, ‘‘यात्री रेलवे की आत्मा हैं। हमारी प्राथमिकता में यात्रियों की सुरक्षा और सेफ्टी सबसे ऊपर है। हम सभी स्टेशनों पर वाई-फाई उपलब्ध कराएंगे।’’ रेल मंत्री के मुताबिक, मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया रेलवे के लिए प्राथमिकता रहेगी। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘‘हमने आम आदमी की जरूरतों को ध्यान में रखकर रेल बजट बनाया है।’’ रेल मंत्री ने इस बार सबकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बजट को अंतिम रूप दिया है।

भारतीय रेलवे से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें

भारत की एक फीसदी आबादी रोज भारतीय रेल में सफर करती है। भारतीय रेलवे दुनिया का चैथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। जानिए भारतीय रेलवे से जुड़ी दिलचस्प और खास बातें...
1. रोज 11 हजार ट्रेनें, 60 हजार किलोमीटर लंबे नेटवर्क 
2. भारतीय रेल 15.40 लाख लोगों को रोजगार देती है। फोर्ब्स के मुताबिक, यह लोगों को रोजगार देने वाला दुनिया का सातवां सबसे बड़ा संस्थान है।
3. डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी भारतीय रेलवे का सबसे लंबा रूट है। इसकी लंबाई 4,286 किलोमीटर है, जिसमें 56 पड़ाव हैं। इस रूट को कवर करने में 82 घंटे से ज्यादा वक्त लगता है।
4. त्रिवेंद्रम-निजामुद्दीन राजधानी एक्सप्रेस बिना रुके वड़ोदरा से कोटा तक का 528 किलोमीटर का सफर सिर्फ साढ़े छह घंटे में तय करती है। यह देश की सबसे लंबी नॉन-स्टॉप ट्रेन है। जबकि हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस सबसे ज्यादा स्टेशनों पर रुकने वाली ट्रेन है, जिसके 115 स्टॉपेज हैं।
5. नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी देश की सबसे तेज चलने वाली गाड़ी है, जिसकी जगह जल्द गतिमान एक्सप्रेस ले लेगी। जबकि नीलगिरी एक्सप्रेस देश की सबसे धीमी गाड़ी है, जो औसतन 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है।
6. गुवाहाटी-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस सबसे लेटलतीफ ट्रेन मानी जाती है, जो आमतौर पर अपने वक्त से 10-12 घंटा लेट रहती है।
7. Venkatanarasimharajuvaripeta] यह चेन्नई के पास अराकोणम-रेनिगुंटा रूट पर एक स्टेशन है, जो किसी स्टेशन का सबसे लंबा नाम है। ओडिशा में आईबी और गुजरात में ओडी स्टेशनों के सबसे छोटे नाम हैं।
8. नवापुर स्टेशन गुजरात और महाराष्ट्र दोनों में पड़ता है। दोनों राज्यों में इसका आधा-आधा हिस्सा है।
9. श्रीरामपुर और बेलापुर दो अलग-अलग स्टेशन हैं, लेकिन महाराष्ट्र के अहमदनगर में पड़ने वाले ये स्टेशन एक ही पटरी पर आमने-सामने हैं।
10. 6 जून, 1981 को बिहार में बागमती नदी में ट्रेन गिर जाने से लगभग 800 लोगों की मौत हो गई थी, जो भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे भयानक हादसा है।

महिलाओं के लिए ये है खास

1. महिला सुरक्षा जरूरी, हेल्पलाइन नंबर होगा 182
2. सुरक्षा के लिहाज से बोगी के बीच में होगा महिलाओं का आरक्षण
3. 311 स्टेशनों में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
4. हर कैटेगरी में 30 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए
5. ट्रेन में सफर कर रही महिलाओं के छोटे बच्चों के लिए अलग से खाना उपलब्ध होगा।

