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पटना : गृह (आरक्षी) विभाग ने जानकारी दी है कि पुलिस महानिदेशक, बिहार, पटना से प्राप्त निदेशालोक में नक्सली कांडों में फरार कुख्यात उग्रवादी अपराधी मंटू खैरा, पे. - लखन खैरा उर्फ लक्ष्मण खैरा, बनगामा, थाना - बेलहर, जिला - बांका की गिरफ्तारी पर पूर्व से घोषित पुरस्कार राशि में वृद्धि करते हुए 50 हजार रुपए के बदले 1 लाख रुपए इनाम में दिए जाएंगे। प्राप्त सूचनानुसार घोषित पुरस्कार की राशि की बैधता अवधि 2 (दो) वर्षों की होगी। कोई भी व्यक्ति जो फरार उग्रवादी/अपराधी को गिरफ्तार कराने या फरार अपराध कर्मियों के संबंध में सूचना देकर उनकी गिरफ्तारी में सहयोग प्रदान करेंगें, पुरस्कार के हकदार होंगे।
फरार अपराधी की गिरफ्तारी में एक से अधिक व्यक्ति की सहायता मिलने पर पुरस्कार की राशि पुरस्कार के हकदार व्यक्ति के बीच इस अनुपात में वितरित होगा, जैसा कि पुलिस महानिदेशक, बिहार, पटना निर्धारित करेंगे। किसी भी स्थिति में अधिकतम 100 (एक सौ) फरार उग्रवादी अपराधी की गिरफ्तारी हेतु ही पुरस्कार की घोषण लागू रहेगी। इसका पूर्ण दायित्व पुलिस महानिदेशक, बिहार की होगा। ज्ञातव्य है कि उक्त कुख्यात उग्रवादी मंटु खैरा पांच नक्सली कांडो में फरार है।
झारखंड के छऊ कलाकारों ने पीएम को किया मंत्रमुग्ध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि जीजिविषा के साथ संघर्ष के दौरान भी मुस्कुराने और बिना शिकायत मुश्किलों से अनवरत लड़ने का गुर अगर किसी के पास है, तो वो है जनजातीय समुदाय। आदिवासियों से बेहतर जीवन जीने का गुर हमें कोई और नहीं सिखा सकता। इस अवसर पर झारखंड समेत देश भर से आये जनजातीय समुदाय के कलाकारों ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया।

स्त्री-पुरुष सभी भाषा और संस्कृति को समृद्ध करें : राज्यपाल

सभा स्थल पर राज्यपाल के आगमन पर आदिवासी रीति रिवाज से भव्य स्वागत किया गया तथा संथाली समाज के विभिन्न प्रबुद्धजनों द्वारा पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने पंडित रघुनाथ मुर्मू के चित्र के समक्ष नमन किया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा, सिद्धो-कान्हु समेत झारखंड के तमाम ऐसे शहीदों एवं महापुरुषों के अलावा अनेकों जनजातीय साहित्यकारों का भी देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस मौके पर उन्हांेने संथाली लेखक संघ द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया तथा संथाली भाषा के अंतर्गत साहित्य एकाडमी पुरस्कार प्राप्त लेखकों को शाॅल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में रविलाल टुडू, ताला टुडू, कुहु दुलार हांसदा, परिमल हांसदा शामिल हैं। जबकि संथाली लेखक संघ की तरफ से जयराम टुडू, गोविन्द चन्द्र मांझी, बाबूलाल टुडू, मानसिंह मांझी, जोबा मांझी तथा मोहन चन्द्र बास्के को सम्मानित किया गया।
सभी के लिए कानून एक समान : मुख्यमंत्री

श्री दास ने कहा कि किसी भी अभियान को तभी सफल बनाया जा सकता है, जब उसमें जनसहभागिता सुनिश्चित हो। उन्होंने यातायात पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि लोगांे को यातायात सुरक्षा के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आये दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की मौत की खबर आती है। इसके बाद हेलमेट या सीट बेल्ट की उपयोगिता समझते हैं। ऐसा नहीं होने दें। छठ के बाद इस कानून का और कड़ाई से पालन होगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा झारखंड बनाना है कि बाहर से आनेवाले भी कहें कि झारखंड के नागरिक कानून का पालन करने वाले लोग हैं। कानून का पालन करने के लिए जोर जबरदस्ती नहीं करनी पड़ती है। कार्यक्रम में लोगों के बीच हेलमेट का वितरण किया गया।
झारखंड में पुलिस खेल एकेडमी की स्थापना होगी

मुख्यमंत्री ने इस प्रतियोगिता में भारत के कुल 23 विभिन्न प्रदेशों, केन्द्रीय असैनिक बलों एवं केन्द्र शासित राज्यों के कुल 308 पुरुष एवं महिला प्रतिभागियों द्वारा कौशल प्रदर्शन किये जाने पर बधाई दी। कौशल प्रदर्शन कर वे लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के कंधों पर अपराध नियंत्रण के साथ ही विधि व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेवारी होती है। इन चुनौतियों के बावजूद अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिता में एकाग्र रहना बड़ी बात है।
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