पटना : प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह गंगवार ने कैबिनेट मीटिंग के हवाले से बताया कि बिहार में सभी न्यायिक सेवाओं (सुपीरियर जुडिशियल सर्विसेज तथा सबोर्डिनेट जुडिशियल सर्विसेज) में 50 फीसदी आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा राज्य सरकार बनाम दयानंद सिंह केस में 29 सितम्बर, 2016 को पारित आदेश के आलोक में बिहार उच्च न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश (प्रवेश बिन्दु) के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु पटना उच्च न्यायालय, पटना के परामर्श एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु पटना उच्च न्यायालय, पटना के परामर्श एवं बिहार लोक सेवा आयोग की सहमति पर सम्यक विचारोपरांत सरकार द्वारा बिहार उच्च न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली, 2016 में निहित आरक्षण एवं अन्य प्रावधानों को तदनुसार लागू किया गया है। इसके अन्तर्गत बिहार उच्च न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश (प्रवेश बिन्दु) एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) के पद पर सीधी नियुक्ति में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 21 फीसदी, पिछड़ा वर्ग के लिए 12 फीसदी, अनुसूचित जाति के लिए 16 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। सभी श्रेणियों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी और अस्थि विकलांग उम्मीदवारों के लिए 1 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान होगा।
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