राज्य अल्पसंख्यक आयोगों का वार्षिक सम्मेलन समाप्त

 संक्षिप्त खबर 
नई दिल्ली : राज्य अल्पसंख्यक आयोगों का एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन, 2016 समाप्त हो गया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले की मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि लोगों को संस्कृति एकसाथ जोड़ती है, धर्म नहीं। केंद्र सरकार के ध्येय “सबका साथ, सबका विकास” के साथ समावेशी विकास के फोकस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एक संघीय प्रणाली में केंद्र योजना बना सकता है, लेकिन उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्यों पर है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए सम्मेलन से तरीके ढूंढने की अपील की। डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने भागीदारों से एक अधिक जिम्मेदार, सतर्क एवं एक ऐसी प्रणाली का ईजाद करने की भावना विकसित करने की अपील की, जिसमें राज्य और केंद्र आपस में प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक दूसरे को सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मंत्रालय शिक्षा एवं कौशल विकास के माध्यम से अल्पसंख्यकों को अधिकार संपन्न बनाने पर फोकस कर रहा है और उन्होंने इस प्रयास के लिए लोगों से सहयोग की अपील की। 
डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि हज अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय को हस्तांतरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बारे में सिद्धांत रूप से निर्णय ले लिया गया है और इसके क्रियान्वयन के लिए तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है। 

सरकारी विभागों के भर्ती नियमों में संशोधन हो : रूडी 

नई दिल्ली : कुशल कर्मचारियों के लिए अधिकतम अवसर सृजित करने पर केन्द्रित ध्यान के अनुरूप केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री राजीव प्रताप रूडी ने सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों से व्यापार संबंधी विशेष पदों पर नियुक्ति के लिए चलाये जा रहे अपने भर्ती अभियानों में अस्पष्टता कम करने और इस तरह के पदों के लिए पात्रता मानदंड के रूप में एमएसडीई की प्रशिक्षुता (अप्रेन्टिसशिप) प्रशिक्षण योजना (एटीएस) के तहत प्रदान किये जा रहे राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रमाणपत्र (एनएसी) को मान्यता देने का आग्रह किया है। श्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह जरूरी है कि सभी को समान अवसर मिले, ताकि समस्त संगठनों में कुशल कर्मचारियों की भर्ती हो सके। इस कदम से एनएसी प्राप्त करने वालों को समान अवसर मिलना सुनिश्चित हो सकेगा जो उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 
एमएसडीई के सचिव श्री रोहित नंदन ने कहा कि सरकार ने डीजीटी के तहत व्यापक सुधार लागू किये हैं और यह प्रमाणित कर्मचारियों को समस्त क्षेत्रों (सेक्टर) में उपलब्ध अवसरों से जोड़ने की एक और पहल है। यह देखा गया है कि एनटीसी की तुलना में अधिक योग्यता होने के बावजूद एनएसी अभ्यर्थियों के नामों पर विचार नहीं किया जाता है। इससे सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर प्रदान करना सुनिश्चित हो सकेगा। 
ज्ञात हो कि एमएसडीई के अधीनस्थ प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) अपनी प्रमुख प्रशिक्षुता (अप्रेन्टिसशिप) प्रशिक्षण योजना (एटीएस) के तहत कार्यरत 28,500 प्रतिष्ठानों के जरिये 259 नामित काम-धंधों में अभ्यर्थियों को रोजगार के दौरान प्रशिक्षण प्रदान करता है।

