पटना : संभावित बाढ़/सुखाड़ 2016 से मुकाबले के लिए पूरी तैयारी रहनी चाहिये। उक्त बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़/सुखाड़ 2016 के तैयारियों से संबंधित समीक्षात्मक बैठक के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बाढ़ से निपटने की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गयी। विभिन्न विभागों द्वारा इस संदर्भ में की गयी कार्रवाई की जानकारी दी गयी। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विस्तृत रूप से पूर्ण जानकारी दी गयी है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा हर आपदा से निपटने के लिये एसओपी का निर्माण किया जा रहा है। बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिये एसओपी आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाया जा चुका है, जो सभी को उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माॅनसून के फ्लैक्चुएशन से बाढ़़ या सुखाड़ की स्थिति बन सकती है। हमें दोनों परिस्थितियों का सामना करने के लिये तैयार रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि नदियों के सिलटेशन खासकर गंगा नदी के कारण इससे सटे क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएमडी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है। मैं सभी से यही कहूंगा कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार, सारी तैयारियां करके रखें तथा मानसिक रूप से इसके लिये तैयार रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए हमेशा तत्पर है।
उन्होंने कहा कि 2007 में बाढ़ से काफी लोग प्रभावित हुये थे तथा उन्हें सरकार द्वारा ससमय सहायता उपलब्ध करायी गयी थी तथा सरकार द्वारा सहायता कार्य चलाये गये थे। वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान भी सरकार द्वारा विस्तृत एवं अच्छी सहायता कार्य की गयी थी। आज की तिथि में कोई भी कार्य करने के लिए किसी प्रकार का कनफ्यूजन नहीं है, सभी के लिए मापदण्ड बनाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी आवश्यक सामग्रियों को खरीद लें तथा उनका पहले से ही भंडारण करके रखें। एक-एक चीज को आप अच्छी तरह देख लें। दोनों परिस्थितियों के लिए तैयार रहें। जिलास्तर पर आपदा प्रबंधन के मामले में सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत विशेष अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने स्तर पर संबंधित विभागों के साथ बैठक करके सभी तैयारी पूर्व में करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी जिलाधिकारी को प्रखण्ड स्तर से वर्षापात के आंकड़ों को प्राप्त कर मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आप सभी सचेत रहें तथा बाढ़/सुखाड़ के लिए बनाये गये एसओपी का अच्छी तरह अध्ययन कर लें।
उक्त समीक्षात्मक बैठक में सभी जिलों के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी विडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। उक्त बैठक में प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन ब्यासजी द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें भारत मानसून विज्ञान द्वारा की गयी मानसून वर्षा 2016 का पूर्वानुमान, रिवर बेसिन से संबंधित जानकारी, बाढ़ पूर्व तैयारी, संसाधन मानचित्र, कम्युनिकेशन प्लान आदि बिन्दुओं पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दी गयी तथा चर्चा की गयी। इसके अलावा जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न नदियों के तटबंध की सुरक्षा के लिए की गयी कार्रवाई से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया गया। आईएमडी द्वारा मानसून से संबंधित जानकारी की प्रस्तुतीकरण दी गयी। कृषि विभाग द्वारा आकस्मिक फसल योजना एवं अन्य कृषि के मुद्दे पर प्रस्तुतिकरण दी गयी। इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, पथ निर्माण विभाग द्वारा भी मुख्यमंत्री के समक्ष की गयी तैयारियों से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया गया।
उक्त समीक्षात्मक बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर, उपाध्यक्ष बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सदस्य बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित सभी संबंधित विभागों के प्रधान सचिव, सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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