COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

Happy Diwali

झारखंड सहित पांच राज्यों में शहरी गरीबों के लिए 84,460 और किफायती मकानों के निर्माण को मंजूरी

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने झारखंड सहित पांच राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शहरी गरीबों के लिए 84,460 और मकानों के निर्माण को मंजूरी दी है। इनमें कुल मिलाकर 3,073 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसके लिए 1,256 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ‘लाभार्थी की अगुवाई में निर्माण’ घटक के तहत इन मकानों का निर्माण किया जाएगा। पश्चिम बंगाल के लिए 1,918 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 47,379 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिनके लिए 711 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को स्वीकृति दी गई है। पंजाब के लिए 424 करोड़ रुपये के निवेश एवं 217 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ 15,209 मकानों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है। 
इसी तरह झारखंड के लिए 464 करोड़ रुपये की कुल लागत एवं 192 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ 12,814 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। केरल के लिए 179 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 5968 मकानों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है, जिनके लिए 89 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है।
मणिपुर के लिए पहली बार 3,090 मकानों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है, जिनमें कुल मिलाकर 88 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और जिनके लिए 46 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ‘लाभार्थी की अगुवाई में निर्माण’ घटक के तहत आर्थिक दृष्टि से पिछड़े तबकों से वास्ता रखने वाले हर पात्र लाभार्थी को संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुरूप मौजूदा मकानों के विस्तारीकरण, उन्नयन के लिए 1.50 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता दी जाती है।

कार्यशाला आयोजित

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव - 2016 के एक हिस्से के तहत नई दिल्ली में ‘वन अधिकार अधिनियम, 2006 - इसके क्रियान्वयन, जनजातीय एवं वनों में रहने वाले अन्य परम्परागत समुदायों को लाभ और इसकी चुनौतियों’ पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला की अध्यक्षता केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम और सह-अध्यक्षता केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर ने जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव और यूएनडीपी की डिप्टी कंट्री डायरेक्टर मैरिना वाल्टर की मौजूदगी में की।
कार्यशाला के लिए पैनल के सदस्यों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलाधिपति डॉ. एसएम झारवाल, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में डीआईजी (वन) नोयल थॉमस और महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र में एसोसिएट प्रोफेसर एवं मानव शास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. फरहद मॉल्लिक और जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव शामिल थे। इस कार्यशाला में लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें राज्य सरकारों के मंत्रिगण, सांसद, राज्य विधान सभाओं के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव राजेश अग्रवाल द्वारा एक प्रासंगिक प्रस्तुति दी गई, जिसमें अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, जिसे वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 के रूप में भी जाना जाता है, के महत्वपूर्ण पहलुओं एवं खास बातों का उल्लेख किया गया। डीआईजी (वन) नोयल थॉमस द्वारा भी एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें ग्राम सभा द्वारा वन के संरक्षण एवं प्रबंधन के साथ-साथ वन संरक्षण कानूनों की तुलना में अन्य आवश्यक विशेषताओं के लिए भी सामुदायिक वन संसाधन के दिशा-निर्देशों पर ध्यान केन्द्रित किया गया। डॉ. झारवाल और डॉ. मॉल्लिक ने एफआरए के तहत मंजूर सुरक्षात्मक अधिकारों का उल्लेख करने के अलावा वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन से जुड़ी चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से बताया।
जनजातीय मामलों के राजमंत्री ने जनजातीय लोगों और अन्य परम्परागत वनवासी समुदायों के वन अधिकारों की रक्षा करने और मान्यता देने वाले इस ऐतिहासिक कानून के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस संबंध में प्रक्रियाओं पर लगातार नजर रखी जा रही है और समय-समय पर कई स्तर पर इनकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने पैनल सदस्यों द्वारा की गयी व्यापक प्रस्तुतियों की भी सराहना की।

हिमाचल प्रदेश बना खुले में शौच से मुक्त वाला दूसरा राज्य

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश खुले में शौच से मुक्त देश का दूसरा राज्य घोषित किया गया। इससे पहले सिक्किम को खुले में शौच से मुक्त पहला राज्य घोषित किया गया था। राज्य सरकार ने शिमला में आयोजित एक समारोह में यह घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस उपलब्धि के लिए जिला और स्थानीय प्रशासकों का अभिनंदन किया। समारोह में केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा उपस्थित थे। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश ने सफलतापूर्वक 100 प्रतिशत स्वच्छता कवरेज हासिल कर लिया है। राज्य के सभी 12 जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं।
इस अवसर पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि बड़े राज्यों में उनके राज्य ने यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्वच्छ भारत मिशन हासिल करने में अपने अनुभवों को दूसरे राज्यों के साथ साझा करेगा। समारोह में केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खुले में शौच से मुक्त होने का दावा हिमाचल प्रदेश तभी करने में सफल हुआ है, जब स्वच्छता अभियान जन आंदोलन बना है।

गुरुवार, 27 अक्तूबर 2016

विस्थापित परिवारों के पुनर्वास के लिए 5.49 एकड़ भूमि अपेक्षित

 संक्षिप्त खबरें 
पटना : जिला भू-अर्जन कार्यालय, खगड़िया से प्राप्त सूचनानुसार, सार्वजनिक प्रयोजनार्थ यथा परियोजना ग्राम पूर्वी जानकी चक के कटाव विस्थापित परिवारों के पुनर्वास हेतु 5.49 एकड़ भूमि अपेक्षित है। उक्त कार्य हेतु ग्राम रहीमपुर इंगलिश, थाना नं0- 373/1, थाना-गोगरी, अंचल परबŸाा, जिला - खगड़िया में भिठ सिंचित खतियानी भूमि अर्जन हेतु चिह्नित किया गया है। उक्त भूमि का खाता संख्या-17 भूखंड संख्या-206 की 0.99 एकड़ तथा खाता संख्या - 14 भूखंड संख्या - 207 की 3.02 एकड़ एवं भूखण्ड संख्या - 208 की 1.48 एकड़ है। उक्त अधिघोषणा हितबद्ध व्यक्तियों की आपŸिायों को सुनने और अधिनियम संख्या - 30/2013 की धारा 15 में प्रदŸा यथा उपबंधित सम्यक् जांच के पश्चात् की गई है। यह भी जानकारी दी गयी है कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, खगड़िया के कार्यालय में किसी कार्य दिवस के दिन भूमि योजना का निरीक्षण किया जा सकता है।

