- राज्यपाल ने स्वास्थ्य मेला का किया उद्घाटन
- पांच वर्ष के बच्चों की मृत्यु दर 1,000 पर 70

राज्यपाल ने कहा कि हाल में स्थितियों में सुधार के बावजूद, बिहार में एक वर्ष की उम्र तक के शिशुओं की मृत्यु दर प्रत्येक 1,000 पर 43 है। पांच वर्ष उम्र तक के बच्चों की मृत्यु दर प्रत्येक 1,000 पर 70 बताई गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार अपने समेकित प्रयासों से हालात में सुधार के ठोस प्रयत्न कर रही हैं। बिहार सरकार भी अपने ‘सात निश्चयों’ के तहत ‘हर घर-नल का जल’ तथा ‘शौचालय निर्माण-घर का सम्मान’ जैसे कार्यक्रमों पर तेजी से अमल कर रही है। नवजात शिशुओं की प्राण रक्षा के लिए अनुमंडल एवं जिला अस्पतालों में नवजात शिशु देखभाल केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं तथा शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। श्री कोविन्द ने कहा कि आज महावीर वात्सल्य अस्पताल द्वारा ‘स्वास्थ्य मेले’ का आयोजन किया जाना एक जनहितकारी एवं प्रशंसनीय कार्य है। यह एक ऐसा प्रयास है, जिसके माध्यम से विभिन्न रोगों से पीड़ित मानवता को तो राहत पहुंचायी जा सकती है, साथ ही स्वस्थ रहने के तौर-तरीके भी आम जनता, विशेषकर गरीब लोगों को बताए-समझाए जा सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकायुक्त-सदस्य मिहिर कुमार झा ने कहा कि महावीर वात्सल्य अस्पताल माताओं और नवजात बच्चों की आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैश है और यहां गरीबों का भी कम शुल्क पर सुगमता से ईलाज हो जाता है। कार्यक्रम में लेडी गवर्नर सविता कोविन्द भी उपस्थित थीं। समारोह को अस्पताल के अध्यक्ष जस्टिस उदय सिन्हा, महावीर पारा मेडिकल ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डाॅ. एसपी श्रीवास्तव, ‘यूनिसेफ’ के राज्य प्रधान यामीन मजूमदार आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन महावीर वात्सल्य अस्पताल के निदेशक डाॅ. एसएस झा ने किया।
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