- 10 राज्यों में मधुमक्खी विकास केंद्र खोलने का ऐलान
- धान की पुवाल का उपयोग जैविक खाद बनाने, पेपर बनाने, और कार्ड बोर्ड उद्योग और पशुओं के चारे के तौर पर करें : मंत्री
- 100 केवीके पर स्किल डेवलेपमेंट कार्य और 100 केवीके पर दलहन और तिलहन हब की स्थापना
- युवाओं से कृषि योजनाओं से जुड़े स्टार्ट अप से जुड़ने की अपील
राधा मोहन सिंह ने यह सभी बातें नई दिल्ली में 12 राज्यों के सभी कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों और कृषि विकास से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग में कही। यह पहला मौका है जब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृषि विज्ञान केंद्र और जिला कृषि अधिकारियों को संबोधित किया।
श्री सिंह ने किसान भाइयों को सुझाव दिया कि मछली की खेती अब धान के खेत में करें, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने पशुपालन में देसी नस्लों को सुधारने पर विषेश बल दिया और पालतू पशुओं को होने वाले टीकाकरण, जिसमें खुरपका-मुंहपका शामिल है, के टीकाकरण पर भी जोर दिया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सम्बोधन के दौरान श्री सिंह ने खेती को आधुनिक बनाने का संकल्प दोहराया। श्री सिंह ने कहा कि ड्रोन और स्मार्ट मोबाइल फोन के जरिए खेती को आधुनिक बनाने के प्रयास किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने ऐलान किया कि 100 केवीके पर स्किल डेवलेपमेंट कार्य शुरू किया जा रहा है और इतने ही केवीके पर दलहन और तिलहन हब की स्थापना की जा रही है।
श्री सिंह ने युवाओं से कृषि योजनाओं से जुड़े स्टार्ट अप से जुड़ने की अपील की और केवीके और कृषि से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टार्ट अप से जुड़ने में युवाओं की सहायता की जाए, जिससे रोजगार के अवसर पैदा किए जा सके। श्री सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन में अपना सकारात्मक सहयोग देने की अपील भी की। केंद्रीय मंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों और कृषि विकास से सम्बंधित जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लोग कम से कम 5 गांवों में जाकर सफाई अभियान में भाग लें, जिससे समाज में स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़े।
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