अब हर साल धनवंतरि जयंती को मनाया जायेगा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस

नई दिल्ली : राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय 28 अक्टूबर, 2016 को नई दिल्ली में ‘आयुर्वेद के माध्यम से रोकथाम और मधुमेह का नियंत्रण’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीएमओ, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग, डीओपीटी डॉ जितेन्द्र सिंह इस समारोह का उद्घाटन करेंगे और आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद यशो नाइक इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय ‘आयुर्वेद के माध्यम से मिशन मधुमेह’ की शुरूआत करने जा रहा है। पूरे देश में मिशन मधुमेह एक विशेष रूप से परिकल्पित राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल भी जारी किया जाएगा। इसके लिए आयुष मंत्रालय ने कई राज्य सरकारों (आयुष विभाग, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग), राज्य आयुष निदेशालयों, सभी आयुर्वेद शिक्षण संस्थानों, आयुर्वेद फार्मा को आयुर्वेद के माध्यम से मधुमेह के नियंत्रण और रोकथाम के विषय पर सार्वजनिक व्याख्यान, संगोष्ठी, प्रदर्शनी आयोजित कर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने को कहा है।
कई राज्य सरकारों के आयुष विभागों ने इस संबंध में सक्रिय कदम उठाए हैं और मधुमेह के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस दिन स्वास्थ्य जांच शिविर, सार्वजनिक व्याख्यान, मधुमेह के रोगियों के लिए मुफ्त आयुर्वेदिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं जैसे कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।
सरकार ने धनवंतरि जयंती के दिन प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

बुधवार, 26 अक्तूबर 2016

कुख्यात उग्रवादी मंटु खैरा की गिरफ्तारी पर अब 50 हजार के बदले एक लाख रुपए की इनाम

 संक्षिप्त खबरें 
पटना : गृह (आरक्षी) विभाग ने जानकारी दी है कि पुलिस महानिदेशक, बिहार, पटना से प्राप्त निदेशालोक में नक्सली कांडों में फरार कुख्यात उग्रवादी अपराधी मंटू खैरा, पे. - लखन खैरा उर्फ लक्ष्मण खैरा, बनगामा, थाना - बेलहर, जिला - बांका की गिरफ्तारी पर पूर्व से घोषित पुरस्कार राशि में वृद्धि करते हुए 50 हजार रुपए के बदले 1 लाख रुपए इनाम में दिए जाएंगे। प्राप्त सूचनानुसार घोषित पुरस्कार की राशि की बैधता अवधि 2 (दो) वर्षों की होगी। कोई भी व्यक्ति जो फरार उग्रवादी/अपराधी को गिरफ्तार कराने या फरार अपराध कर्मियों के संबंध में सूचना देकर उनकी गिरफ्तारी में सहयोग प्रदान करेंगें, पुरस्कार के हकदार होंगे।
फरार अपराधी की गिरफ्तारी में एक से अधिक व्यक्ति की सहायता मिलने पर पुरस्कार की राशि पुरस्कार के हकदार व्यक्ति के बीच इस अनुपात में वितरित होगा, जैसा कि पुलिस महानिदेशक, बिहार, पटना निर्धारित करेंगे। किसी भी स्थिति में अधिकतम 100 (एक सौ) फरार उग्रवादी अपराधी की गिरफ्तारी हेतु ही पुरस्कार की घोषण लागू रहेगी। इसका पूर्ण दायित्व पुलिस महानिदेशक, बिहार की होगा। ज्ञातव्य है कि उक्त कुख्यात उग्रवादी मंटु खैरा पांच नक्सली कांडो में फरार है।

झारखंड के छऊ कलाकारों ने पीएम को किया मंत्रमुग्ध 

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने झारखंड प्रवास के दौरान छऊ का मुखौटा तो धारण कर ही चुके थे, अब छऊ के संपूर्ण साक्षात्कार ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी उत्सव के उदघाटन समारोह के दौरान जब झारखंड के कलाकारों ने छऊ नृत्य की प्रस्तुति शुरू की, तो प्रधानमंत्री के चेहरे पर बरबस मुस्कराहट उभर आई और यह मुस्कराहट पूरी प्रस्तुति के दौरान कायम रही। खचाखच भरे स्टेडियम में छऊ प्रस्तुति के दौरान लगातार गूंज रही तालियों की गड़गड़ाहट भी इसकी उत्कृष्टता पर मुहर लगा रही थी और तालियों की इस गूंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र समेत तमाम सम्मानित मंचासीन अतिथियों की तालियां भी शामिल थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि जीजिविषा के साथ संघर्ष के दौरान भी मुस्कुराने और बिना शिकायत मुश्किलों से अनवरत लड़ने का गुर अगर किसी के पास है, तो वो है जनजातीय समुदाय। आदिवासियों से बेहतर जीवन जीने का गुर हमें कोई और नहीं सिखा सकता। इस अवसर पर झारखंड समेत देश भर से आये जनजातीय समुदाय के कलाकारों ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया।
झारखंड से इस उत्सव में भाग लेने पहुंचे 140 कलाकारों ने मर्दाना झूमर और छऊ  नृत्य पेश किया। उत्सव की खास बात ये है कि देश भर से आये सभी कलाकारों के परिधान झारक्राफ्ट ने तैयार किये। झारखंड के कला संस्कृति विभाग की तरफ से इस उत्सव में सात नृत्य कलाओं के माहिर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे। कला संस्कृति विभाग के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड के कलाकार इस आदिवासी उत्सव में अपनी कला की प्रस्तुति को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड से संथाली, नागपुरी, पाइका, मुंडारी, छऊ, खड़िया और कड़सा नृत्य के कलाकार यहां पहुंचे हैं। राष्ट्रीय आदिवासी उत्सव 2016 में देश भर से कुल 3000 आदिवासी कलाकार भाग ले रहे हैं। 26-28 अक्टूबर तक होने वाले इस उत्सव में झारखंड के नृत्य के साथ यहां के पारंपरिक परिधानों और व्यंजनों की भी प्रदर्शनी लगायी गई है।

