COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

विश्व को चैलेंज कर यूरोप से लौटीं महादलित छात्राएं

राजीव मणि
बिहार के महादलितों में मुसहर समुदाय सबसे ज्यादा उपेक्षित रहा है। आज भी इनकी बस्ती समाज से अलग-थलग पायी जाती है। धरातल पर ना तो सरकारी प्रयास कहीं दिखता है और ना ही समाज का किसी तरह का योगदान।
इन बातों ने सामाजिक कार्यकर्ता सुधा वर्गीज को काफी आन्दोलित किया। नतीजा यह हुआ कि 2006 में उन्होंने नारी गुंजन नामक संस्था की स्थापना की। बिहार महादलित विकास मिशन द्वारा संचालित नारी गुंजन आज मुसहर बच्चियों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर काफी अच्छा काम कर रही है।
नारी गुंजन संस्था पटना एवं सारण जिले में काम करती है। यहां मुसहर बच्चियों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। साथ ही, छात्रावास की सुविधा, भोजन, कपड़ा, सबकुछ फ्री। यहां फिलहाल आठवीं तक पढ़ाई की व्यवस्था है। पढ़ाई के साथ खेलकुद, कराटे, चित्रकला का भी नियमित क्लास चलता है।
पद्मश्री सुधा वर्गीज के प्रयास का ही नतीजा है कि संस्था की 11 छात्राएं अंतर्राष्ट्रीय वुडो काई कराटे चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए 16 दिसम्बर की शाम यूरोप गयीं। आर्मेनिया की राजधानी येरेवान में यह प्रतियोगिता 21-22 दिसम्बर को हुई। इसमें 60 देशों की छात्राएं भाग ले रही थीं। बिहार की इन 11 महादलित छात्राओं ने वहां 18 मेडल अपने नाम कर लिये। इनमें 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 3 ब्राॅज हैं।
सुधा वर्गीज बताती हैं कि दानापुर सेन्टर से 150 लड़कियों में से पूनम कुमारी और निक्की कुमारी का चयन हुआ था। वहीं गया सेन्टर से 110 लड़कियों में काजल कुमारी, गीता कुमारी, बेबी कुमारी, ललिता कुमारी, निक्की कुमारी, गुडि़या कुमारी - प्रथम, गुडि़या कुमारी - द्वितीय, अंजु कुमारी और मधु कुमारी का चयन हो पाया था। इन लड़कियों के साथ सुधा वर्गीज और प्रशिक्षक सेन्सई अश्वनी राज गये थे। इन लड़कियों को विशेष प्रशिक्षण कोच शशि सुमन ने दिया था।
अश्वनी राज कहते हैं कि लड़कियों को पिछले कई माह से कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा था। खास बात यह है कि सभी लड़कियां व्हाइट बेल्ट हैं और यूरोप में ब्लैक बेल्ट लड़कियों से टक्कर लेकर लौटी हैं। राज बताते हैं कि 2011 में भी यहां की सात लड़कियां अंतर्राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में भाग लेने जापान गयी थीं। वहां इन लड़कियों ने कई मेडल जीते थे।
संस्था के गया प्रभारी रंजन बताते हैं कि आर्मेनिया जाने वाली लड़कियां आजतक विदेश तो क्या, नजदीक से प्लेन तक नहीं देखी थीं। आज इनका सपना सच हो गया। इसे लेकर इनमें काफी उत्साह है। विदेश दौरे को लेकर सभी के स्वास्थ्य और भोजन का पूरा ध्यान रखा गया। पूरी टीम मुंबई होते हुए येरेवान, आर्मेनिया पहुंची और अपने देश का नाम रौशन कर लौटी हैं।
पदक जितने वाली छात्राओं के नाम :
गीता कुमारी         ः 2 गोल्ड
निक्की कुमारी     ः 1 गोल्ड
ललिता कुमारी     ः 1 गोल्ड, 1 ब्राॅज
मधु कुमारी         ः 1 गोल्ड, 1 सिल्वर
अंजु कुमारी         ः 1 गोल्ड, 1 ब्राॅज
बेबी कुमारी         ः 1 सिल्वर
गुडि़या कुमारी     ः 2 सिल्वर
गुडि़या कुमारी द्वितीय : 1 सिल्वर
काजल कुमारी     ः 2 सिल्वर
निक्की कुमारी     ः 1 सिल्वर, 1 ब्राॅज
पुनम कुमारी  द्वितीय : 1 सिल्वर।

2 टिप्‍पणियां:

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  2. सलाम आपके जज़्बे को..
    हम किसी से कम नहीं . बस हमारे हुनर को पहचानने वालो की कमी है...
    आप हमारे लिए प्रेरणा के श्रोत है..

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