बांका। वोट के लिए महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने का खेल यहां वर्षों पुराना है। बाद में उस प्रतिमा की क्या स्थिति होती है, यहां देखा जा सकता है। बांका जिले के चान्दन प्रखंड के धनुवसार पंचायत के महादलित लोहटनियां गांव में संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा लगायी गयी थी। गनौरी रविदास बताते हैं कि गांव के किनारे प्रतिमा स्थापित करने के लिए एक सज्जन ने एक कट्ठा जमीन दे दी। यहीं बाबा साहब की प्रतिमा लगा तो दी गयी, लेकिन उसके बाद से इसकी सुध लेने कोई नहीं आया। डाॅ. अम्बेडकर की प्रतिमा अब टूटने लगी है। जिस प्लेटफाॅर्म पर प्रतिमा स्थापित है, उसपर बच्चे चढ़कर खेलते-बैठते हैं। आसपास जानवर सैर करते हैं।
चिंगारी ग्रामीण विकास केन्द्र के रवि रौशन कहते हैं कि राजनेताओं और एनजीओ के इस खेल में महापुरुष अपमानित हो रहे हैं। पहले तो महादलित टोलों को एक सोची-समझी चाल के तहत ऐसे काम के लिए चुना जाता है, और फिर वहां प्रतिमा स्थापित कर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है। प्रतिमा स्थापित करने का यह खेल नेता वोट बैंक के लिए और एनजीओ वाले फंड के लिए कर रहे हैं। इसपर तुरन्त रोक लगाये जाने की जरूरत है।
चिंगारी ग्रामीण विकास केन्द्र के रवि रौशन कहते हैं कि राजनेताओं और एनजीओ के इस खेल में महापुरुष अपमानित हो रहे हैं। पहले तो महादलित टोलों को एक सोची-समझी चाल के तहत ऐसे काम के लिए चुना जाता है, और फिर वहां प्रतिमा स्थापित कर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है। प्रतिमा स्थापित करने का यह खेल नेता वोट बैंक के लिए और एनजीओ वाले फंड के लिए कर रहे हैं। इसपर तुरन्त रोक लगाये जाने की जरूरत है।
हजरत टीपू सुल्तान का दरबार और बाबू
पटना। पश्चिमी गांधी मैदान के पास है जिलाधिकारी महोदय का आवास। और इससे ठीक सटे ही हजरत टीपू सुल्तान का दरबार। लोग कहते हैं कि भले ही सीएम या डीएम के जनता दरबार में आपकी बात ना सूनी जा रही हो, लेकिन यहां आने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दरबार में झार-फूंक भी किया जाता है। ताबीज भी दी जाती है। खासकर जुमे के दिन यहां काफी भीड़ रहती है। यहां आने वाले सभी लोगों का मुंह मीठा करवाया जाता है। इसे आस्था कहें या कुछ और, आने वाले ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे और पैसे वाले होते हैं। यह भी बताया जाता है कि चुनाव का समय आते ही यहां भीड़ बढ़ जाती है। कुर्ता-पायजामा और टोपी पहने बाबू लोग यहां लाल-पीली बत्ती वाली गाड़ी से उतरते हैं। वैसे दरबार के बगल में ही गन्ने का जूस बेचने वाला बताता है कि आने वाले कितने लोगों की मुरादें पूरी होती हैं, यह तो वे ही जानें। पिता अपने पुत्र से 15 साल छोटा
जहानाबाद। पिता अपने पुत्र से 15 साल छोटा है। यह करिश्मा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बनाने वाले कम्प्यूटर आॅपरेटर ने कर दिया। कम्प्यूटर आॅपरेटर की इस गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं रामभवन मोची। रामभवन जहानाबाद के सिकरिया पंचायत के कड़ौना गांव स्थित चमन बीघा में रहते हैं। रामभवन का स्मार्ट कार्ड संख्या 10330120012000817 है। इसमें जन्म वर्ष 1967 दिखाया गया है। वहीं उनके पुत्र विरेन्द्र दास का भी स्मार्ट कार्ड बना है। विरेन्द्र का स्मार्ट कार्ड संख्या 10330120012000840 है। इसमें जन्म वर्ष 1952 अंकित है। इस तरह पिता अपने ही पुत्र से 15 साल छोटा हो गया। रामभवन बताते हैं कि ऐसा हो जाने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है। इसे सुधरवाने के लिए पिता-पुत्र काफी प्रयास कर चुके हैं। इसके बावजूद जन्म वर्ष को नहीं सुधारा गया है। दलित मुद्दों पर विधायकों के साथ विचार-विमर्श
