COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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रविवार, 13 मार्च 2016

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का वेबसाइट लांच

जनजातीय मामलों के मंत्री जुआल ओरांव ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का उन्नत वेबसाइट http://www-ncst-gov-in लांच किया। इस अवसर पर उन्होंने नया वेबसाइट तैयार करने में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। जनजातीय मामलों के मंत्री ने कहा कि नया वेबसाइट शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, मीडिया के लोगों तथा जनसाधारण के लिए सूचना का भंडार है। श्री ओरांव ने कहा कि नये वेबसाइट में इंटरऐक्टिव सेक्शन, मोबाइल ऐप जैसी अतिरिक्त विशेषताएं और इंटरऐक्टिव टोल फ्री नम्बर जोड़े जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय विभिन्न जनजातीय विषयों पर दिल्ली तथा दिल्ली से बाहर सेमिनार आयोजित करने में एनसीएसटी की मदद करेगा।
उन्नत वेबसाइट भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप है और इसमें अनुसूचित जनजातियों से संबंधित सांवैधानिक प्रावधानों तथा सुरक्षा उपायों की प्रभावी जानकारी है। वेबसाइट का उद्देश्य याचिका दाखिल करने वालों, शिकायकर्ताओं सहित सभी हितधारकों को ऐसी याचिकाओं, शिकायतों तथा समीक्षाओं के संबंध में आयोग की रिपोर्ट उपलब्ध कराने में सहायता देना है। इसकी अग्रणी, अतिरिक्त विशेषताएं हैं- ओपेन सोर्स टैक्टनोलॉजी। इसमें एनआईसी के पहले के सर्वर के स्थान पर भारत सरकार के क्लाउड सर्वर पर पोस्ट किया जाना। यह सोशल मीडिया यानी फेसबुक, ट्वीटर, पिनटरेस्ट, यूट्यूब से जुड़ा है। इसमें वीडियो स्ट्रीनिंग और प्रश्नोत्तर सेक्शन भी है।
इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर ओरांव ने मंत्री महोदय का स्वागत किया और नये वेबसाइट की प्रमुख विशेषताओं के बारे में संक्षिप्त प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर जनजातीय मामले मंत्रालय के सचिव डॉ. श्याम एस. अग्रवाल, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सचिव अनिल के. अग्रवाल, मंत्रालय तथा एनसीएसटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
संविधान (89वां संशोधन) अधिनियम 2003 के माध्यम से अनुच्छेद 338 को संशोधित कर तथा संविधान में नया अनुच्छेद 338ए शामिल करके राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की गई। इस संविधान संशोधन से पूर्ववर्ती राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग की जगह दो नये आयोग - (1) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएसएसी) (2) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) 19 फरवरी, 2004 को बनाए गए।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के बजट में 87 करोड़ रुपए की वृद्धि

