COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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शुक्रवार, 9 मई 2014

आरटीआई आवेदनों की प्राप्ति रसीद नहीं देते बड़ा बाबू !

पटना : नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों पर नौकरशाह कैंची चलाने पर अमादा हैं। वह चाहे वनाधिकार कानून हो, खाद्य सुरक्षा अधिकार हो या फिर शिक्षा का अधिकार या सूचना का अधिकार। नौकरशाह नागरिकों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने पर तुले हैं। 
बिहार में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्रेषित आवेदनों की प्राप्ति रसीद नहीं दी जाती है। प्राप्ति रसीद नहीं देने में कार्यालय के बड़ा बाबू का हाथ बताया जाता है। बताया जाता है कि अगर बड़ा बाबू आवेदक को प्राप्ति रसीद दे देंगे, तो लोक सूचना पदाधिकारी को 30 दिनों के अंदर पूछे गये सवालों की जानकारी देनी होगी। अहम सवाल यह है कि साहब के पास जानकारी हो तब न वे देंगे।
अगर साहब 30 दिनों के अंदर जानकारी नहीं देते हैं, तो उनकी परेशानी बढ़ सकती है। पहले तो आवेदक प्रथम अपील करेगा। अगर प्रथम अपील की जानकारी नहीं दी जाती है, तो आवेदक लोक सूचना पदाधिकारी और प्रथम अपील के आवेदनों को मिलाकर राज्य सूचना आयोग में जाकर द्वितीय अपील कर देगा। अगर राज्य सूचना आयोग सख्त हुआ, तो जानकारी नहीं देने के एवज में लोक सूचना पदाधिकारी को अर्थदण्ड भी लगा सकता है। बस, इसी से बचने के लिए प्रारंभिक काल से ही अड़चन लगाना शुरू कर दिया जाता है। 
एकता परिषद के बिहार संचालन समिति की सदस्य सिंधु सिन्हा ने कहा कि साधारण कागज और कम्प्यूटर प्रिंट पर आवेदन देने पर कार्यालय के बाबू स्वीकार नहीं करते हैं। दूसरी तरफ, बाजार से आवेदन प्रपत्र खरीद और उसे भरकर देने के बाद भी कार्यालय के बड़ा बाबू आवेदनों की प्राप्ति रसीद नहीं देते हैं। ऐसे में मजबूरी में आवेदक आवेदन प्रपत्र को रजिस्ट्री करने को बाध्य हैं। 
उन्होंने बताया कि खबर छपी थी कि 1,84,037 भूमिहीन परिवारों को तीन-तीन डिसमिल जमीन उपलब्ध करायी गयी है। इसमें भोजपुर जिले के चिन्हित 531 परिवारों को जमीन देकर शतप्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली गयी है। इसकी संपुष्ठि आरटीआई के माध्यम से करनी थी। आप लाभान्वितों की सूची उपलब्ध करा दें, ताकि उनके घर जाकर सच्चाई जाना जा सके। 
भोजपुर जिले के संदेश थानान्तर्गत सुन्दरपुर गांव निवासी गिरधारी ठाकुर ने संदेश प्रखंड के अंचलाधिकारी से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी। प्रखंड संदेश के किस-किस गांव में और कितने बीपीएल परिवारों को आवासीय भूमि 3 डिसमिल जमीन वितरण की गयी है? इसकी सूची उपलब्ध करायी जाए। 
8 माह गुजर गये। संदेश प्रखंड के लोक सूचना पदाधिकारी, अंचलाधिकारी के कार्यालय से किसी तरह की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। मगर, गिरधारी ठाकुर ने प्रेषित प्रपत्र को बेहतर ढंग से रखा है। उसे उम्मीद है कि सूचना के अधिकार के तहत उसे जानकारी जरूर मिलेगी।

बीडीओ को सौंपा स्मार पत्र

गया : कुर्था प्रखंड के विकास पदाधिकारी उषा कुमार को दो दिवसीय महिला किसान जागरूकता पदयात्रा के समापन पर स्मार पत्र सौंपा गया। स्मार पत्र में मांग की गई कि भूमिहीन महिलाओं को किसानी का दर्जा दिया जाए। साथ ही सामूहिक खेती, बटाईदारी खेती, एकल खेती के अलावा सब्जी की खेती करने वाले लघु एवं सीमांत किसानों से लाभान्वित कराया जाए। इसके अलावा प्रखंड में किसान पाठशाला का निर्माण किया जाए और माणिक पाकड़ में रहने वाले महादलित परिवारों को वासगीत पर्चा निर्गत किया जाए।
इससे पहले आॅक्सफैम इंडिया के सहयोग से गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति ने खेमखरण सराय से महिला किसान जागरूकता पदयात्रा शुरू की। पदयात्रा कुर्था, नैनसुखबीघा, कुर्मीडीह, सच्चाईमठ, हड़पुर, नदौरा, लोदीपुर, सहाबाजपुर आदि क्षेत्रों से होकर प्रखंड मुख्यालय पहुंची। इसके बाद स्मार पत्र दिया गया। महिला किसान मंच की प्रखंड अध्यक्ष शीलमन्ती देवी के नेतृत्व में चली पदयात्रा में डोमनी देवी के अलावा गणेश दास, मंजू डुंगडुंग, शैल देवी, राजकुमार सहित कई लोग उपस्थित थे।

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बरता जा रहा भेदभाव

पटना : पटना सदर के नकटा ग्राम पंचायत के बिन्द टोली में 20 मार्च, 2014 की रात आग लगी थी। खाना बनाते समय लगी आग की चपेट में आकर दर्जनों झोपडि़यां धू-धू कर जल गयीं। घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। बाद में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 46 सौ रुपए पीडि़तों को दिया गया।
दूसरी तरफ पटना में ही रामनवमी के दिन 5 बजे शाम में शाॅट सर्किट से आग लगने से 25 घर स्वाहा हो गये। आग की लपटों की चपेट में आकर कई घर जल गये। लाखों की संपत्ति नष्ट हो गयी। कुल मिलाकर भवन निर्माण करने वाले मजदूर रोड पर आ गए। 
भरत बिन्द, गंगा बिन्द, दीपक बिन्द, बाबूलाल बिन्द, हीरा लाल बिन्द, शर्मिला देवी, मुन्नर देवी आदि ने बताया कि हमलोग भवन निर्माण करने वाले मजदूर हैं। रूपसपुर थाना क्षेत्रान्तर्गत पाटलिपुत्र-दानापुर रेलखंड के ऊपरी पुल के नीचे और रेलखंड के बगल में 20 साल से रहते आ रहे हैं। पहले शेखपुरा में रहते थे। रामनवमी के दिन सभी लोग राम-राम भज ही रहे थे कि अचानक आग लग गयी। देखते ही देखते 5 मिनट में ही 25 घर जलकर खाक हो गये। अग्नि पीडि़त परिवारों को 42 सौ रुपए मिले हैं। कई परिवार लाभ से वंचित रह गये। 
एक अलग घटना में हड़ताली मोड़ के समीप आग से 25 झोपडि़यां जल गयीं। सुनीता देवी ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 46 सौ रुपए और 50 किलोग्राम चावल और उतने ही गेहूं मिले हैं।

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