पटना। बिहार औद्योगिक संघ, पटना के सभागार में पिछले दिनों दलित अधिकार मंच एवं एक्शन एड, पटना के संयुक्त तत्वावधान में बिहारी दलितों की बुनियादी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर अनुसूचित जाति/जनजाति उपयोजना के तहत आवधिक सूचनापत्र बिहार बजट वॉच का विमोचन उदय नारायण चैधरी एवं अन्य अतिथियों के द्वारा किया गया। विमोचन के बाद रोबिन रवि एवं रमेश कुमार ने कहा कि यह पत्रिका वंचित समुदायों तथा सरकारी तंत्रों के बीच खाइयों को पाटने का एक सशक्त माध्यम है। साथ ही यह अनुसूचित जाति/जनजाति उपयोजना के बारे में संवाद, विचारों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को बढ़ावा देगी। मुख्य अतिथि उदय नारायण चैधरी ने कहा कि आपने तीन मुद्दों, भूमि अधिकार, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम एवं विशेष अंगीभूत उप-योजना को शामिल किया है, जो काबिले तारीफ है। समय बदला है, परिस्थितियां बदली हैं, हमें भी बदलना होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के 65 साल के बाद भी हम अपने अधिकारों से वंचित हैं, उसकी जड़ में पूंजीपति हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे दलित समाज से ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधि चुनकर आयें और सरकार में भागीदार बन कार्य करें, तभी दलितों का विकास हो पायेगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में क्षमतावान युवाओं को पहचानना होगा।
कपिलेश्वर राम ने कहा कि वर्तमान में भूमि अधिकार, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम एवं विशेष अंगीभूत उप-योजना की स्थिति एवं उसके क्रियान्वयन में अस्पष्टता है। हम बिहार विधान सभा के सदस्यों से अपेक्षा करते हैं कि अपने अनुभव और नीति निर्धारण करने में अपना अमूल्य सुझाव देंगे। एक्शन एड, पटना के क्षेत्रीय प्रबंधक विनय ओहदार ने भूमि अधिकार से संबंधित तमाम अधिनियमों, बिल, केस अध्ययनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभिवंचित वर्गों की स्थिति आज भी बहुत खराब है। यदि हम भूमि अधिकार की बात करें, तो हमारी हकमारी हुई है। इसके अलावा आईसीडीएस, मनरेगा, इंदिरा आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा योजना, दलित बच्चों के लिए पौष्टिक आहार योजना, सभी, की राशि में जमकर बंदरबांट किया जा रहा है। हमारे बीच के लोग ही 80 प्रतिशत राशि डकार जा रहे हैं। जदयू विधायक मनीष कुमार ने कहा कि आज भी डाॅ0 भीमराव अंबेडकर के विचार काफी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले लोगों को शिक्षित करना होगा, ताकि वे अपने अधिकारों की लड़ाई खुद लड़ सकें।
इस अवसर पर संजय पाण्डेय, सत्येन्द्र कुमार, अरविंदो बनर्जी, रमेश कुमार, रोबिन रवि, दिनकर राम, विनय ओहदार, वसंत कुमार, कपिलेश्वर राम, दीपचंद दास ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

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