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेप्तुल्ला ने कहा है कि वर्ष 2016-17 के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कौशल विकास के जरिये शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के आधार पर अपनी प्राथमिकताओं का निर्धारण किया है। 2016-17 में मंत्रालय के बजट का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षिक सशक्तिकरण में लगाया जाएगा। यह अल्पसंख्यकों के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही मंत्रालय ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप को मांग प्रेरित बनाने के लिए प्रावधान किया है। 
श्री हेप्तुल्ला ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 2016-17 के बजट में 3,800 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय रखा है। यह 2015-16 के 3712.78 करोड़ रुपये की तुलना में 87 करोड़ रुपये अधिक है। अल्पसंख्यकों के लिए वर्ष 2016-17 में 3,800 करोड़ रुपये के आवंटन के अतिरिक्त केंद्र सरकार कम से कम 15 प्रतिशत वित्तीय संसाधन जुटाती है और अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास के लिए प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न मंत्रालयों, विभागों की अग्रणी योजनाओं को लक्षित करती है। इनमें सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम और एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम योजना आदि हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत अल्पसंख्यकों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का धन उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त प्राथमिक क्षेत्र ऋण के अंतर्गत अल्पसंख्यकों के लिए ऋण स्तर 2,76,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास निर्देशक सिद्धांत के अंतर्गत देश में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए संकल्पबद्ध हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अल्पसंख्यक समुदायों के विकास के लिए बहुआयामी रणनीति तैयार की है। इस नीति का बल शैक्षिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण और अवसंरचना विकास की विशेष जरूरतों को पूरा करना तथा अल्पसंख्यक संस्थानों को मजबूत बनाने पर है। मंत्रालय की कल्याण और विकास योजनाओं में गरीब और वंचित अल्पसंख्यक वर्गों पर बल दिया गया है। 
2016-17 में मंत्रालय का उद्देश्य प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 90 लाख अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति उनके बैंक खातों में देना है। 
‘स्किल इंडिया’ तथा ‘मेक इन इंडिया’ के लिए सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप तथा देश की अर्थव्यवस्था में अल्पसंख्यक समुदाय के मजदूरों की भागीदारी दर बढ़ाने के लिए अल्पसंख्यकों को कौशल विकास के लिए 2016-17 के बजट में 385 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह राशि 2015-16 में 209.45 करोड़ रुपये थी। 385 करोड़ रुपये के आवंटन में एकीकृत शैक्षिक तथा आजीविका कार्यक्रम ‘नई मंजिल’ शामिल हैं। मंत्रालय ने कौशल विकास के लिए 2015-16 में दो नये कार्यक्रम - ‘उस्ताद’ और ‘नई मंजिल’ शुरू किया। मंत्रालय ने 2014-15 में अल्पसंख्यक समुदायों की कौशल विकास आवश्यकताओं को पूरा करने और रोजगार तथा उद्यमिता पर प्राथमिक बल के साथ अल्पसंख्यक समुदायों को सतत आजीविका प्रदान करने के लिए रियायती ऋण से इसे जोड़ने के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय कौशल अकादमिक की स्थापना की। अल्पसंख्यकों के कौशल विकास के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम ‘सीखो और कमाओ’ का विस्तार किया गया है। मंत्रालय का उद्देश्य इन योजनाओं के तहत 2016-17 में 1 लाख 40 हजार अल्पसंख्यक युवाओं को प्रशिक्षित करना है। 
नई योजना ‘नई मंजिल’ 8 अगस्त, 2015 को प्रारंभ की गई। यह योजना उन युवाओं के लिए लाभकारी है, जिनके पास औपचारिक रूप से स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र नहीं है। यानी ऐसे युवा जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दी या जिन्होंने मदरसों जैसे सामुदायिक शैक्षिक संस्थानों में पढ़ाई की है। यह योजना ऐसे लोगों को संगठित क्षेत्र में बेहतर रोजगार ढूंढने योग्य बनाने और उन्हें बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए है। इससे मदरसों के विद्यार्थियों के लिए अवसरों के द्वार खुलेंगे। यह योजना पांच वर्षों के लिए 650 करोड़ रुपये की लागत से मंजूर की गई हैं। योजना का 50 प्रतिशत धन विश्व बैंक देगा। विश्व बैंक ने 50 मिलियन डॉलर धन देने की मंजूरी दी है। यह पहला मौका है जब विश्व बैंक भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए कार्यक्रम को समर्थन देने आगे आया है। 2016-17 के लिए योजना के तहत 25 हजार अल्संख्यक युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 155 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 
अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 2016-17 के बजट में 3800 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय रखा है। यह 2015-16 के 3712.78 करोड़ रुपये की तुलना में 87 करोड़ रुपये अधिक है। 
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कौशल विकास के जरिये शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के आधार पर अपनी प्रथमिकताओं का निर्धारण किया है। 
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास तथा वित्त निगम (एनएमडीएफसी) अधिसूचित अल्पसंख्यकों के पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए रियायती दर पर स्व-रोजगार तथा आय सृजन करने वाले नये उद्यमों के लिए ऋण उपलब्ध कराता है। एनएमडीएफसी के इतिहास में पहली बार वर्तमान सरकार ने एनएमडीएफसी की अधिकृत हिस्सा पूंजी 1,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2015 में 3,000 करोड़ रुपये कर दिया। इसके बाद मंत्रालय ने एनएमडीएफसी की इक्विटी में 150 करोड़ रुपये का योगदान दिया और 2016-17 के लिए 140 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इससे स्व-रोजगार के लिए अल्पसंख्यक समुदायों को रियायती ऋण देने के लिए एनएमडीएफसी और धन का लाभ उठा सकता है। 
मंत्रालय संसद के बजट सत्र में वक्फ संपत्तियों पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाए लोगों से संपत्ति को मुक्त कराने संबंधी विधेयक लाने का सभी प्रयास कर रहा है। ‘हज’ विषय विदेश मंत्रालय से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को दिए जा रहे हैं।