बाघों के संरक्षण पर तीसरा एशिया मंत्रीस्तरीय सम्मेलन अप्रैल में 

नई दिल्ली : बाघों के संरक्षण पर होने वाले तीसरे तीन दिवसीय एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 12 अप्रैल, 2016 को करेंगे। सम्मेलन की प्रस्तावना के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव के अलावा भूटान, मलेशिया, इंडोनेशिया और रूस (टीआरसीएस) चार टाइगर रेंज देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 
इस अवसर पर श्री जावड़ेकर ने कहा कि पूरे विश्व में सिर्फ 13 देश ऐसे हैं, जिनके जंगलों में बाघ पाये जाते हैं। इन्हें बाघ वाले क्षेत्र कहलाने का गर्व प्राप्त है। उन्होंने आगे कहा कि तीसरे एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन का आयोजन भारत के लिए गौरव के क्षण होंगे। सम्मेलन में सभी टीआरसीएस देश, बाघ जो शानदार प्रजाति होने के साथ भारत का राष्ट्रीय पशु है, के संरक्षण और इस ओर किये अपने उच्च प्रयासों और सफलता की कहानी कहेंगे।
बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मंत्रालय के सचिव श्री अशोक लवासा ने बाघ संरक्षण और इससे जुड़े मूल्य के लिए होने वाले तीसरे एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। श्री लवासा ने भारत में बाघ संरक्षण, वन्य जीवन और जंगलों के प्रति भारत की चिंता को सबके सामने रखा। 
पूर्व एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन का प्रस्तुतिकरण और तीसरे एशिया मंत्री स्तरीय सम्मेलन को प्रदर्शित करने वाले प्रोजेक्ट टाइगर के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी-पीटी) और नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के सचिव सदस्य श्री बीएस बोनल ने इस अवसर पर प्रोजेक्ट टाइगर, एनटीसीए के योगदान के महत्व के साथ ही बाघ संरक्षण के क्षेत्र में भारत को मिली सफलता की जानकारी दी। इस बात पर भी चिंता जताई गई कि बाघों के संरक्षण में सबसे बड़ा खतरा इनका शिकार करना, मौजूदा बाजारों में बाघ की खाल और शरीर के विभिन्न अंगों का दूसरे देशों में भेजा जाना प्रमुख है। बाघों को बचाने के लिए टाइगर रेंज देशों के अलावा इस ओर कार्यरत गैर सरकारी तंत्रों को निरंतर प्रयास करने होंगे। उम्मीद जताई गई है कि आगामी सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर बाघ संरक्षण की इच्छा को बल मिलने से भविष्य में इसके बेहतर परिणाम सामने आयेंगे। अपने धन्यवाद ज्ञापन में श्री जावड़ेकर ने अन्य देशों से आये प्रतिनिधियों, अध्यक्ष, एनटीसीए के साथ सभी टीआरसीएस को इस उपयोगी और महत्वपूर्ण सम्मेलन में उपस्थित रहने का अनुरोध किया।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