स्त्री-पुरुष सभी भाषा और संस्कृति को समृद्ध करें : राज्यपाल

जमशेदपुर : सिदगोड़ा टाउन हाॅल में आयोजित अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ के 29वें वार्षिक अधिवेषन में बतौर मुख्य अतिथि माननीया राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपनी भाषा और संस्कृति को समृद्ध बनाने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना होगा, भले ही सरकारें अपने स्तर पर विभिन्न भाषाओं के संरक्षण के लिए कार्यरत हों, पर भाषा और संस्कृति सामाजिक विषय हैं, इसलिए हर समाज को अपनी भाषा, बोली और संस्कृति पर गर्व करते हुए इनके संवर्धन हेतु सतत प्रयास करना चाहिए।
सभा स्थल पर राज्यपाल के आगमन पर आदिवासी रीति रिवाज से भव्य स्वागत किया गया तथा संथाली समाज के विभिन्न प्रबुद्धजनों द्वारा पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने पंडित रघुनाथ मुर्मू के चित्र के समक्ष नमन किया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा, सिद्धो-कान्हु समेत झारखंड के तमाम ऐसे शहीदों एवं महापुरुषों के अलावा अनेकों जनजातीय साहित्यकारों का भी देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस मौके पर उन्हांेने संथाली लेखक संघ द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया तथा संथाली भाषा के अंतर्गत साहित्य एकाडमी पुरस्कार प्राप्त लेखकों को शाॅल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में रविलाल टुडू, ताला टुडू, कुहु दुलार हांसदा, परिमल हांसदा शामिल हैं। जबकि संथाली लेखक संघ की तरफ से जयराम टुडू, गोविन्द चन्द्र मांझी, बाबूलाल टुडू, मानसिंह मांझी, जोबा मांझी तथा मोहन चन्द्र बास्के को सम्मानित किया गया।

सभी के लिए कानून एक समान : मुख्यमंत्री

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि चाहे मुख्यमंत्री हो या कोई पुलिस अधिकारी, सभी के लिए कानून एक समान है। कानून का पालन करना सबकी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि खुद हेलमेट पहने और दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निदेश दिया कि पुलिस प्रशासन भी ट्रैफिक नियमों का पालन करें। वो स्वयं हेलमेट और सीट बेल्ट पहनें, जो नहीं पहनते हैं, उन्हंे दंडित करें। हेलमेट और सीट बेल्ट की आदत डालें। इसे फैशन या इगो न बनायें। जिंदगी बहुत कीमती है, इसे बचायें। उक्त बातें उन्होंने मोरहाबादी मैदान में आयोजित यातायात पुलिस द्वारा हेलमेट वीक कार्यक्रम के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।
श्री दास ने कहा कि किसी भी अभियान को तभी सफल बनाया जा सकता है, जब उसमें जनसहभागिता सुनिश्चित हो। उन्होंने यातायात पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि लोगांे को यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आये दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत की खबर आती है। इसके बाद हेलमेट या सीट बेल्ट की उपयोगिता समझते हैं। ऐसा नहीं होने दें। छठ के बाद इस कानून का और कड़ाई से पालन होगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा झारखंड बनाना है कि बाहर से आनेवाले भी कहें कि झारखंड के नागरिक कानून का पालन करने वाले लोग हैं। कानून का पालन करने के लिए जोर जबरदस्ती नहीं करनी पड़ती है। कार्यक्रम में लोगों के बीच हेलमेट का वितरण किया गया।

झारखंड में पुलिस खेल एकेडमी की स्थापना होगी

रांची : झारखंड सरकार पुलिस खेल एकेडमी की स्थापना करेगी। खिलाड़ियों को पुलिस में सीधी नियुक्ति के अलावा आउट आॅफ टर्म प्रमोशन भी मिलेगा। प्रशिक्षण के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जायेगा। खेल विश्व विद्यालय की स्थापना भी हो चुकी है, जहां पढ़ाई के साथ-साथ कोचिंग एवं खेल की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां पर ग्रामीण प्रतिभागिओं को निखरने का मौका मिलेगा। वे विश्व स्तर के खिलाड़ी बन सकेंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोरहाबादी में स्थित बिरसा फुटबाॅल स्टेडियम में 5वीं अखिल भारतीय पुलिस तीरंदाजी प्रतियोगिता के समापन समारोह के अवसर पर कहीं।
मुख्यमंत्री ने इस प्रतियोगिता में भारत के कुल 23 विभिन्न प्रदेशों, केन्द्रीय असैनिक बलों एवं केन्द्र शासित राज्यों के कुल 308 पुरुष एवं महिला प्रतिभागियों द्वारा कौशल प्रदर्शन किये जाने पर बधाई दी। कौशल प्रदर्शन कर वे लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के कंधों पर अपराध नियंत्रण के साथ ही विधि व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेवारी होती है। इन चुनौतियों के बावजूद अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिता में एकाग्र रहना बड़ी बात है।

सोमवार, 24 अक्तूबर 2016

देश के सभी जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र खोला जाएगा

  • 10 राज्यों में मधुमक्खी विकास केंद्र खोलने का ऐलान
  • धान की पुवाल का उपयोग जैविक खाद बनाने, पेपर बनाने, और कार्ड बोर्ड उद्योग और पशुओं के चारे के तौर पर करें : मंत्री
  • 100 केवीके पर स्किल डेवलेपमेंट कार्य और 100 केवीके पर दलहन और तिलहन हब की स्थापना
  • युवाओं से कृषि योजनाओं से जुड़े स्टार्ट अप से जुड़ने की अपील
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश भर के सभी जिलों में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र खोलने का ऐलान किया है। इससे किसानों को उनके खेत के पास ही उन्नत कृषि के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह ने 10 राज्यों में मधुमक्खी विकास केंद्र खोलने का ऐलान भी किया है। श्री सिंह ने किसानों से अपील की है कि धान की खेती से बचने वाले पुवाल का उपयोग जैविक खाद बनाने, पेपर बनाने, और कार्ड बोर्ड उद्योग और पशुओं के चारे के तौर पर करें। ताकि पुवाल जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सके। श्री सिंह ने सभी केवीके एवं जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों का ज्ञानवर्धन कर पुवाल का समुचित उपयोग करने की विधि बताकर पुवाल का सदुपयोग कराएं। राधा मोहन सिंह ने देश में पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय वानिकी योजना के तहत ‘मेड़ पर पेड़’ लगाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन को साकार करने की बात कही। 
राधा मोहन सिंह ने यह सभी बातें नई दिल्ली में 12 राज्यों के सभी कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों और कृषि विकास से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग में कही। यह पहला मौका है जब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृषि विज्ञान केंद्र और जिला कृषि अधिकारियों को संबोधित किया। 
श्री सिंह ने किसान भाइयों को सुझाव दिया कि मछली की खेती अब धान के खेत में करें, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने पशुपालन में देसी नस्लों को सुधारने पर विषेश बल दिया और पालतू पशुओं को होने वाले टीकाकरण, जिसमें खुरपका-मुंहपका शामिल है, के टीकाकरण पर भी जोर दिया। 
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सम्बोधन के दौरान श्री सिंह ने खेती को आधुनिक बनाने का संकल्प दोहराया। श्री सिंह ने कहा कि ड्रोन और स्मार्ट मोबाइल फोन के जरिए खेती को आधुनिक बनाने के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने ऐलान किया कि 100 केवीके पर स्किल डेवलेपमेंट कार्य शुरू किया जा रहा है और इतने ही केवीके पर दलहन और तिलहन हब की स्थापना की जा रही है। 
श्री सिंह ने युवाओं से कृषि योजनाओं से जुड़े स्टार्ट अप से जुड़ने की अपील की और केवीके और कृषि से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टार्ट अप से जुड़ने में युवाओं की सहायता की जाए, जिससे रोजगार के अवसर पैदा किए जा सके। श्री सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन में अपना सकारात्मक सहयोग देने की अपील भी की। केंद्रीय मंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों और कृषि विकास से सम्बंधित जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लोग कम से कम 5 गांवों में जाकर सफाई अभियान में भाग लें, जिससे समाज में स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़े।