गुरुवार, 3 मार्च 2016

बजट दिवस पर सात करोड़ एलईडी बल्ब बांटे, बिहार में भी बंटेगा

 संक्षिप्त खबर 
नई दिल्ली : बजट के दिन ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने घरेलू कुशल प्रकाश कार्यक्रम (डीईएलपी) के तहत नागरिकों के बीच सात करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण किया है। यह रिकार्ड वितरण बजट के दिन किया गया। बिजली मंत्रालय के तहत काम करने वाली ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने इस योजना को क्रियान्वित किया है। इसने देश भर के 11 राज्यों में 2.3 करोड़ लोगों को गोद लिया है। 
ईईएसएल ने 19 दिन में एक करोड़ से अधिक बल्बों का वितरण किया। इससे पहले छह करोड़ बल्बों का वितरण पहले ही फरवरी माह में कर दिया गया था। सात करोड़ एलईडी बल्बों के वितरण से सरकार ने अधिकतम मांग के दौरान 2085 मेगावाट बिजली की मांग को रोकने और 2.4 करोड़ किलोवाट प्रतिदिन बिजली बचाने में मदद की है। भारत ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का वचन दिया है और इस योजना की इसे पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार रिहायशी क्षेत्र में देश भर के 77 करोड़ बल्बों को मार्च, 2019 तक एलईडी बल्बों में बदलने को समर्पित है। इस लक्ष्य से 20 हजार मेगावाट बिजली के भार को कम होने की उम्मीद है। इससे सालाना 1000 लाख किलोवाट बिजली बचने का अनुमान है। 
इस समय डीईएलपी का यह कार्यक्रम राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, झारखंड और उत्तराखंड में पूरी तरह चल रहा है। जल्दी ही राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्यक्रम की शुरुआत केन्द्र शासित प्रदेश दादर तथा नगर हवेली के अतिरिक्त गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, ओडिशा और बिहार में की जाएगी।

सेना में भर्ती के लिए पंजीकरण 25 मार्च तक

पूर्णिया : निदेशक, सेना भर्ती कार्यालय कटिहार से प्राप्त सूचना के अनुसार 09 अप्रैल, 2016 से 19 अप्रैल, 2016 तक सभी ट्रेड के लिए गढ़वाल मैदान (सैन्य शिविर), कटिहार में 12 जिलों की भर्ती की जायेगी जिसमें बांका, खगडि़या, सुपौल, अररिया, सहरसा, बेगुसराय, मुंगेर, मधेपुरा, भागलपुर, पूर्णियां, किशनगंज और कटिहार के युवको को मौका मिलेगा। सभी अभ्यर्थी अपना पंजीकरण तथा आवेदन 23 फरवरी, 2016 से 25 मार्च, 2016 तक WWW.joinindianarmy.nic.in पर कर सकते हैं।