देश का सबसे स्वच्छ शहर है मैसूर, धनबाद सबसे गंदा, पटना भी गंदे शहर में शामिल

  • 10 स्वच्छ शहरों में सूरत, राजकोट, गंगटोक, विशाखापत्‍तनम शामिल
  • इलाहाबाद में सबसे अधिक सुधार हुआ 
  • एनडीएमसी, उत्‍तर और दक्षिण एमसीडी की श्रेणियों में हुआ सुधार
  • पूर्वी एमसीडी की श्रेणी में आई कमी 
  • स्वच्छ भारत अभियान ने बनाया एक सकारात्‍मक प्रभाव : एम.वैंकेया नायडू
Mysore
देशभर में पिछले माह किए गये प्रमुख 73 शहरों के स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण के परिदृश्‍य में कर्नाटक का मैसूर शहर सबसे स्‍वच्‍छ शहर की श्रेणी पर जबकि झारखंड का धनबाद शहर सबसे निचले पायदान पर है। शहरी विकास मंत्री श्री एम.वैंकेया नायडू के द्वारा आज एक संवाददाता सम्‍मेलन में ‘’स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2016’’ के परिणाम जारी किये गये। इस सर्वेक्षण के लिए 10 लाख से ज्‍यादा की आबादी के 53 शहरों और इससे अधिक की जनसंख्‍या न रखने वाली 22 राजधानियों का चयन किया गया था। नोयडा और कोलकाता ने अगले दौर के सर्वेक्षण में शामिल होने की इच्‍छा जताई है।
स्‍वच्‍छता और स्‍वास्‍थ्‍य के संबंध में प्रमुख 10 शहरों की श्रेणी में – मैसूर, चंडीगढ़, तिरूचनापल्‍ली (तमिलनाडु), नई दिल्‍ली नगरपालिका परिषद, विशाखापत्‍तनम (आंध्र प्रदेश), गुजरात से सूरत और राजकोट, सिक्‍किम से गंगटोक, महाराष्‍ट्र से पिंपरी छिंदवाड़ और ग्रेटर मुंबई शामिल हैं।
इस वर्ष के सर्वेक्षण में 10 प्रमुख स्‍वच्‍छ शहरों में स्‍थान बनाते हुए विशाखापत्‍तनम (आंध्रप्रदेश), सूरत, राजकोट (गुजरात) और गंगटोक (सिक्‍किम) ने अपनी श्रेणियों में सुधार किया है।
Patna
निचले पायदान के 10 शहरों में कल्‍याण डोम्‍बिविली (महाराष्‍ट्र 64वीं श्रेणी), जमशेदपुर (झारखंड), जमशेदपुर (झारखंड), वाराणसी, गाजियाबाद (उत्‍तरप्रदेश), रायपुर (छत्‍तीसगढ़), मेरठ (उत्‍तर प्रदेश), पटना (बिहार), र्इंटानगर (अरूणाचल प्रदेश), आसंनसोलन (पश्‍चिम बंगाल) और धनबाद 73वीं श्रेणी पर हैं।
स्‍वच्‍छता के लिए पिछला सर्वेक्षण एक लाख और इससे अधिक की जनसंख्‍या वाले 476 शहरों में वर्ष 2014 में किया गया था। इस सर्वेक्षण को प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के पिछले वर्ष अक्‍टूबर में शुभारंभ किए गये स्‍वच्‍छ भारत अभियान से पूर्व किया गया था। इन शहरों के 2014 के सर्वेक्षण के परिणाम स्‍वच्‍छ भारत अभियान के घटकों जैसे शौचालयों का निर्माण, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन अैर व्‍यक्‍तिगत निगरानी और व्‍यापक मानदंडों के संबंध में उनके प्रदर्शन पर आधारित थे। इससे स्‍वच्‍छ भारत अभियान के प्रभाव के आकलन के लिए दोनों सर्वेक्षणों के परिणामों की तुलना करने में मदद मिली।
इस वर्ष के सर्वेक्षण के परिणामों के साथ आगे भी तुलना करने के लिए 2014 में अपनी श्रेणियों में पहुँचे अंकों के आधार पर 73 शहरों के सर्वेक्षण में उनको इस बार भी श्रेणियां प्रदान की गईं। 
दो सर्वेक्षणों के अंकों और श्रेणियों की तुलना के आधार पर श्री वैकेया नायडू ने कहा कि :
  1. स्‍वच्‍छ भारत अभियान ने स्‍वच्‍छता में सुधार, नागरिकों और स्‍थानीय शहरी निकायों के दृष्‍टिकोणों में जमीन स्‍तर पर सुधार की दिशा में बढ़ाए गये प्रयासों के संदर्भ में शहरी क्षेत्रों में सकारात्‍मक प्रभाव बनाया है।
  2. स्‍वच्‍छता की ओर प्रगति के मामले में शहर विभिन्‍न स्‍तरों पर हैं और एक दूसरे से बेहतर बनने की होड़ में आगे निकलने के लिए एक स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा जारी है।
  3. कुल मिलाकर दक्षिण और पश्‍चिम के शहरों ने बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन देश के अन्‍य क्षेत्रों खासतौर पर उत्‍तर में पारंपरिक प्रमुखों तक पहुँचने की शुरूआत कर रहे हैं।
  4. पूर्व और उत्‍तर के कुछ क्षेत्रों में धीमी गति पर चल रहे चिन्‍हित शहरों के लिए प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत है।
  5. प्रमुखों के तौर पर शहरों की श्रेणीकरण, महत्‍वाकांक्षी प्रमुख, अपने प्रयासों को गति देने की इच्‍छा रखने वाले और धीमी गति से आगे बढ़ रहे शहरों के बीच एक स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा के लिए प्रोत्‍सा़हित किया जाएगा।    
