- मामला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का
- चयन समिति की गलती का खामियाजा पड़ रहा है भुगतना
- सीएम, पूर्व सीएम व अधिकारियों ने नहीं सुनी फरियाद
- 17 नवम्बर से महिलाएं कर रही हैं अनशन
पिछले दिनों
आलोक कुमार
गया : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के 148 कर्मचारियों की छंटनी पिछले दिनों कर दी गयी है। इनका चयन चार सदस्यीय टीम द्वारा किया गया था। चयन 27 सितम्बर, 2007 को हुआ था, जिनमें 45 शिक्षक, 44 रसोइया, 22 आदेशपाल, 20 रात्रिप्रहरी और 17 वार्डेन थे। दुर्भाग्य से चयन समिति के सदस्य अपना हस्ताक्षर करना भूल गए। अब इसे ही आधार बनाकर 1 जनवरी, 2013 को नियोजन रद्द कर दिया गया है। इस आदेश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान, गया का हस्ताक्षर है। विडम्बना यह है कि उक्त पदाधिकारी ने 5 नवम्बर, 2014 को हस्ताक्षर किया है, मगर छंटनीग्रस्त कर्मियों को इसकी सूचना नहीं दी गयी।
छंटनीग्रस्त कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य परियोजना निदेशक, जिले के शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिलाधिकारी आदि के पास अपनी फरियाद की है। जब इसपर ध्यान नहीं दिया गया, तो लोग राजधानी में धरना व प्रदर्शन करने को बाध्य हुए। अब 17 नवम्बर, 2014 से पटना में सामूहिक अनशन किया जा रहा है। प्रत्येक दिन 10 महिलाकर्मी सामूहिक अनशन करती हैं।

अनशन स्थल पर शिक्षिका कुमारी अमिता, रंजना कुमारी, और संजू कुमारी, रसोइया सुनीता देवी और चिन्ता देवी, आदेशपाल मंजू देवी, उषा देवी और पूनम कुमारी व रात्रि प्रहरी ममता देवी और विमला देवी मिलीं। इन महिला कर्मियों का कहना है कि पिछले सात साल से वे सेवारत हैं। महज चयन समिति के सदस्यों का हस्ताक्षर नहीं होने के कारण 148 कर्मियों की छंटनी कर दी गयी है। इसमें हम महिला कर्मियों की क्या गलती है ?
लेखक परिचय : आलोक कुमार समाजसेवी हैं। पिछले कई वर्षों से वे दलित, महादलित व वंचित समुदायों के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही पत्रकारिता उनकी रुचि रही है। विभिन्न विषयों पर आप अखबारों व पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे हैं।
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