COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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बुधवार, 25 सितंबर 2013

बिहार महादलित विकास मिशन की योजनाएं

खास रपट
दशरथ मांझी कौशल विकास योजना: योजना का मकसद महादलित युवकों एवं युवतियों को निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उनके लिए रोजगार सुनिश्चित करना, जिससे महादलितों का आर्थिक एवं शैक्षणीक विकास हो सके। प्रशिक्षण के दौरान मिशन के द्वारा स्टाईपेंड (75 रुपये प्रति प्रशिक्षण दिन) एवं प्रशिक्षण पाठ्य-सामग्री, प्रशिक्षण टूल-किट दिया जाएगा। दशरथ मांझी कौशल विकास योजना के अंतर्गत नौ व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम राज्य के जिला मुख्यालय में चलाया जा रहा है। इस योजना में महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। 
मुख्यमंत्री महादलित पोशाक योजना: इस योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 1 से 5 वर्ग तक के सभी महादलित छात्र-छात्राओं को 500 रुपए पोशाक, जूता आदि क्रय करने हेतु नगद राशि उपलब्ध करायी जाती है। अगले वर्ष इस योजना के अंतर्गत पहले और दूसरे वर्ग के छात्र-छात्राओं को मिशन के द्वारा लाभांवित किया जायेगा। तीसरे से पांचवे वर्ग तक के छात्र-छात्राओं को मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा लाभांवित किया जायेगा। 
विकास मित्र: विकास मित्र सरकार के सभी योजनाओं को महादलितों के विकास हेतु प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक पंचायत (ग्रामीण) एवं वार्ड (शहरी) में एक-एक विकास मित्र का चयन करने की योजना है। प्रत्येक पंचायत एवं वार्ड समूह में जिस महादलित जाति की बहुलता होगी, उसी जाति से विकास मित्र का चयन किया जायेगा। विकास मित्र के चयन में 52 प्रतिशत महिलाओं का चयन किया जायेगा। प्रतिमाह 3000 रुपए मानदेय का भुगतान किया जायेगा। विकास मित्र सरकार एवं महादलित परिवारों के बीच एक कड़ी की रुप में एवं महादलित समुदाय में एक एजेंट के रुप में कार्य करेंगे। संपूर्ण राज्य में लगभग 10,000 विकास मित्रों का चयन मार्च, 2010 तक करने की योजना है। 
महादलित शौचालय निर्माण योजना: संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु महादलित परिवार (लाभार्थी) के  सहांश (योगदान) 300 रुपए प्रति परिवार को बिहार महादलित विकास मिशन की ओर से देकर निःशुल्क शौचालय निर्माण की कार्रवाई सभी जिलों में की जा रही है। इस योजना के तहत 7.00 करोड़ रुपए की राशि मिशन के द्वारा जिला जल एवं स्वच्छता समिति को उपलब्ध करा दी गई है, जिससे 2,33,333 शौचालयों का निर्माण किया जाना है। 
मुख्यमंत्री महादलित रेडियो योजना: महादलितों को मुख्यधारा में जोड़ने एवं प्रभावी जीवन दृष्टि बनाने हेतु इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को ट्रांजिस्टर क्रय करने के लिए 400 रुपए दिया जाना है। 
सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड: सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड का मकसद महादलित टोला में एक ऐसे भवन का निर्माण करना है, जहां महादलितों के सामाजिक कार्यों के निर्वाहन के साथ-साथ बौद्धिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद की गतिविधियों का विकास हो सके। जिला प्रशासन द्वारा चयनित एवं अनुशंसित पंचायतों, जहां महादलितों की अधिक आबादी है, में कम से कम एक सामुदायिक भवन निर्माण करने का लक्ष्य है। 
सहायता (कॉल सेंटर): ‘सहायता’ बिहार महादलित विकास मिशन द्वारा स्थापित पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत आधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉल सेंटर है। इस कॉल सेंटर की स्थापना मुख्य रुप से अनु. जाति एवं अनु. जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं नियम 1995 के अंतर्गत की गई है। ‘सहायता’ अनु. जाति एवं अनु. जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आने वाले शिकायतों को प्राप्त करेगा और उसका समुचित निराकरण करने में अभिवंचित वर्ग की सहायता करेगा। इस कार्य के अतिरिक्त ‘सहायता’ बिहार महादलित विकास मिशन एवं अनु. जाति एवं अनु. जनजाति कल्याण विभाग की योजनाओं से संबंधित जानकारी मांगकर्ता तक पहुंचाएगी। साथ ही मिशन एवं विभाग से जुड़ी समस्याओं को भी लाभुकों, जो अभिवंचित वर्ग के सदस्य हैं, से प्राप्त कर समाधान के लिए संबंधित अधिकारी एवं विभाग को प्रेषित करेगी। ‘सहायता’ कॉल सेंटर की तरह कार्य कर रहा है। इस हेतु एक टॉल फ्री नं. 18003456345 बीएसएनएल से लिया गया है, जिसपर एक साथ 30 कॉल आने जाने की सुविधा है। 