  6. सर्वेक्षण के निष्‍कर्षों को सार्वजनिक कर देने के फलस्‍वरूप शहरों के बीच स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा और ज्‍यादा बढ़ जाएगी, क्‍योंकि जिस चीज को भी मापा जाता है, उसे बाकायदा किया जाता है और प्रतिस्‍पर्धा किसी को भी बेहतर प्रयास करने के लिए प्रेरित करती है।
  7. स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2016 व्‍यापक, प्रोफेशनल, साक्ष्‍य आ‍धारित और सहभागितापूर्ण था।
श्री नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17 शहर, पश्चिमी भारत के 6 शहर, दक्षिण भारत के 5 शहर और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नये शहर चुनौती दे रहे हैं।
उपर्युक्‍त 32 शहरों में शामिल जिन शीर्ष 10 शहरों ने वर्ष 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में काफी ज्‍यादा सुधार किया है उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदानों का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापत्‍तनम (39 पायदानों का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदानों का सुधार), हैदराबाद (31 पायदानों का सुधार), गुड़गांव (29 पायदानों का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदानों का सुधार) और लखनऊ (23 पायदानों का सुधार)।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की रैंकिंग वर्ष 2014 के सातवें पायदान से सुधर कर वर्ष 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर‍निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसल कर वर्ष 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है।
वर्ष 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है।
अपनी रैंकिंग में बहुत ज्‍यादा सुधार करने वाले शीर्ष शहरों में से चार शहर उत्‍तर भारत के हैं, जबकि अपनी रैंकिंग में बेहद कमी दर्शाने वाले शीर्ष 10 शहरों में से कोई भी शहर उत्‍तर भारत का नहीं है।
साफ-सफाई की ओर अपने प्रयासों और जमीनी हालात में सुधार करने के दौरान वर्ष 2016 में कुल मिलाकर 33 शहरों की रैंकिंग पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले घट गई है। सर्वेक्षण  में शामिल उत्‍तर भारत के 28 शहरों में से 11 शहर, दक्षिण भारत के 15 शहरों में से 8 शहर, पश्चिमी भारत के 15 शहरों में से 7 शहर, पूर्वी भारत के 7 शहरों में से 5 शहर और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के 8 शहरों में से 2 शहर अपनी रैंकिंग में गिरावट दर्शाने वाले इन 33 शहरों में शामिल हैं।
स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2016 के लिए अपनाए गए तरीकों का उल्‍लेख करते हुए श्री नायडू ने सूचित किया कि 73 शहरों के प्रयासों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए तय किए गए कुल 2,000 अंकों में से 60 फीसदी अंक ठोस कचरे के प्रबंधन से संबंधित पैमानों के लिए तय किए गए थे, जबकि शौचालय निर्माण के लिए 21 फीसदी अंक और शहर स्‍तरीय स्‍वच्‍छता रणनीति तथा व्यवहार परिवर्तन संबंधी संचार के लिए 5-5 फीसदी अंक तय किए गए थे।
यह सर्वेक्षण करने वाली भारतीय गुणवत्‍ता परिषद ने हर शहर में 42 स्‍थानों का दौरा करने के लिए 3-3 प्रशिक्षित सर्वेक्षकों की 25 टीमें तैनात की थीं, जिन्‍होंने प्रमुख क्षेत्रों जैसे कि रेलवे स्‍टेशनों, बस स्‍टैंडों, धार्मिक स्‍थलों, प्रमुख बाजार स्‍थलों, झुग्गियों एवं शौचालय परिसरों समेत नियोजित एवं गैर-नियोजित आवासीय क्षेत्रों को कवर किया। सर्वेक्षण में शामिल टीमों ने साक्ष्‍य के तौर पर अपने दौरे वाले स्‍थानों की भौगोलिक जानकारी संबंधी कुल 3,066 तस्‍वीरें लीं और उन्‍हें आज वेबसाइट पर अपलोड किया गया।
श्री नायडू ने कहा कि सभी 73 शहरों को अग्रिम तौर पर काफी पहले ही विस्‍तृत रूप से जानकारी दे दी गई थी, ताकि साफ-सफाई में बेहतरी के साथ-साथ सर्वेक्षण वाली टीमों द्वारा सत्यापन के लिए अपने प्रयासों के दस्तावेजी प्रमाण पेश किए जा सकें। एक लाख से भी ज्‍यादा नागरिकों ने संबंधित शहरों में साफ-सफाई पर अपने फीडबैक पेश किए, जिससे वर्ष 2016 में किया गया सर्वेक्षण साक्ष्‍य आधारित और सहभागितापूर्ण साबित हुआ है।