‘हम हैं वंडर बाॅयज’ का प्रदर्शन अप्रैल में

मुंबई : मारुती इंटरनेशनल एन्टरटेनमेंट के बैनर तले बनी हिंदी फिल्म ‘हम हैं वंडर बॉयज’ का प्रदर्शन अप्रैल में होगा। फिल्म के निर्देशक अनिल एस. मेहता ने बताया कि फिल्म की पूरी कहानी पांच ऐसे युवाओं पर केंद्रित है, जो अपनी भारत मां के लिए अपना सारा जीवन कुर्बान कर देते हैं। इन पांच युवाओं की कहानियां कुछ अलग है, लेकिन लक्ष्य एक है, भारत मां का नाम पूरी दुनिया में रौशन करना। आगे क्या होता है, ये आपको फिल्म देखने के बाद पता चल जायेगा। फिल्म के निर्माता रेखा एच पटेल इस फिल्म के माध्यम से बॉलीवुड में कदम रखने जा रही हैं। फिल्म की कहानी एसके अमृत, स्क्रीन प्ले एवं डायलॉग संजय कुमार एवं एसके अमृत, गीत पुरुषोत्तम पाण्डेय, जितेंद्र मिर्जापुरी, सोनू सागर और केवी तमन्ना ने सुरीले संगीतों से सजाया है। फिल्म के मुख्य कलाकारों में नेहाश्री, हर्षित पटेल, रजा मुराद, उजाला मेहता, मुस्ताक खान, हेमंत पाण्डेय, अह्शान खान, पंकज बेरी, देव मल्होत्रा हैं।

डीएम की अध्यक्षता में यातायात संबंधित बैठक

पूर्णिया : शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाकर सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पिछले दिनों जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आहुत की गई। जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त को शहर की सभी महत्वपूर्ण सड़कों से अतिक्रमण हटाने हेतु अभियान चलाने का निर्देश दिया। शहर में आॅटो पड़ाव के रूप में चिन्हित स्थलों पर संकेत पट तथा सीमा निर्धारण करने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया। सड़क किनारे वाहनों के अवैध पार्किंग के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत कठोरतम फाइन लगाने हेतु जिला परिवहन पदाधिकारी को कार्रवाई करने को कहा गया। यातायात में लगाये गए पुलिस पदाधिकारियों एवं जवानों को विस्तृत ब्रीफिंग कर निदेश देने के लिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर को कहा गया। अवैध पार्किंग के विरूद्ध कार्रवाई हेतु एक क्रेन सदर अनुमंडल पदाधिकारी को नगर निगम द्वारा सुलभ कराया जा रहा है। नो-इंट्री के नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, नगर आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर, पुलिस निरीक्षक यातायत सहित विभिन्न थाना प्रभारी उपस्थित थे।

पंचायत निर्वाचन संबंधित बैठक

पूर्णिया : जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में आगामी पंचायत निर्वाचन से संबंधित तैयारी की समीक्षा हेतु बैठक हुई। पंचायत निर्वाचन हेतु तैयार आरक्षण रोस्टर का प्रकाशन प्रखंड स्तर पर तथा पंचायत से संबंधित पदांे हेतु पंचायत भवन में करने का निदेश दिया गया। नाम निर्देशन हेतु ससमय आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने को कहा गया। आवश्यक प्रपत्र, पंजी, नाजिर रसीद आदि पर्याप्त संख्या में संधारित करने का निदेश दिया गया। नाम निर्देशन हेतु पर्याप्त बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की जा रही है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रखंड स्तर नियत्रंण कक्ष की स्थापना करने का निदेश दिया गया। प्रत्येक प्रखंड में दो-दो आदर्श मतदान केन्द्र की स्थापना हेतु मतदान केन्द्र को चिन्हित करने का निर्देश दिया। सभी मतदान केन्द्रों पर न्यूनतम मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कार्रवाई का निदेश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया। पंचायत निर्वाचन में बाधा पहुंचाने वाले अधिक से अधिक संभावित तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करने का निदेश सभी अनुमंडल पदाधिकारी को दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