सोमवार, 17 अक्तूबर 2016

हर साल भारत में प्रति व्यक्ति 63 अंडे उपलब्ध

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : केन्द्रीय कृषि एवं किसान मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति, प्रति वर्ष 63 अंडे उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार प्रति व्यक्ति करीब 180 अंडे उपलब्ध होने चाहिए। कृषि मंत्री पूसा में विश्व अंडा दिवस पर डीएडीएफ द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में मुख्य रूप से पोल्ट्री कृषक और विभिन्न हितधारक हिस्सा ले रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि अंडे के उत्पादन में भारत शीर्ष उत्पादकों में एक है और देश में अंडे का उत्पादन 83 अरब के करीब है। उन्होंने कहा कि अंडे उत्पादन तीन गुना बढ़ाने के लिए कई कदम एकसाथ उठाने होंगे, ताकि देश के बच्चों के स्वास्थ्य और पोल्ट्री किसान दोनों को फायदा हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन के माध्यम से मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही है। ग्रामीण इलाके में घरों के पीछे बीपीएल परिवारों को मुर्गी पालन के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है। उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन घटक के तहत भी मुर्गी पालन को आगे बढ़ाया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने इस मौके पर कहा कि अंडे के पोषक तत्वों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है और इस काम में डॉक्टर, पोषण विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, महिला एवं बाल संस्थान, अंडा प्रसंस्करण उद्योग और संबंधित नीति निर्माता अच्छी भूमिका निभा सकते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि विश्व में 5 साल की उम्र तक के चार बच्चों में एक कुपोषण का शिकार हैं। भारत में सभी आयु वर्ग में कमजोर बच्चों की एक बड़ी संख्या है। ऐसे में कुपोषण से लड़ने में अंडा हमारी बड़ी मदद कर सकता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि अंडे में उच्च पोषक तत्व काफी मात्रा में मौजूद रहते हैं, साथ ही अंडा प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी-6, बी-12, अमीनो एसिड और फोलेट, आयरन, फाॅस्फोरस, सेलेनियम जैसे खनिज आदि का भी अच्छा स्त्रोत माना जाता है। उन्होंने कहा कि हाल के शोध से पता लगा है कि अंडे के पोषक तत्व अंधेपन को कम करने में भी सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी, कंपाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, पशु स्वास्थ्य कंपनियां, पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया और पोल्ट्री संघों ने इस कार्यक्रम में अच्छा योगदान किया है।
इसके पहले श्री सिंह ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नयी दिल्ली द्वारा अरहर की नयी उन्नत प्रजाति पूसा 16 का निरीक्षण किया। अरहर की ये प्रजाति, अतिशीघ्र, 120 दिनों में पकती है, जबकि मौजूदा दूसरी किस्मों को पकने में 165 से 180 दिन लगते हैं। यह प्रजाति एकसाथ पकती है और मशीन से कटाई के लिए उपयुक्त है। इस प्रजाति के बाद खेत में सरसों, आलू, गेंहू आदि फसलें आसानी से लगाई जा सकती हैं। इसकी पैदावार 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और इसमें प्रोटीन की मात्रा 23.5 प्रतिशत होती है।

सरकार डाक नेटवर्क से रियायती दालें वितरित करेगी 

नई दिल्ली : सरकार ने इस त्योहार के मौसम में लोगों को उचित मूल्य पर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डाक नेटवर्क के माध्यम से रियायती दालों को वितरित करने तथा बफर स्टॉक से अधिक मात्रा में चना जारी करने का फैसला किया है। यह फैसला उपभोक्ता मामलों के सचिव हेम पांडे की अध्यक्षता में संपन्न आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर अंतर मंत्रालयी समिति में लिया गया। इस समिति ने आवश्यक वस्तुओं मुख्यतः दालों की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा की और सुझाव दिया कि राज्यों में सरकारी आउटलेट के अभाव में डाक नेटवर्क का उपयोग वितरण के लिए किया जाना चाहिए।
यह देखा गया है कि हाल के सप्ताहों में दालों की कीमतों में गिरावट देखी गई है। जबकि अन्य वस्तुओं की कीमतें स्थिर रही हैं। समिति ने सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीफ दालों की खरीद के प्रबंधों की समीक्षा भी की। बैठक में बताया गया कि अबतक 500 खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं और जहां किसानों को चेक या बैंक हस्तांतरण प्रणाली के माध्यम से तुरंत भुगतान किया जा रहा है। सरकार ने चालू सत्र में 50,000 मीट्रिक टन खरीफ दालों की खरीद का लक्ष्य रखा है। बैठक में कृषि, खाद्य, वाणिज्य, राजस्व, एमएमटीसी, नैफेड आदि मंत्रालय / विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