शहरी क्षेत्रों में बेहतर स्वच्छता हेतु 15 शहर सम्मानित 

स्‍वच्‍छता के विभिन्‍न क्षेत्रों में अच्‍छे कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा आज देश भर के 15 शहरों को सम्‍मानित किया गया। शहरी विकास मंत्री श्री एम.वेंकैया नायडू ने अपने-अपने शहरों में बेहतर स्‍वच्‍छता हेतु किए गए प्रयासों के लिए ‘स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण-2016’ के निष्‍कर्षों की घोषणा करने के बाद इन शहरों को ट्राफियां और स्मृति चिन्ह प्रदान किए।
पुरस्कार विजेताओं का ब्‍यौरा नीचे दिया गया है :
शहर                 श्रेणी
मैसूर ---- समग्र रूप से सर्वोत्‍तम प्रदर्शन करने वाला शहर
चंडीगढ़ ---- उत्‍तरी क्षेत्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला शहर और नागरिक फीडबैक श्रेणी में सर्वोत्‍तम
तिरुचिरापल्‍ली ---- व्यवहार परिवर्तन संबंधी संचार में सबसे अच्छा प्रदर्शन
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ---- स्‍मार्ट शहरों में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन और सेवा स्तर की स्थिति में सर्वोत्‍तम
विशाखापत्‍तनम ----  दक्षिणी क्षेत्र में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन और स्वतंत्र अवलोकन श्रेणी में सर्वोत्‍तम
सूरत  ---- पश्चिमी क्षेत्र में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन
राजकोट ---- ठोस कचरे के डोर-टू-डोर संग्रह एवं ढुलाई और सफाई में सबसे अच्छा प्रदर्शन
गंगटोक ---- पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन और राजधानियों के बीच सबसे अच्छा प्रदर्शन
पिंपरी चिंदवाड़ ---- सैटेलाइट शहरों के बीच सबसे अच्छा प्रदर्शन
ग्रेटर मुंबई ---- मेगा शहरों के बीच सबसे अच्छा प्रदर्शन
इलाहाबाद ---- उत्‍तरी क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शहर (रैंकिंग में सर्वाधिक सुधार)
नागपुर ---- पश्चिमी क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शहर
विशाखापत्‍तनम ---- दक्षिणी क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शहर
भुवनेश्‍वर ---- पूर्वी क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शहर
इंफाल ---- पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला शहर
श्री वेंकैया नायडू ने घोषणा की कि एक लाख तथा उससे ज्‍यादा की आबादी वाले सभी 500 शहरों का सर्वेक्षण हर साल साफ-सफाई का जायजा लेने के लिए किया जाएगा और सबसे अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले शहर को एक रोलिंग ट्रॉफी प्रदान की जाएगी। राज्‍यों को भी शहरों की रैंकिंग करने की सलाह दी जाएगी, ताकि संबंधित राज्‍यों में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले शहर को सम्‍मानित किया जा सके। इसी तरह राज्‍यों को प्रत्‍येक शहरी स्थानीय निकाय की रैंकिंग करने की सलाह दी जाएगी, ताकि इसी तरह से साफ-सफाई के मामले में सर्वोत्‍तम निकाय की पहचान की जा सके।

