COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

अनुसूचित जातियों, जनजातियों व अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए आबंटन बढ़ाया जाएगा

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्मार्ट कार्ड योजना शुरू की जाएगी
 बजट की खबरें 
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों की कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष महत्व दे रही है। बजट 2017-18 में अनुसूचित जातियों के लिए आबंटन 38,833 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 52,393 करोड़ रुपए किया गया है, जो लगभग 35 प्रतिशत अधिक है। अनुसूचित जनजातियों के लिए आबंटन बढ़ाकर 31,920 करोड़ रुपए और अल्पसंख्यक मामलों के लिए आबंटन बढ़ाकर 4,195 करोड़ रुपए किया गया है। सरकार नीति आयोग द्वारा इन क्षेत्रों में व्यय की परिणाम आधारित निगरानी की शुरूआत करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्मार्ट कार्ड शुरू किए जाएंगे, जिनमें उनके स्वास्थ्य संबंधी विवरण दर्ज होंगे। वर्ष 2017-18 के दौरान 15 जिलों में प्रायोगिक योजना के जरिए इसकी शुरूआत की जाएगी। एलआईसी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए निश्चित पेंशन योजना लागू करेगी, जिसमें 10 वर्ष तक प्रतिवर्ष आठ प्रतिशत प्रतिलाभ मिलने की गारंटी होगी।  

मनरेगा को अबतक का सर्वाधिक 48 हजार करोड़ रुपये का आबंटन

नई दिल्ली : अरूण जेटली ने संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के जीवन और पर्यावरण में सुधार लाने के लिए उनसे घनिष्ठ सहयोग के साथ कार्य करती रहेगी, क्योंकि यह हमारी सरकार के लिए समझौता न करने वाला कार्यक्रम है। 2017-18 में ग्रामीण, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल आवंटन 1,87,223 करोड़ रुपये किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर एक करोड़ परिवारों और 50 हजार ग्राम पंचायतों को 2019 तक गरीबी से बाहर लाने के लिए मिशन अंत्योदय शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के हमारे संकल्प के समर्थन में मनरेगा को अभिमुख बनाने के लिए गंभीर प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि 2016-17 में मनरेगा के तहत 38,500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया था, जिसे 2017-18 में बढ़ाकर 48,000 करोड़ रुपये किया गया है। यह मनरेगा के लिए अबतक का सबसे बड़ा आवंटन है। मनरेगा की सभी परिसंपत्तियों की भूसंबद्धता और उन्हें लोगों की जानकारी में रखने की पहल ने बेहतर पारदर्शिता स्थापित की है और सरकार मनरेगा कार्यों की योजना के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का भी बड़े पैमाने पर उपयोग कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) निर्माण की गति 2016-17 में तेजी से बढ़कर 133 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन हो गई, जबकि 2011-14 अवधि के दौरान इसका औसत 73 किलोमीटर प्रतिदिन था। उन्होंने कहा कि सरकार 2019 तक पीएमजीएसवाई के तहत मौजूदा लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के लिए 2017-18 में 19,000 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि बेघर लोगों और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों के लिए 2019 तक एक करोड़ मकानों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए बजट अनुमान 2016-17 में किये गए 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन को बढ़ाकर 2017-18 में 23,000 करोड़ रुपये कर दिया है। श्री जेटली ने उम्मीद जाहिर की कि देश के शत-प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण का लक्ष्य 01 मई, 2018 तक प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 2017-18 में 4,814 करोड़ रुपये के बढ़े हुए आवंटन का प्रस्ताव किया गया है।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने 2017-18 में ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटनों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और क्रेडिट सहायता योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर तीन गुना से अधिक कर दिया है। वित्त मंत्री ने सदस्यों को बताया कि सुरक्षित स्वच्छता और खुले में शौच को रोकने के कार्य को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने बहुत प्रगति की है। ग्रामीण भारत में स्वच्छता का दायरा अक्टूबर, 2014 में 42 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत हो गया है। अब ऐसे गांवों को पाइप युक्त पानी की आपूर्ति में प्राथमिकता दी जा रही है। 

गांव स्तर पर महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे 

नई दिल्ली : अरुण जेटली ने संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि 14 लाख आईसीडीएस आंगनवाड़ी केंद्रों में 500 करोड़ रुपए के आबंटन के साथ गांव स्तर पर महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के लिए ‘वन स्टॉप’ सामूहिक सहायता प्रदान करेगा। गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की राष्ट्रव्यापी योजना के अंतर्गत छह हजार रुपए सीधे ऐसी गर्भवती महिला के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे, जो किसी चिकित्सा संस्था में बच्चे को जन्म देगी और अपने बच्चों का टीकाकरण कराएगी।  
बजट अनुमान 2017-18 में सभी मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत महिला और बाल कल्याण के लिए आबंटन 1,56,528 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1,84,632 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

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