राष्ट्रीय ईसाई नेताओं का सम्मेलन

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवाद का कोई भी धर्म नहीं है, फिर भी कुछ लोग इन दोनों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। भारत को दुनिया के लिए सहिष्णुता के विश्वविद्यालय का नाम देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मतों में मतभेद हो सकते हैं, जिन्हें वार्ता की मेज पर बातचीत के द्वारा हल किया जा सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि असंतुष्ट बातचीत के बजाय बंदूक उठा लें। राष्ट्रीय ईसाई नेताओं के सम्मेलन को संबोधित करते राजनाथ सिंह ने कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को राजनैतिक औजार बनाने की नीति का निन्दा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां धर्म के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने इस बात को दोहराया कि भारत इतिहास के दौरान विश्व के सभी प्रमुख धर्मों का संगम रहा है। केंद्र सरकार शरारती तत्वों और अफवाह फैलाने पर नजर रखेगी और देश में लगातार कानून का शासन बनाए रखेगी।

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2016

मानदेय स्वीकृत

 संक्षिप्त खबरें 
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड पुलिस संगठन (जिला/इकाई, झासपु (आईआरबी) एवं वितंतु आदि सेवा में कार्यरत ऐसे सिपाहियों, हवलदारों, सहायक अवर निरीक्षकों, अवर निरीक्षकों एवं निरीक्षकों जिनका कार्यालय शनिवार एवं रविवार तथा राजपत्रित अवकाश के दिनों में भी खुले रहते हैं, को उनके कठिन सेवाओं को दृष्टि में रखते हुए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक माह के वेतन के समतुल्य मानदेय देने की स्वीकृती प्रदान की है।

झारखंड टाईगर ग्रुप प्रतिबंधित

रांची : राज्य सरकार ने झारखंड टाईगर ग्रुप (टाईगर ग्रुप) संगठन को सीएलए 1908 की धारा 16 के तहत प्रतिबंधित किए जाने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है। टाईगर ग्रुप को उसके गठन की तिथि से अवैध घोषित किया गया है। इस संगठन के सदस्य बनने, उन्हें चंदा देने तथा उनकी उग्रवादी नीति से संबंधित कोई साहित्य या पर्णिका छापने या रखने को भी गैर कानूनी घोषित किया गया है। इस संगठन पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने तथा सरकार की नीतियों की अवहेलना कर विधि व्यवस्था को चुनौति देते हुए क्षेत्र में अशान्ति कायम करने का आरोप है। महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड, रांची, विशेष शाखा झारखंड, रांची तथा उपायुक्त हजारीबाग ने भी इस संगठन को प्रतिबंधित करने की अनुशंसा की थी।

भारत के अल्पसंख्यक ज्यादा सुरक्षित : नकवी

नई दिल्ली : एक तरफ दुनिया बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक संबंध में नैतिक, वैधानिक और सामाजिक संदर्भों पर संघर्ष कर रही है, वहीं भारत पिछले 70 वर्षों से इस विषय से जुड़ा हुआ है और उसने एक मूल्यवान वैश्विक बौद्धिक संसाधन विकसित किया है। लोकतांत्रिक भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों का मुद्दा दुनिया के लिए एक सीख है। पिछले दिनों नई दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित ‘भारत में अल्पसंख्यक अधिकार और लोकतंत्र’ पर 9वें वार्षिक व्याख्यान 2016-17 देते हुए दिल्ली विश्वविद्याल के प्रो. पीटर रोनाल्ड डिसूजा ने यह व्यक्त किया। 
प्रो. डिसूजा ने कहा कि इस बहस से अल्पसंख्यक अधिकारों पर तीन प्रमुख विचार सामने आते हैं। पहला, यह कि सांस्कृतिक और धार्मिक बहुलता राष्ट्र के लिए संपदा होते हैं न कि खतरा। विभाजन के बाद यह विचार सामने आया कि देश को मजबूती के साथ एकीकृत किया जाए। दूसरा, सांस्कृतिक स्वायत्ता को अनुमति दी जानी चाहिए। इसके तहत व्यक्ति अपने सांस्कृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करके अपने व्यक्तित्व को विकसित कर सकता है और तीसरा यह कि इस विश्वास को संवैधानिक बनाया जाए और उसे केवल वैधानिक स्थिति तक न सीमित रखा जाए। 
प्रो. डिसूजा ने कहा कि एकसाथ रहना साक्षेप और साकारात्मक होता है। उन्हें नियमित रूप से दुरुस्त करना चाहिए। यह हमारे लोकतंत्र की देन है कि यहां अल्पसंख्यक मामलों के संबंध में संस्थान कारगर तरीके से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग अल्पसंख्यक अधिकारों के प्रति ईमानदारी के साथ प्रतिबद्ध हैं और हमें बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक संबंधों को न केवल दुरुस्त करना चाहिए, बल्कि अल्पसंख्यकों के बीच मौजूद अल्पसंख्यक वर्ग पर भी ध्यान देना चाहिए। 
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विश्व के किसी भी लोकतंत्र की तुलना में अल्पसंख्यक भारत में अधिक सुरक्षित और मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि राजग सरकार के लगभग 2.6 वर्षों के कार्यकाल के दौरान हम लोगों ने अल्पसंख्यकों के बीच सामानता का भाव पैदा करने के लिए बहुत परिश्रम किया है। श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को भी समान रूप से प्रधानमंत्री जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना, छात्रों को छात्रवृत्तियां, रोजगार उन्मुख, कौशल विकास योजना जैसी योजनाओं के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों और शैक्षिक संस्थानों का समान रूप से लाभ मिल रहा है। इसके अलावा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्री कार्यक्रम, नई मंज़िल, नई रोशनी, सीखो और कमाओ, उस्ताद, प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति तथा मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टॉर्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं से भी अल्पसंख्यक समान रूप से लाभान्वित हुए हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना 1978 में सरकार की 12 जनवरी, 1978 की अधिसूचना के माध्यम से की गयी थी। बाद में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के अधिनियमन के द्वारा एक स्वायत्त आयोग, जिसे बेहतर रूप से एमसीएम के रूप में जाना जाता है, की स्थापना 17 मई, 1993 को हुई और इसके पहले अध्यक्ष ने जुलाई, 1993 में पदभार संभाला। जुलाई, 1993 में वैधानिक आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में एनसीएम ने 2008 में एक व्याख्यान श्रृंखला शुरू की। 
पहला एनसीएम व्याख्यान भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम अहमदी ने 2008 में दिया था। जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने दूसरा एनसीएम व्याख्यान भारत के संविधान में अल्पसंख्यक विषय पर वर्ष 2009 में दिया था। वर्ष 2010 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने समृद्ध, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रसन्न समाज के विकास पर तीसरा एनसीएम व्याख्यान दिया था। चैथा एनसीएम व्याख्यान वर्ष 2011 में महामहिम दलाई लामा ने विविध समाजों में करुणा विषय पर दिया था। डॉ शशि थरूर ने पांचवां एनसीएम व्याख्यान वर्ष 2012 में कौन भारतीय है; अल्पसंख्यकों का एक राष्ट्र विषय पर दिया था। छठा वार्षिक व्याख्यान बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारत के विचार विषय पर वर्ष 2013 में दिया था। सातवां वार्षिक व्याख्यान फली नरीमन ने वर्ष 2014 में अल्पसंख्यक चैराहे पर, न्यायिक घोषणाओं पर टिप्पणियां विषय पर दिया था। आठवां वार्षिक व्याख्यान वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने अल्पसंख्यकों के आर्थिक सशक्तिकरण विषय पर दिया था।