झारखंड को मिला अपना पहला मेगा फूड पार्क

  • करीब 25 हजार से 30 हजार किसानों को फायदे मिलने की उम्‍मीद 

झारखंड में खाद्य प्रसंस्‍करण सेक्‍टर के विकास को गति देने के लिए मेसर्स झारखंड मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड की ओर से राज्‍य में पहला मेगा फूड पार्क का आज उद्घाटन किया गया। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने रांची जिले के गेटलसूद गांव में इस पार्क का उद्घाटन किया। 
इस अवसर पर श्रीमती बादल ने कहा कि यह मेगा फूड पार्क 51.50 एकड़ क्षेत्र में बना है और इस पर निर्माण परियोजना लागत 114.73 करोड़ रुपए आई है। इस पार्क में बहु-स्‍तरीय शीत भंडारण, शुष्‍क माल गोदाम, सब्‍जियों के डिहाइड्रेशन लाइन, आधुनिक गुणवत्‍ता नियंत्रण और परीक्षण प्रयोगशाला सहित फलों और सब्‍जियों की प्रसंस्‍करण जैसी दूसरी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। मंत्री महोदया ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि इस मेगा फूड पार्क परियोजना में आधुनिक बुनियादी सुविधाएं मौजूद रहेंगी जिसमें बागवानी और गैर-बागवानी उत्‍पादों को सड़ने से बचाने की हर सुविधा है। इस परियोजना से किसानों को अपने उत्‍पादों की बेहतर कीमत तो मिलेगी ही, उनके उत्‍पाद कम-से-कम खराब होंगे। इसके अलावा, कृषिगत उत्‍पादों और उद्यमशीलता के व्‍यापक अवसर पैदा होने से राज्‍य के युवाओं को रोजगार मिलेगा। 
इस अवसर पर झारखंड के मुख्‍यमंत्री श्री रघुवर दास, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍य मंत्री साध्वी निरंजन ज्‍योति और रांची से लोकसभा सांसद श्री राम टहल चौधरी भी उपस्‍थित थे। 
इस मेगा फूड पार्क से उम्‍मीद है कि इससे करीब 6 हजार लोगों को प्रत्‍यक्ष और परोक्ष रोजगार मुहैया होगा और आसपास के करीब 25 से 30 हजार किसान भी इससे लाभांवित होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के निर्देशन में खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग पर अच्‍छा-खासा जोर है, जिससे मेक इन इंडिया पहल को गति दी जा सके। साथ ही आधुनिक बुनियादी सुविधाएं निर्मित कर इस क्षेत्र को नई पहचान के अलावा निजी निवेश को बढ़ावा दिया जा सके। 

