COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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रविवार, 11 सितंबर 2016

सेवा भावना से जुड़ें पंचायत स्वयंसेवक

प्रोत्साहन राशि को लक्ष्य न मानें : रघुवर दास
हजारीबाग : महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की भावना को मूर्त रूप देने के लिए झारखंड सरकार लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई को शक्ति संपन्न बनाना चाहती है, लेकिन इस प्रक्रिया में पंचायती राज व्यवस्था के निर्वाचित जन प्रतिनिधि और उनकी सहायता के लिए नियुक्त पंचायत स्वयं सेवकों को भी पूरी ईमानदारी बरतनी होगी। हमें अपने लोकतंत्र पर गर्व है, लेकिन देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के अधिष्ठापन के 7 दशक बाद भी अगर लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, तो हमें सोचना होगा कि गलतियां कहां हो रही हैं और उन गलतियों को दुहराने से बचना होगा। मुख्यमंत्री श्री दास हजारीबाग के कर्जन ग्राउंड में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय पंचायत स्वयं सेवकों और पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे।
श्री दास ने कहा कि वे मुख्यमंत्री व मुखिया के बीच की तमाम दूरियों को पाटने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास हर समस्या का समाधान है और इसके लिए राज्य के मुखिया और पंचायत के मुखिया को एक साथ कोशिश करनी होगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों को पर्याप्त अधिकार दिये गए हैं, उन अधिकारों का प्रयोग कर पंचायती राज व्यवास्था के निर्वाचित प्रतिनिधि मिड डे मिल, शिक्षकों की उपस्थिति, आवश्यक सुविधाओं की मौजूदगी, विकास योजनाओं का क्रियान्वयन आदि की निगरानी करें और ग्रामीण जनता का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए प्रतिबद्ध होकर काम करें।
ग्राम सचिवालय के गठन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की योजनाएं धरातल पर उतरें और अपना गांव व समृद्ध गांव का संकल्प साकार हो, इसी उद्देश्य से पंचायत प्रतिनिधियों को स्वयं सेवकों के रूप में सहायक उपलब्ध कराये गए हैं। सामाजिक दायित्व का महत्व रेखांकित करते हुए श्री दास ने कहा कि देश का विकास तभी सुनिश्चित होगा, जब आप सब मिलकर आम सहमती से गांव का विकास सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्राम सचिवालय को राज्य सरकार की एजेंसी के रूप में स्थापित करना चाहती है।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को उद्धृत करते हुए श्री दास ने कहा कि पहले दिल्ली से चला एक रुपया गांव पहुंचते-पहुंचते पंद्रह पैसा रह जाता था। श्री दास ने वादा किया कि रांची से चला एक रुपया सौ फीसदी गांवों तक पहुंचेगा। उन्होंने साफ कहा कि राज्य में किसी को, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो, न लूट की छूट मिलेगी, न कानून से खिलवाड़ करने की छूट।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर हर गांव में हाई मास्ट स्ट्रीट लाइट लगेगी, तीन साल के भीतर राज्य में विकास का खुशनुमा माहौल बनेगा और चार साल के भीतर हम उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की बराबरी में आ जायेंगे। पलायन को मजबूर लोगों की सूची बनाने का निदेश दिया गया है, सरकार ऐसे सभी लोगों को राज्य के भीतर ही रोजगार उपलब्ध करायेगी। पंचायत प्रतिनिधियों का एक सेल बन रहा है, जो सीधे मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि 17 सितम्बर को राज्य के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गयी है। इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण पाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी विकास योजनाओं के बारे में पंचायती राज प्रतिनिधियों और पंचायत स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण देंगे। मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने और ग्राम सभा की बैठकें नियमित तौर पर आयोजित करने की अपील की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि ग्राम पंचायत लोकतंत्र की नींव है और सर्वांगीण विकास के लिए इसका सक्रिय होकर काम करना अपरिहार्य है।

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