सोमवार, 3 अक्तूबर 2016

दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं

पुस्तक ‘पर्वत विजेता दशरथ मांझी’ का लोकार्पन

 संक्षिप्त खबरें 
पटना : ‘‘दशरथ मांझी के जीवन-वृत्त और उनके कृत्यों को लेकर एक तथ्यपरक पुस्तक लिखा जाना जरूरी है, ताकि उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू उजागर हो सकें। समय बीतते जाने पर और उनकी पीढ़ी के लोगों के नहीं रह जाने पर, तथ्यों के संकलन में काफी कठिनाई आयेगी। इसलिए यह जरूरी है कि पूरी गंभीरता के साथ उनके जीवन से जुड़े तथ्यों तथा उनके बारे में उनके करीबी लोगों के संस्मरणों आदि को शीघ्र संकलित कर प्रकाशित कर दिया जाय’’ - उक्त विचार, महामहिम राज्यपाल ने राजभवन सभागार में डाॅ. बज्रांग प्रताप केसरी लिखित पुस्तक ‘पर्वत विजेता दशरथ मांझी’ को लोकार्पित करते हुए व्यक्त किये।
राज्यपाल ने कहा कि दशरथ मांझी ने अद्वितीय इतिहास रचकर एक सामान्य मनुष्य के रूप में देवतुल्य गौरव हासिल कर लेने का कीत्र्तिमान स्थापित कर दिया। दशरथ मांझी के जीवन की कहानी भी असंभव को संभव बना देने वाले एक महान तपस्वी, कर्मयोगी और एक महान जननायक की वीरता, धीरता और दृढ़निश्चयता की कहानी है। राज्यपाल श्री कोविन्द ने लेखक डाॅ. बज्रांग प्रताप केसरी को पुस्तक-रचना के लिए बधाई देते हुए उनके यशस्वी लेखकीय जीवन की कामना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह ने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी में लिखित इस पुस्तक को काफी लोकप्रियता प्राप्त होगी।
कार्यक्रम को लेखक डाॅ. बज्रांग प्रताप केसरी एवं डाॅ. रणविजय कुमार आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रो. शिवजतन ठाकुर, डाॅ. समीर कुमार वर्मा, डाॅ. मीनाक्षी प्रसाद, प्रो. मीरा कुमारी, प्रो. एनके शरण, प्रो. श्याम बाबू सिंह, डाॅ. सूर्य प्रताप, बीके सिंह, आरपी वर्मा सहित कई अन्य प्राध्यापक एवं गणमान्यजन भी उपस्थित थे ।

बिहार में नया शराबबंदी कानून आज से प्रभावी

Nitish Kumar, CM, Bihar
पटना : बिहार में रविवार से नया शराबबंदी कानून प्रभावी हो गया है। रविवार को बिहार सरकार की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। रविवार दोपहर कैबिनेट की बैठक में एकबार फिर शराबबंदी को लेकर संकल्प लिया गया है, जिसमें साफ कहा गया है कि पूरे सूबेे में शराबबंदी के लिए बिहार सरकार कृतसंकल्प है।
इससे पहले पटना में अग्रसेन जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि कोई भ्रम में नहीं रहे। नया काूनन विधानमंडल से पारित है और कानून को राज्यपाल से मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि हम गांधीजी के विचारों को धरती पर उतारने चाहते हैं। इसलिए 2 अक्टूबर के दिन को चुना है। महात्मा गांधी के विचारों को जमीन पर उतारने के लिए इससे उपयुक्त दिन दूसरा कोई नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी निर्दोष को सजा ना मिले, उसके लिए भी सब कुछ करेंगे। शराब मामले में लोगों को गलत ढंग से फंसाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का व्यापक प्रभाव हुआ है। इसका असर देखना है, तो गांवों में जाइए। यह बात अलग है कि कुछ लोगों को बिहार से शुरू हुई यह सामाजिक क्रांति नहीं दिख रही है।
सीएम ने कहा कि शराबबंदी से सरकार को पांच हजार करोड़ रुपए प्राप्त हो रहे थे, लेकिन आम आदमी के तो दस हजार करोड़ रुपए बर्बाद हो रहे थे। शराबबंदी के बाद वह रुपया दूसरे सकारात्मक कार्यों में खर्च हो रहा है। इससे राज्य में व्यवसाय बढ़ेगा, सरकार को अधिक रकम टैक्स के रूप में हासिल होगी।

पोरबंदर खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित 

नई दिल्ली : इस महीने की 25 तारीख को शुरू हुआ स्वच्छ भारत सप्ताह संपन्न हो गया। इस मौके पर गुजरात और आंध्र प्रदेश अपने-अपने शहरों और नगरों को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने वाले पहले राज्य हो गये हैं। महात्मा गांधी की 147वीं जयंती और स्वच्छ भारत मिशन की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर पोरबंदर सहित कुछ जिले खुल में शौच से मुक्त घोषित किए गए। महात्मा गांधी का पैतृक जिला पोरबंदर और गुजरात के सभी 180 नगर और शहर पोरबंदर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी की मौजूदगी में खुले में शौच से मुक्त घोषित किए गए। आंध्र प्रदेश में तिरुपति में आयोजित एक समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रदेश के सभी 110 शहरों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया।