बजट बोले तो गांव और गरीब

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में साल 2016-17 का बजट पेश किया। बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। पीएफ को लेकर जेटली ने बड़ा ऐलान किया और कहा कि सरकार पहले तीन साल तक नए कर्मचारियों का ईपीएफ का हिस्सा देगी। पहली बार 50 लाख रुपये तक का मकान खरीदने पर 50 हजार रुपये की टैक्स में छूट मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने बजट के लिए जेटली को बधाई दी और कहा कि गांव, गरीब और महिलाओं पर हमारा फोकस है।
पीएफ के लिए सरकार 1 हजार करोड़ का फंड देगी। सर्विस टैक्स को बढ़ाकर 14.5 से 15 फीसदी कर दिया गया है। जेटली ने डिफेंस के लिए 3.41 लाख करोड़ के बजट का प्रस्ताव रखा है, जो पिछली बार के मुकाबले 14 फीसदी ज्यादा है।
संसद में बजट पेश करने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने अगर ज्यादा कमाया है, तो ज्यादा खर्च भी कर रही है। जेटली ने आगे कहा, ‘‘इस बार का बजट काफी संतुलित है। हम एसेट डायवर्जन स्कीम शुरू करेंगे। हमने पर्यावरण के लिए खतरनाक चीजों पर टैक्स लगाया है।’’ वित्तमंत्री ने आगे कहा कि सरकार वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करके रहेगी। बीते 15 महीनों में महंगाई दर नकारात्मक रही है और इस साल भारत की रेटिंग में कोई बदलाव नहीं आया है। जेटली ने बजट पढ़ते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे राहुल गांधी की मांग को स्वीकार करते हैं। राहुल ने दिव्यांगों के काम आने वाले ब्रेल पेपर को ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की थी। जेटली ने बजट भाषण में कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी का दिव्यांगों को राहत देने का प्रस्ताव स्वीकार करता हूं।’’
वित्त मंत्री का बजट में सबसे ज्यादा फोकस गांवों और गरीबों पर रहा। जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सरकार ने अपनी गरीब विरोधी छवि बदलने की कोशिश की है। जेटली ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। 1 मई, 2018 तक हर गांव तक बिजली पहुंचा देंगे। 62 नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। मनरेगा योजना के लिए 38 हजार 500 करोड़ रुपये का आवंटन करेंगे।
जेटली ने बजट भाषण शुरू करते हुए कहा, ‘‘कश्ती चलाने वालों ने जब हारकर दी पतवार हमें, लहर-लहर तूफान मिले, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको कि इन हालत में आता है दरिया करना पार हमें।’’ वित्तमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में मंदी है, लेकिन हम लगातार देश के आर्थिक हालात सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। रोड और रेलवे पर 2.18 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करके यातायात सुगम किया जाएगा। दो बंद एयरपोर्ट को फिर से शुरू किया जाएगा। इसपर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 2 हजार किलोमीटर स्टेट हाइवेज को नेशनल हाइवे में बदला जाएगा। हर गरीब परिवार को एक लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा। नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 60 साल से उपर के लोगों को इस स्कीम में 30,000 रुपये अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा।