पिछले सप्ताह 253 गांवों में बिजली पहुंचाई गई 

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत पिछले सप्ताह ( 8 से 14 फरवरी, 2016) देश भर में 253 गांवों में बिजली पहुंचाई गई। जिन गांवों को विद्युतीकरण हुआ, उनमें 111 गांव ओडिशा, 81 गांव असम, 40 गांव झारखंड, 13 गांव राजस्थान, 4 गांव बिहार, 3 गांव मध्य प्रदेश और 1 गांव उत्तर प्रदेश के हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि भारत सरकार ने 1000 दिनों यानी 01 मई, 2018 तक देश के उन सभी 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाने का फैसला किया है, जो अभी तक इससे वंचित हैं। इस परियोजना का काम मिशन मोड के तहत शुरू किया गया है और विद्युतीकरण प्रक्रिया की रणनीति के तहत लागू करने की अवधि घटा कर 12 महीने कर दी गई है। निगरानी की दृष्टि से विद्युतीकरण प्रक्रिया की समयवाधि  को 12 मील के पत्थर में विभाजित कर दिया गया है।
वर्ष 2015-16 के दौरान अब तक 5279 गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। बचे 13,173 गांवों में से 9228 गांवों तक ग्रिड के जरिये बिजली पहुंचाई जानी है। 3398 गांवों में बिजली बगैर ग्रिड के पहुंचाई जाएगी क्योंकि यहां भौगोलिक अड़चनों की वजह से ग्रिड सॉल्यूशन तक पहुंच नहीं है। 547 गांवों में राज्य सरकार खुद बिजली पहुंचाएगी। अप्रैल, 2015 से लेकर 14 अगस्त, 2015 तक 1654 गांवों में बिजली पहुंचाई गई। सरकार की ओर से इस काम को मिशन मोड में शुरू करने  के बाद 15 अगस्त, 2015 से लेकर 14 फरवरी तक 3625 अतिरिक्त गांवों में बिजली पहुंचाई गई। इस दिशा में रफ्तार तेज करने लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिये नजदीकी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा नियमित रूप से आरपीएम मीटिंग के दौरान इस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की जा रही है। साथ ही राज्य डिस्कॉम की ओर से जिन गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया चल रही है, उनकी सूची साझा की जा रही है। इसके अलावा उन गांवों की पहचान की जा रही है जहां मील के पत्थर प्रगति की रफ्तार धीमी है।

शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

मेरा दूसरा काव्य संग्रह

कविता अनवरत 2’ - मेरा दूसरा साझा काव्य संग्रह है। अयन प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है। सम्पादक हैं चन्द्रप्रभा सूद। मूल्य 500 रुपए है। इसी काव्य संग्रह से मैं अपनी कुछ कविताएं यहां दे रहा हूं। पूरा पढ़ने के लिए इस पते से यह किताब प्राप्त कर सकते हैं। पता : अयन प्रकाशन, 1/2, महरौली, नई दिल्ली - 110 030

मैं और समय

काश ! समय रूक जाता
पलकों में आकर छिप जाता
बड़े-बड़े वृक्ष होते
ये अम्बर को छूते
इनकी शीतल छाया होती
प्रभु की कुछ माया होती
मैं और सिर्फ समय होता
मैं हंसता, वह रोता
काश ! कुछ ऐसा होता
समय मेरे आंचल में सोता
मेरी धारा में सब बहते
मैं कहता वो करते
पतझड़ में भी फूल खिलते
कभी किसी के आंसू न गिरते
बंद पलकों में समय होता
मैं चलता, वह सोता
काश ! कुछ ऐसा होता
परन्तु न हुआ न होगा वैसा
यह नहीं कुछ ऐसा-वैसा
समय जब तेज चलता है
नहीं किसी की कुछ सुनता है।


तुम्हारी प्रतीक्षा में

तुम्हारा हर प्रेमपत्र
पत्रिका का एक संग्रहणीय अंक की तरह है
यह सोचकर
मैं इसे दिलरूपी डायरी में
नोट कर लेता था
कभी मिलो
तो मैं तुम्हें बताऊं
कि इन प्रेमपत्रों का विशेषांक
कैसे मेरे दिल के छापेखाना से 
छपकर तैयार रखा है
तुम्हारी प्रतीक्षा में
तुम्हारे ही हाथों विमोचन के लिए।

शून्य

जन्म से पहले
हम शून्य में थे
जन्म लिए शून्य में आए
लड़कपन गया
जवानी आई
पर शून्य नहीं गया
कुछ देखा, कुछ सुना
पर शून्य में ही रहकर
शून्य को समझ नहीं पाए
शून्य में ही पढ़े
काम किये
कठिनाइयों का सामना किये
और कठिनाइयों से लड़ते
हम बूढ़े हो गए
शून्य में मरकर
हम शून्य को चले गये
हमारी यात्रा शून्य से चलकर
शून्य को समाप्त हो गई
यह कोई मामूली शून्य नहीं
यह है एक विशाल शून्य
और इस शून्य की आत्मा है 
हमारे प्रभु, हमारे ईश्वर।