COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 4 दिसंबर 2014

गया में 148 महिला कर्मचारियों की छंटनी

  • मामला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का
  • चयन समिति की गलती का खामियाजा पड़ रहा है भुगतना
  • सीएम, पूर्व सीएम व अधिकारियों ने नहीं सुनी फरियाद
  • 17 नवम्बर से महिलाएं कर रही हैं अनशन 

पिछले दिनों 
आलोक कुमार 
गया : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के 148 कर्मचारियों की छंटनी पिछले दिनों कर दी गयी है। इनका चयन चार सदस्यीय टीम द्वारा किया गया था। चयन 27 सितम्बर, 2007 को हुआ था, जिनमें 45 शिक्षक, 44 रसोइया, 22 आदेशपाल, 20 रात्रिप्रहरी और 17 वार्डेन थे। दुर्भाग्य से चयन समिति के सदस्य अपना हस्ताक्षर करना भूल गए। अब इसे ही आधार बनाकर 1 जनवरी, 2013 को नियोजन रद्द कर दिया गया है। इस आदेश पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान, गया का हस्ताक्षर है। विडम्बना यह है कि उक्त पदाधिकारी ने 5 नवम्बर, 2014 को हस्ताक्षर किया है, मगर छंटनीग्रस्त कर्मियों को इसकी सूचना नहीं दी गयी। 
छंटनीग्रस्त कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य परियोजना निदेशक, जिले के शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिलाधिकारी आदि के पास अपनी फरियाद की है। जब इसपर ध्यान नहीं दिया गया, तो लोग राजधानी में धरना व प्रदर्शन करने को बाध्य हुए। अब 17 नवम्बर, 2014 से पटना में सामूहिक अनशन किया जा रहा है। प्रत्येक दिन 10 महिलाकर्मी सामूहिक अनशन करती हैं। 
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ की सचिव कुमारी विद्यावती सिंह कहती है कि कार्यालय जिला शिक्षा पदाधिकारी, बिहार शिक्षा परियोजना, गया द्वारा आदेश निर्गत किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि गया में कार्यरत कर्मियों का नियोजन 27 सितम्बर, 2007 के बाद किया गया था, जो जांच में अवैध पाया गया। साथ ही, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान, गया के पत्रांक 03, दिनांक 04 जनवरी, 2013 के द्वारा नियोजन रद्द कर दिया गया। श्रीमती सिंह ने कहा कि तत्पश्चात जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया के ज्ञापांक 100, दिनांक 24 जनवरी, 2013 द्वारा उक्त पत्र (पत्रांक 03, दिनांक 04 जनवरी) को विलोपित कर दिया गया। पुनः जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया ने आदेश ज्ञापांक 204, दिनांक 03 मार्च, 2013 द्वारा पूर्व ज्ञापांक 100, दिनांक 24 जनवरी को निरस्त करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान, गया के पत्रांक 03, दिनांक 04 जनवरी को पुनर्जीवित कर दिया। राज्य परियोजना निदेशक, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, पटना के पत्रांक 6466, दिनांक 18 सितम्बर, 2014 द्वारा भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान, गया के द्वारा निर्गत पत्रांक 03, दिनांक 04 जनवरी, 2013 के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इसी क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया के पत्रांक 2269, दिनांक 14 अक्टूबर, 2014 द्वारा उक्त पत्रांक 03, दिनांक 04 जनवरी के क्रियान्वयन के लिए जिला कार्यक्रम समन्वयक, बिहार महिला समाख्या सोसाइटी, गया को निर्देशित किया गया था, किन्तु जिला कार्यक्रम समन्वयक, बिहार महिला समाख्या सोसाईटी, गया द्वारा पत्रांक 115, दिनांक 18 अक्टूबर से सूचित किया गया कि चूंकि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कर्मियों का मानदेय बिहार शिक्षा परियोजना, गया द्वारा दिया जाता है तथा बिहार शिक्षा परियोजना, गया द्वारा उनकी नियुक्ति रद्द की गयी है, इसलिए संबंधित कर्मियों को सूचना बिहार शिक्षा परियोजना, गया द्वारा दिया जाना उचित एवं प्रभावी होगा। 
अनशन स्थल पर शिक्षिका कुमारी अमिता, रंजना कुमारी, और संजू कुमारी, रसोइया सुनीता देवी और चिन्ता देवी, आदेशपाल मंजू देवी, उषा देवी और पूनम कुमारी व रात्रि प्रहरी ममता देवी और विमला देवी मिलीं। इन महिला कर्मियों का कहना है कि पिछले सात साल से वे सेवारत हैं। महज चयन समिति के सदस्यों का हस्ताक्षर नहीं होने के कारण 148 कर्मियों की छंटनी कर दी गयी है। इसमें हम महिला कर्मियों की क्या गलती है ?
लेखक परिचय : आलोक कुमार समाजसेवी हैं। पिछले कई वर्षों से वे दलित, महादलित व वंचित समुदायों के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही पत्रकारिता उनकी रुचि रही है। विभिन्न विषयों पर आप अखबारों व पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे हैं।

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