COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2014

जान बचाने को 350 दलितों ने छोड़ा गांव

खास खबर
गया : बिहार के एक गांव के 350 से अधिक दलित अपने गांव को छोड़ कर चले गए हैं। यह गया जिले के टेकारी प्रखंड का एक पूरा गांव है। इस गांव के लगभग सौ दलित परिवार लगातार मिल रही धमकी के कारण 25 सितंबर को गांव से पलायन कर गए। पलायन करने वालों में से एक ग्रामीण लालजीत कुमार मांझी ने बताया कि एक हत्या के अभियुक्तों के परिजनों की ओर से दिए जा रहे धमकी के कारण वे सब गांव छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।
घटना के संबंध में गया के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिला प्रशासन इन ग्रामीणों का विश्वास हासिल कर उन्हें गांव लौटाने के प्रयासों में जुटा है। उन्होंने बताया कि हत्या के मुख्य अभियुक्त ऋषि शर्मा को शनिवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया और गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। साथ ही गांव के दलित टोले में पुलिस चैकी के स्थापना को भी स्वीकृति दे दी गई है।
सूचना के मुताबिक 19 सितंबर की रात महादलित समुदाय के एक युवक अर्जुन मांझी की हत्या कर दी गई थी। हत्या का संबंध सहकारी समिति (पैक्स) चुनाव से जुड़ा बताया जा रहा है।
गांव छोड़ने का सामूहिक फैसला : हत्या से संबंधित एफआईआर में गांव के ही सवर्ण जाति के सात लोग अभियुक्त हैं। ग्रामीणों के अनुसार, एफआईआर के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिलने लगीं और फिर जब पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही, तो उन्होंने सामूहिक रूप से गांव छोड़ने का फैसला किया।
ग्रामीण अर्जुन मांझी के अनुसार, ग्रामीणों की योजना गया जाकर धरना देने की थी। लेकिन, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद वे टेकारी प्रखंड स्थित मोटीवेशन सेंटर में शरण लेने को तैयार हुए। ग्रामीणों की मांग है कि सुरक्षा के लिहाज से सरकार उन्हें किसी दूसरी जगह पर बसाए। इस संबंध में जिलाधिकारी का कहना है कि ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाना आसान है, लेकिन इससे पीडि़त परिवारों की परेशानी हल नहीं होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों से लौटने का आग्रह किया है। भविष्य में जिला प्रशासन पीडि़त परिवारों को न सिर्फ सुरक्षा मुहैया कराएगा, बल्कि उनके टोले को बिजली से जोड़ा जाएगा और वहां विकास संबंधी दूसरे कामों को जल्द से जल्द अमली जामा पहनाया जाएगा।
दूसरी ओर बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग की दो सदस्यीय टीम प्रभावित लोगों से मिलकर घटना की जांच करेगी। आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन को दलितों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, विकल ने यह भी कहा कि लक्ष्मणपुर बाथे और बथानी टोला के अभियुक्तों की रिहाई के कारण भी सूबे में दलित उत्पीड़न की ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
अमर उजाला डाॅट काॅम से साभार

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