COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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बुधवार, 27 जुलाई 2016

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यशाला

  • महिला पुलिस स्वयंसेवकों की नियुक्ति और एनजीओ की सेवाएं लेने से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के बेहतर क्रियान्वयन में मदद : मेनका गांधी 

नई दिल्ली : केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत एक उन्मुखीकरण कार्यशाला नई दिल्ली में आयोजित की गई। राज्यों के महिला एवं बाल विकास व सामाजिक कल्याण विभागों के मुख्य सचिवों, जिला कलेक्टरों व उपायुक्तों और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के विस्तारीकरण के तहत चयनित 61 अतिरिक्त जिलों के अन्य संबंधित जिला स्तरीय प्राधिकरणों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। 
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मानव संसाधन विकास मंत्रालयों ने जन्म के समय नवजात बाल-बालिका अनुपात को बेहतर करने, बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने और संबंधित पहल को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। 
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए समुदाय के नजरिए में प्रभावशाली ढंग से बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण हितधारकों का समर्थन प्राप्त करने और स्थानीय हिमायतियों एवं प्रमुख स्थानीय हस्तियों को इस अभियान से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने समुदाय को एकजुट करने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की निगरानी प्रभावशाली ढंग से करने से जुड़े मुद्दों पर कलेक्टरों के साथ विचार-विमर्श किया। मेनका संजय गांधी ने विस्तार से बताते हुए कहा कि विशेष महिला पुलिस स्वयंसेवकों (एसएमपीवी) की नियुक्ति ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के कारगर क्रियान्वयन में अत्यंत मददगार सबित हो सकती है। उन्होंने यह सलाह दी कि गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना में एक अन्य महत्वपूर्ण भागीदार बन सकते हैं और उनको इस अभियान में शामिल करना लाभप्रद हो सकता है, क्योंकि वे राज्यों के दूर-दराज के इलाकों में भी अपने कामकाज का संचालन करते हैं।

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