बिहार को मिली निराशा, नहीं मिला विशेष पैकेज

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा लोकसभा में पेश किए गए 2016-17 के आम बजट में बिहार को विशेष पैकेज नहीं देने पर प्रदेश के लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। ज्यादातर लोगों ने निराशा प्रकट की है। वहीं स्वास्थ्य बीमा का स्वागत किया गया है। ज्यादातर लोग इसे गरीबों, किसानों और आम लोगों का बजट बता रहे हैं। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बजट को गांव और आम लोगों का बजट बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट देश के 70 प्रतिशत लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन बिहार जैसे पिछड़े राज्यों के लिए विशेष पैकेज की बात नहीं की गई है, जिससे यह बजट बिहार के लिए उतना सुखद नहीं है।’’ उन्होंने कालेधन को सामने लाने के सरकार के प्रयास की सराहना की।
वरिष्ठ अर्थशास्त्री और पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. नवल किशोर चैधरी ने बजट को दीर्घकालीन सुधार वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा पेश इस बजट में आधारभूत संरचनाओं के विकास पर जोर दिया गया है। सरकार ने वित्तीय हालात को देखते हुए कुछ अच्छे कदम उठाए हैं, लेकिन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बाहरी कंपनियों के आने से स्थानीय उद्योगों को नुकसान हो सकता है। पटना के जानेमाने अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता ने बजट को सामान्य बताते हुए कहा कि बिहार के लोगों को इस बजट से उम्मीदें थीं, लेकिन इस बजट में बिहार को खास तौर पर कुछ भी नहीं मिल सका। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ओपी शाह ने बजट को मिलाजुला बताया। उन्होंने कहा, ‘‘वित्तमंत्री ने बजट में आधारभूत संरचना का जो प्रावधान किया है, उससे देश को आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।’’ हालांकि उन्होंने बिहार के लिए विशेष पैकेज नहीं दिए जाने पर नाखुशी जताई। 
बिहार सचिवालय के कर्मचारी रत्नेश कुमार का मानना है कि बजट में लोगों को स्वास्थ्य बीमा दिया जाना स्वागत योग्य है। एक निजी विद्यालय की शिक्षिका रोमा श्रीवास्तव कहती हैं कि देश में 62 नवोदय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव का स्वागत होना चाहिए। इसके अलावा विद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र के लिए डिजिटल डिपॉजिटरी की भी प्रशंसा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए बजट में कोई चर्चा नहीं की गई है, जो बिहार के विकास के लिए सबसे जरूरी है। 
 अहम बिंदु 
  1. व्यक्तिगत आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं
  2. एक करोड़ रुपये से ज्यादा आय पर सरचार्ज बढ़ा
  3. मकान भत्ता 24 हजार से बढ़ाकर 60 हजार किया गया
  4. पहली बार घर खरीदने पर ब्याज में छूट
  5. किराये के मकान में रहनेवालों को 24,000 रुपये सालाना के बजाय अब 60,000 रुपये की कर राहत। हाउस रेंट की छूट बढ़ाई गई
  6. 5 लाख तक की आय पर टैक्स में तीन हजार का फायदा, छोटे कर दाताओं को बजट में बड़ी राहत
  7. 50 लाख रुपये तक के घर पर 50,000 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट
  8. चांदी को छोड़कर अन्य आभूषणों पर एक प्रतिशत का उत्पाद शुल्क
  9. 5 लाख रपये से कम की आय वाले आयकरदाताओं को राहत। धारा 87 एक के तहत छूट की सीमा 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये की गई
  10. 2017-18 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेल उत्पाद के 3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य
  11. 2015-16 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.9 प्रतिशत। 2016-17 में यह 3.5 प्रतिशत होगा।

 महंगा 
  • 10 लाख से ज्यादा की कार महंगी हर तरह की गाडि़यां महंगी
  • डीजल गाडि़यों पर 2.5 फीसदी टैक्स बढ़ा
  • एसयूवी में 4 फीसदी टैक्स बढ़ा
  • सिगरेट महंगी, बीड़ी छोड़कर हर तंबाकू उत्पाद महंगा
  • सोने और हीरे के गहने महंगे
  • मोबाइल बिल और होटल में खाना हुआ महंगा
  • रेडीमेड कपड़े महंगे
  • सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़कर 15 फीसदी हुआ
  • जिम में जाना, रेल ई-टिकट खरीदना महंगा
  • ब्यूटी पार्लर जाना महंगा।

 सस्ता 
  • मोबाइल, डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट
  • दिव्यांगों की मदद से जुड़े इक्विपमेंट्स
  • डायलिसिस इक्विपमेंट्स।