COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

चेचक और हलका खसरा के लिए एकल टीका

नई दिल्ली : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बेंगलुरू में आयोजित एक समारोह में देश में मीजल्स रूबेल (एमआर) टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। इन दो बीमारियों के खिलाफ अभियान पांच राज्यों, संघशासित प्रदेशों (कर्नाटक, तमिलनाडू, पुदुचेरी, गोवा और लक्षद्वीप) से शुरू किया जायेगा, जिसके अंतर्गत करीब 3.6 करोड़ बच्चों को टीके लगाये जाएंगे। इस अभियान के बाद मीजल्स रूबेल (एमआर) टीका नियमित रोग-प्रतिरक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा, जो वर्तमान में दी जा रही मीजल्स की खुराक का स्थान लेगा। वर्तमान में यह खुराक दो बार यानी 9-12 महीने और 16-24 महीने की आयु के बच्चों को दी जाती है।
टीके के उद्घाटन के अवसर पर केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री सदानंद गौडा, केन्द्रीय संसदीय कार्य, रसायन और उर्वरक मंत्री अनन्त कुमार, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, कर्नाटक सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ. शरण प्रकाश रूद्राप्पा पाटिल, कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य राज्यमंत्री केआर रमेश और जाने-माने अभिनेता रमेश अरविन्द उपस्थित थे। गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संचार सामग्री का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि सरकार देश को चेचक (मीजल्स) और हलका खसरा (रूबेल) से मुक्त करने के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस काम में राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, गेट्स फाउंडेशन, लायन्स क्लब, आईपीए, आईएमए आदि विकास भागीदारों को शामिल करेगी। एमआर अभियान का लक्ष्य देशभर में करीब 41 करोड़ बच्चों को लाभ पहुंचाना है। इन सभी की आयु 9 महीने से 15 वर्ष के बीच है।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों में डाॅ. अरुण के. पंडा, एएसएमडी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एससी खुंटिया, मुख्य सचिव, कर्नाटक, डाॅ. शालिनी रजनीश प्रधान सचिव, कर्नाटक, वंदना गुरनानी, जेएस (आरसीएच, आईईसी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विकास भागीदारों के प्रतिनिधि शामिल थे।

बजट में 10 प्रतिशत से अधिक का इजाफा

नई दिल्ली : संसद में पेश किए गए बजट प्रस्तावों में जनजातीय मामले मंत्रालय के बजट परिव्यय में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है। चालू वित्त वर्ष के 4,847 करोड़ रुपये की तुलना में आगामी वित्त वर्ष के लिए 5,329 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। अनुसूचित जन-जातियों के कल्याण के लिए भी सभी मंत्रालयों के बजट आवंटन में 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गई है। इस मद के लिए चालू वित्त वर्ष के 24,005 करोड़ रुपये की तुलना में आगामी वित्त वर्ष के लिए 31,920 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। अजजा विद्यर्थियों के लिए उच्चतर शिक्षा संबंधी नेशनल फेलोशिप और स्कॉलरशिप हेतु बजट में 140 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसके लिए वर्ष 2016-17 के रुपये 50 करोड़ की तुलना में अगले वित्त वर्ष के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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