COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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बुधवार, 29 जून 2016

बिहारी किसानों के लिए वेब आधारित ऐप सीएमआरएस प्रारंभ

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने बिहार के किसानों के लिए बेहतर फसल और पोषक तत्व प्रबंधन हेतु एक वेब आधारित ऐप  चावल आधारित प्रणाली के लिए फसल प्रबंधक (सीएमआरएस) को पटना के आईसीएआर-आरसीईआर में आयोजित कार्यक्रम में प्रारंभ किया।
इस ऐप को शुरू करते हुए केंद्रीय मंत्री ने इस ऐप के विकास में शामिल संस्थानों के वैज्ञानिकों को बधाई दी। यह ऐप प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का ही हिस्सा होगा और इसे ग्रामीण भारत के लिए नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग में लाने के लिए मृदा स्वास्थ्य योजना के साथ जोड़ा जाएगा।
‘चावल आधारित प्रणाली के लिए फसल प्रबंधक (सीएमआरएस)’ एक वेब आधारित ऐप है, जिसका उपयोग कम्प्यूटर, मोबाइल और टैबलेट के जरिए किया जा सकता है और जिसका उद्देश्य किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि करना तथा बिहार में चावल आधारित फसल प्रणाली के उत्पादकता को बनाए रखने के लिए इसे प्रारंभ किया गया है।  

5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन 

नई दिल्ली : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने पटना में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आईसीएआर के अनुसंधान परिसर में ‘ग्रामीण महिलाओं की आजीविका की स्थिति में सुधार लाने के लिए रंगीन या सजावटी मछलियों का पालन एवं प्रबंधन’ विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सजावटी या रंगीन मछली पालन के प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण करने हेतु पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आईसीएआर के अनुसंधान परिसर में हाल ही में रंगीन या सजावटी मछलियों के पालन एवं प्रबंधन के संबंध में एक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई है। 
श्री सिंह ने कहा कि राज्य की मछुआरिनों और अन्य महिलाओं की आजीविका की स्थिति में सुधार लाने से संबंधित सजावटी या रंगीन मछली पालन कार्यक्रम कोई प्रभाव नहीं छोड़ सका। यह योजना वर्ष 2010 में बनाई गई थी और इसे वर्ष 2011-12 से लेकर पांच वर्ष तक कार्यान्वित किया जाना था, हालांकि यह योजना अबतक प्रारंभ नहीं हुई। इस कार्यक्रम का लक्ष्य स्वरोजगार के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है और इसके लिए एक इकाई की स्थापना के लिए प्रति महिला 1.0 लाख रूपये मुहैया कराने का फैसला किया गया है। यह निर्णय किया गया कि यह वित्तीय सहायता राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी और 50,000 रूपये की राशि अर्थात कुल लागत का 50 प्रतिशत प्रत्येक प्रशिक्षित महिला को दिया जाएगा। लेकिन, इस कार्यक्रम के लागू ना होने की वजह से राज्य एनएफडीबी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली वित्तीय सहायता से वंचित रह गया। अब केन्द्र सरकार ने पटना में सजावटी या रंगीन मछलियों के पालन और प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की है, जो बिहार के किसानों को राज्य के भीतर ही प्रशिक्षण पाने में सहायता प्रदान करेगा।

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