COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 14 जुलाई 2016

सिंदरी व बरौनी में बंद उर्वरक इकाइयों के पुनरुद्धार को मंजूरी

नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गोरखपुर, सिंदरी और बरौनी में बंद उर्वरक इकाइयों के पुनरुद्धार को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत फर्टिलाइजर काॅर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के दो बंद यूरिया इकाईयों जो सिंदरी (झारखंड) और गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में है और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) की बरौनी (बिहार) की इकाई भी शामिल है। 
इन तीनों उर्वरक इकाईयों को विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और एफसीआईएल / एचएफसीएल द्वारा नामांकन मार्ग के माध्यम से फिर से शुरू किया जाएगा। इन तीन नई इकाइयों सिंदरी, गोरखपुर और बरौनी की स्थापना से बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में यूरिया की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगा। इससे परिवहन के द्वारा पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों से जो यूरिया भेजा जाता था, उससे रेलवे और सड़क बुनियादी ढांचे पर दबाव कम होगा और जिससे सरकार द्वारा भाड़ा पर दी गई सब्सिडी में बचत होगी। इससे इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति मिलेगी। क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के विकास के अलावा इस इकाई से 1200 प्रत्यक्ष और 4500 अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। 
गेल (इंडिया) लिमिटेड ने जगदीशपुर से हल्दिया के लिए एक गैस पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई है। इन इकाइयों के लिए यह पाइपलाइन सहारा और ग्राहक के रूप में इसकी व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगा। जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन (जेएचपीएल) के शुरू होने से पूर्वी भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा और इस क्षेत्र के आर्थिक विकास पर गुणक प्रभाव पड़ेगा। 
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने यूरिया क्षेत्र के लिए गैस पूलिंग को पहले ही मंजूरी दे दी थी, जिससे इनके पुनरुद्धार के लिए इन इकाइयों को जमा कीमत पर गैस प्राप्त होगी जिससे यूरिया इकाइयों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।

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