देश के एक लाख गांव व 37 जिले खुले में शौच से मुक्त 

नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल और स्वच्छता तथा पंचायती राज्यमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने महात्मा गांधी के जन्मस्थल पोरबंदर जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। पोरबंदर में आयोजित एक रैली में महात्मा गांधी की 147वीं जयंती और स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर यह घोषणा की गयी। रैली सुदामा मंदिर से शुरू हुई और समारोह स्थल नगरपालिका पार्टी प्लॉट, चैपाटी, पोरबंदर में समाप्त हुई। गुजरात के दो अन्य जिले महेसाणा और नर्मदा को भी आज 30 तालुकों और राज्य की 3 हजार ग्राम पंचायतों के साथ खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया। 
इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि उन्हें देश के एक लाख गांव और 37 जिलों को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने से काफी प्रसन्नता हो रही है। यह इस बात का प्रमाण है कि स्वच्छ भारत मिशन अब सचमुच जनआंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा कि केवल शौचालय निर्माण की जगह लोगों के व्यवहार में परिवर्तन पर फोकस करके भारत सरकार और भारत की जनता 02 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त कर लेगी।

शनिवार, 1 अक्तूबर 2016

शराबबंदी कानून रद्द, लिकर शेयरों में जोरदार तेजी

पटना : बिहार में शराबबंदी पर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून लागू करने के तरीके को गलत बताया है। इस खबर के आने के बाद लिकर शेयरों में 5-10 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है।
नीतीश कुमार के शराबबंदी के कानून को झटका देते हुए कोर्ट ने इस फैसले को असंवैधानिक करार दिया। नए कानून को रद्द करने के साथ ही कोर्ट ने नीतीश के शराबबंदी के एजेंडे को भी झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि शराब बेचने, पीने पर सजा देना बिल्कुल गलत है।
मालूम हो कि 5 अप्रैल 2016 को सरकार ने देशी के बाद विदेशी शराब को बैन करने का बड़ा फैसला लिया था जिसके बाद से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई थी। राज्य में देशी के बाद विदेशी शराब की बिक्री बंद होने के खिलाफ शराब के विक्रेता कोर्ट गए थे। इस मामले में हाईकोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद सरकार के शराबबंदी के कानून को गलत ठहराते हुए इसे रद्द कर दिया।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद से बिहार में पूर्ण शराबबंदी के कानून पर ग्रहण लग सकता है। बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी के कानून को लागू कर दिया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस फैसले के आने के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। कोर्ट के फैसले के बाद नीतीश की उस शराबबंदी की मुहिम को भी लगा है जिसमें नीतीश बिहार के बाद पूरे देश में शराबबंदी को लेकर अभियान चला रहे थे।
साभार : मनी कॉंट्रोल

शहरी सुधार प्रोत्साहन के लिए बिहार सहित 20 राज्य पुरस्कृत

 संक्षिप्त खबर 
  • अटल मिशन 2015-16
  • वेंकैय्या नायडू ने सुधार प्रोत्साहन के रूप में 400 करोड़ रुपए दिए 
  • सूची में तमिलनाडु और चंडीगढ शीर्ष पर 
  • वित्त वर्ष में सुधार का फोकस ऑनलाइन भवन अनुमति, ऊर्जा उपयोग सक्षमता और शहरों में बाढ़ की समस्या दूर करना
Tamil Nadu
नई दिल्ली : कायाकल्प और शहरी परिवर्तन अटल मिशन (अमृत) के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में शहरी सुधार को प्रोत्साहित करने के कार्य प्रदर्शन में 19 राज्यों तथा केन्द्र शासित क्षेत्र चंडीगढ को पुरस्कृत किया गया। शहरी विकास प्रदर्शन के कार्य में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की सूची में तमिलनाडु शीर्ष पर रहा और केन्द्र शासित क्षेत्रों में चंडीगढ़।
शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैय्या नायडू ने नई दिल्ली में इंडोसेन सम्मेलन के दौरान श्रेष्ठ कार्य प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रतीक चिन्ह और चेक दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में कार्य फोकस ई-गर्वनेंस, डबल एन्ट्री, लेखा, यूजर्स शुल्क और पालिका करों की उगाही, जल और ऊर्जा लेखा, एकल खिड़की मंजूरी पर रहा। वर्ष 2016-17 में फोकस 53 मिलियन और उससे अधिक की आबादी वाले सभी 53 शहरों में भवन अनुमति की ऑनलाइन व्यवस्था पुराने पंप सेटों को बदलकर ऊर्जा सक्षम पम्प सेट लगाना, शोधित जल का पुनः उपयोग तथा शहरी बाढ़ प्रबंधन की योजना पर होगा। 20 राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेश को सुधार के लिए प्रोत्साहन राशि दी गई। यह इस प्रकार हैं - तमिलनाडु (61.34 करोड़ रुपए), कर्नाटक (29.92 करोड़ रुपए), ओडिशा (10.27 करोड़ रुपए), तेलंगाना (10.73 करोड़ रुपए), केरल (15.00 करोड़ रुपए), छत्तीसगढ़ (13.00 करोड़ रुपए), आंध्र प्रदेश (13.62 करोड़ रुपए), मध्य प्रदेश (33.45 करोड़ रुपए), गुजरात (26.72 करोड़ रुपए), बिहार (15.04 करोड़ रुपए), राजस्थान (20.80 करोड़ रुपए), मिजोरम (1.63 करोड़ रुपए), महाराष्ट्र (45.57 करोड़ रुपए), उत्तर प्रदेश (63.47 करोड़ रुपए), झारखंड (7.28 करोड़ रुपए), हिमाचल प्रदेश (3.54 करोड़ रुपए), त्रिपुरा (1.70 करोड़ रुपए), पश्चिम बंगाल (24.89 करोड़ रुपए), गोवा (1.34 करोड़ रुपए) और चंडीगढ़ (0.69 करोड़ रुपए)।
वर्ष 2015-16 में सुधार प्रोत्साहन के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान था। 23 राज्यों, केन्द्र शासित क्षेत्रों ने शहरी विकास मंत्रालय में आवेदन किया। राज्यों, केन्द्र शासित क्षेत्र के दावों की जांच के बाद 70 अंक प्राप्त करने वाले राज्यों को सुधार प्रोत्साहन देने के लिए चुना गया। इसमें हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सफल नहीं हो पाए।