महादलित आवास भूमि योजना: भूमिहीन, आवासहीन महादलित परिवारों का सर्वेक्षण कराकर, चिन्हित कर प्रति परिवार 3 डेसिमल भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा इस हेतु एक हाउस साइट स्कीम तैयार कर इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। भूमि की बंदिबस्ति महिलाओं के नाम से किया जायेगा। 
महादलित जलापूर्ति योजना: महादलित जलापूर्ति योजना में प्रत्येक महादलित बस्ती, जिसकी अबादी कम से कम 125 हो, में एक स्वच्छ पेयजल का स्त्रोत उपलब्ध कराना है। इससे महिलाओं को पानी लाने के लिए अतिरिक्त श्रम नहीं करना पड़ेगा। साथ ही लोगों की स्वास्थ्यगत स्थिति में सुधार आयेगी। 
मुख्यमंत्री नारी ज्योति कार्यक्रम: इस योजना के अंतर्गत महादलित महिलाओं का स्वयं सहायता समूह गठित कर उनका आर्थिक सशक्तिकरण किया जाना है। गया, मुजफ्फरपुर, खगडि़या, नवादा जिलों में डेयरी, बकरी एवं कुकुट पालन हेतु स्वयं सहायता समुहों को आर्थिक सहायता दिया जायेगा। 
महादलित क्रेश: महादलित बस्तियों में आंगनबाड़ी केन्द्र के साथ एक-एक क्रेश खोलने का भी प्रस्ताव है। इसमें तीन वर्ष तक के बच्चों की देखरेख करने की व्यवस्था होगी। क्रेश खोलने से वे बच्चियां विद्यालय जा सकेंगी, जिन्हें घर में बच्चों की देखभाल के लिए रुक जाना पड़ता है। प्रायोगिक स्तर पर गया जिला में इस योजना की शुरुआत की जायेगी। 
धनवंतरी मोबाइल चिकित्सा योजना: महादलितों की बस्ती में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष मोबाइल आयुर्वेदिक वैन चलाया जायेगा। योजना के कार्यांवयन के संबंध में विचार-विमर्श कर एक कार्ययोजना का निर्माण किया गया है, जिसके तहत राज्य को विभिन्न जोन मे बांटकर चिकित्सा, औषधि एवं जांच किट सहित वैन निश्चित स्थान एवं समय पर महादलित टोलों में उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना का कार्यान्वयन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जायेगा। इसमें महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। 
महादलित स्वास्थ्य-कार्ड योजना: महादलित बस्ति में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने हेतु परिवार को एक स्वास्थ्य कार्ड दिये जाने की योजना है। इस योजना का कार्यान्वयन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। 
सामुदायिक रेडियो: महादलित वर्ग के कलाकारों को सम्मिलित कर रेडियो कार्यक्रम तैयार किया जायेगा एवं लोकगीत, लोककथा, लोकनृत्य आदि को प्रसारित किया जाएगा। अतः विभिन्न भाषायी केन्द्रों पर रेडियो खोलने का प्रस्ताव है। इसमें प्रथमिकता के आधार पर उनके लोकज्ञान को तो प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही सरकारी कार्यक्रमों की भी जानकारी दी जाएगी। 
महादलित बस्ती संपर्क योजना: महादलित बस्ती संपर्क योजना महादलित बस्तियों को ग्रामीण पथ से जोड़ने की एक महत्वपूर्ण योजना है। 
अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय: जिले के सभी अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालयों में केन्द्रीयकृत प्रवेश परीक्षा प्रणाली को लागू कराकर 60 प्रतिशत स्थान को महादलित समुदाय के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त महादलित वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण संबंधी कई योजनाओं को अंतिम रुप दिया जा रहा है। इसे शीघ्र ही कार्यान्वित किया जायेगा। 
महादलित आंगबाड़ी: महादलित बस्तियों में 500 परिवार पर कम-से-कम एक मिनी आंगंबाड़ी खोलने की योजना है।

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