405 शहर, 20,000 शहरी वार्ड खुले में शौच से मुक्त

  • 2019 तक स्वच्छ भारत की प्रतिबद्धता घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर
  • 11 संस्थानों को ‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ पुरस्कार’

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों जैसे देश के शीर्ष नेतृत्व ने 2019 तक भारत को खुले में शौच जाने से मुक्त करने और स्वच्छ बनाने के लिए एक प्रतिबद्धता घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों तथा आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों सहित राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने इंडोसान (इंडिया सेनीटेशन कांफ्रेंस) के दौरान घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किये। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, जिलाधिकारियों और नगर निगम आयुक्तों ने भी इसी तरह के एक अन्य घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।
इंडोसान के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “स्वच्छ भारत अभियान के तहत अबतक का सबसे बड़ा जनांदोलन आकार ले रहा है। भारत स्वच्छता गठबंधन का नेतृत्व जनता कर रही है और पहली बार विभिन्न स्तरों पर राजनीतिक नेतृत्व के साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता गतिविधि को मुख्यधारा में लाया गया है। 21वीं सदी में भारत को अशिक्षा से मुक्त होना ही है और इसके साथ-साथ पढ़े-लिखे लोगों को भी खुले में कचड़ा न फेंकने के लिए शिक्षित करना है।”
श्री नायडू ने कहा कि “मूड ऑफ डेवलपिंग इंडिया” (एमओडीआई) स्वच्छ भारत के लिए पिछले दो वर्षों से गतिशील है। धीमी गति के बाद स्वच्छ भारत अभियान ने पिछले एक वर्ष में अब गति पकड़ ली है तथा ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में उसके कार्यान्वयन की बेहतर प्रगति नजर आ रही है।
उन्होंने बताया कि अबतक 405 शहर और नगर खुले में शौच जाने से मुक्त हो चुके हैं तथा अगले वर्ष मार्च तक अन्य 739 और खुले में शौच जाने से मुक्त हो जायेंगे। शहरी इलाकों के 24 लाख घरों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है और अन्य 19 लाख शौचालयों का निर्माण हो रहा है। 82,000 शहरी वार्डों में से 20,000 खुले में शौच जाने से मुक्त हो चुके हैं। 90,000 सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय बनाये जा चुके हैं और अन्य 1.29 लाख निर्माणाधीन हैं।
स्वच्छता कार्य के लिए प्रधानमंत्री ने 11 संस्थानों और संगठनों का सम्मान किया। इनमें चंडीगढ़ एवं मैसूर (एक लाख से अधिक आबादी वाले स्वच्छ शहर वर्ग में), गंगटोक (सबसे स्वच्छ पर्यटन गंतव्य), पुणे नगर निगम एवं स्वच्छ सहकारिता समाज (ठोस कचड़ा प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ), रानी की वाव, पाटन, गुजरात (सबसे स्वच्छ सांस्कृतिक धरोहर स्थल), सूरत रेलवे स्टेशन (सबसे स्वच्छ स्टेशन), स्नात्कोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, चंडीगढ़ (सबसे स्वच्छ अस्पताल), मंडी जिला, हिमाचल प्रदेश (खुले में शौच जाने से मुक्त और पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे स्वच्छ जिला), सिंधुगुर्ग जिला, महाराष्ट्र (खुले में शौच जाने से मुक्त और मैदानी क्षेत्रों में सबसे स्वच्छ जिला) तथा नेशनल कैडेट कोर (राष्ट्रव्यापी स्वच्छता गतिविधि में मिसाल) शामिल हैं।

2 अक्टूबर, 2016 तक एक लाख गांव खुले में शौच से मुक्त

नई दिल्ली : केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्वच्छता तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि 2 अक्टूबर, 2016 तक एक लाख गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाएंगे और इस चालू वित्त वर्ष के दौरान 40 जिले ओडीएफ का दर्जा प्राप्त कर लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजधानी में आयोजित भारत स्वच्छता सम्मेलन (इंडोसन) के उद्घाटन करने के बाद तोमर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेजी लाने और स्वच्छता पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले के प्राचीर से अपने ऐतिहासिक संबोधन के बाद 2 अक्टूबर, 2016 को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया था।
श्री तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारें, नगरपालिका इकाइयां, पंचायती राज संस्थान, गैर सरकारी संस्थाएं आध्यात्मिक एवं धार्मिक नेता, जन प्रतिनिधि, शैक्षकि संस्थान और सभी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति स्वचछ भारत अभियान में शामिल हो रहे हैं, ताकि 2 अक्टूबर, 2019 महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत को स्वच्छ बनाया जा सके। प्रधानमंत्री ने पहले ही यह घोषणा की है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर संपूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना है। श्री तोमर ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह जन आंदोलन है और स्वच्छता के लिए लोगों की आदतों में बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि सिर्फ शौचालय निर्माण ओडीएफ का दर्जा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। 
उन्होंने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय देश भर के गांवों में स्वच्छता की दिशा में आदर्श कार्यों का संकलन कर रहा है और इनके अनुकरण करने के लिए आम लोगों का ध्यान इस ओर दिलाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के ‘भारत स्वच्छता सम्मेलन’ (इंडोसन) के संबोधन के बाद स्वच्छ भारत मिशन को नई गति मिलेगी।
ज्ञात हो कि देश भर में 87,666 गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) गांव घोषित कर दिया गया है। इसमें नमामि गंगे क्षेत्र के 1,544 गांव भी ओडीएफ गांव बन गए हैं। इस बात को रेखांकित करने की जरूरत है कि जब 2 अक्टूबर, 2016 को स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया गया था, तब स्वच्छता कवरेज का प्रतिशत 42.12 प्रतिशत था। इस समय यह 55.31 प्रतिशत है। उस समय केवल एक ही जिला ओडीएफ था, जबकि इस समय इनकी संख्या 24 हो गई है। सिक्किम एकमात्र राज्य है, जिसे ओडीएफ राज्य का दर्ज प्राप्त है। जल्दी ही केरल, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र भी ओडीएफ दर्जा प्राप्त कर लेंगे।
इस मौके पर श्री तोमर ने सर्वोत्तम स्वच्छ जिले का पुरस्कार महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग जिले को प्रदान किया। गुजरात के पाटन को सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थान का पुरस्कार दिया गया और सिक्किम में गंगटोक को देश का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल घोषित किया गया।