COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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रविवार, 11 सितंबर 2016

दो साल के भीतर तीन लाख स्वयं सहायता समूहों का होगा गठन

2 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च : रघुवर दास
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय महिला स्वयं सहायता समूहों के सम्मलेन में मुख्यमंत्री ने की घोषणा
हजारीबाग : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सफलता के लिए नीयत साफ होनी चाहिए, मेरी नीयत साफ है, मेरा लक्ष्य है राज्य का विकास, राज्य से गरीबी को दूर करना, राज्य को विकसित राज्यों की कतार में खड़ा करना। श्री दास ने कहा कि राज्य में 3 साल के भीतर 30 लाख घरों में बिजली पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। हजारीबाग के कर्जन ग्राउंड में आयोजित महिला स्वयं सहायता समूहों के सम्मलेन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ये उदगार व्यक्त किये।
श्री दास ने कहा कि महिलाएं शक्ति स्वरूपा हैं और इन्हें और भी शक्ति संपन्न बनाने के लिए सरकार दो साल के भीतर राज्य में तीन लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उनपर 2 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में 50 हजार स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। गरीबी उन्मूलन हमारी सरकार की प्राथमिकता है और महिलाओं के स्वयं सहायता समूह इस कार्य में कारगर भूमिका निभा रहे हैं, सरकार इन्हें और भी कारगर बनायेगी। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने अगले वित्तीय वर्ष के बजट में राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर उपलब्ध कराने की घोषणा की। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने ये अहसास कराया है कि नारी में कितनी शक्ति होती है। टैबलेट दीदी के नाम से मशहूर हो चुकी गिरिडीह जिले के बेंगाबाद की दिव्यांग नीतू को उद्धृत करते हुए मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों में कार्यरत दिव्यांग महिलाओं की तारीफ की। इन समूहों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने हजारीबाग जिले के दो प्रखंडों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जाने पर उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, सम्बंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को बधाई दी।
महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पंचायत भवनों में ग्राम संगठनों को बैठक के लिए स्थान उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसी साल दिसंबर तक राज्य में 4402 पंचायत भवन बनने हैं, उसके बाद इस समस्या का अंत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 2017 के दिसंबर माह तक हर पंचायत - हर गांव तक इंटरनेट की सुविधा पहुंचा दी जायेगी। महिला स्वयं सहायता समूहों की मांग पर मुख्यमंत्री ने बैंक लोन के जरिये मांग करनेवाले हर स्वयं सहायता समूह को ममता वाहन एम्बुलेंस उपलब्ध कराने का वादा भी किया और कहा कि इन वाहनों की कमाई से समूह बैंक का कर्ज चुका सकेंगे। 
टपक सिंचाई योजना और लिफ्ट एरिगेशन से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़े जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कृषि निदेशक जटाशंकर चैधरी को इन इलाकों में आकर वस्तुस्थिति से अवगत होने और तदनुसार कार्रवाई करने का निदेश मंच से ही दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग में लिफ्ट एरिगेशन के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट है और यह राशि जिलावार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से खर्च करने का निदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए डीजल पंपों और सोलर पंपों की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए श्री दास ने कहा कि अमूल के दुग्ध उत्पादों और लिज्जत पापड़ के माध्यम से सहकारी संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं ने गुजरात को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दी है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हमारी बहनें भी कुटीर उद्योगों और सामूहिक प्रयास के माध्यम से झारखंड को दुनिया में एक विशिष्ट पहचान दिलाएं, यह उनकी आकांक्षा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 90 प्रतिशत सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध करा रही है। 50 हजार गरीब बहनों को दो-दो गायें दी गयी है। महिलाओं और नौजवानों के समूहों और बेरोजगार युवकों को डेयरी की स्थापना के लिए अनुदान और बैंक लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन डेयरी संस्थाओं द्वारा उत्पादित सारा दूध राज्य में स्थापित मेधा डेयरी द्वारा खरीद लिया जाएगा और उन्हें बाजार की समस्या नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि हजारीबाग जिले में डीजी लाॅकर एक माह के भीतर प्राम्भ हो जाएगा और इसमें महिला स्वयं सहायता समूह अपने दस्तावेज सुरक्षित रख सकेंगें।
श्री दास ने खुले में शौच को सामाजिक अभिशाप बताते हुए खुले में शौच से मुक्त करनेवाले समूहों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संकल्प है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर 2019 में स्वच्छ भारत का उपहार बापू को दें, देश के हर घर में शौचालय हो। उन्होंने कहा कि हमने 2018 तक स्वच्छ झारखंड बनाने और हर घर में शौचालय की मौजूदगी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है और इसमें सबका सहयोग विशेषकर महिला स्वयं सहायता समूहों का सहयोग अपेक्षित है।
श्री दास ने कहा कि जन कल्याण से जुड़ी विकास योजनाओं के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। शौचालय के निर्माण के लिए हर घर को 12 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सीएसआर फंड से प्राप्त राशि का व्यय खुले में शौच से मुक्त करने में होगा। जिन गांवों को खुले में शौच से मुक्ति मिलती जायेगी, उन्हें पाइप के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने खनन क्षेत्रों को कुल आय का 30 प्रतिशत देने की घोषणा की है। इस पूरी राशि का इस्तेमाल संबंधित जिलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में किया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि इस साल 15 नवम्बर तक राज्य के 30 हजार स्कूलों में बेंच डेस्क उपलब्ध कराया जाएगा और इनका निर्माण गांव के बढ़ई करेंगे। बड़ी कंपनियों से इन्हें नहीं खरीदा जाएगा। इसी तरह सरकारी कार्यालयों व अस्पतालों में कंबल, तौलिया, परदे आदि झारक्राफ्ट के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से खरीदे जायेंगे। मिड दे मिल के तहत सप्ताह में तीन दिन वितरित होनेवाले अंडों की खरीद भी समूहों द्वारा की जायेगी। श्री दास ने उपस्थित लोगों को चीनी उत्पादों से बचने और ग्राम उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि विकास के लिए प्रखंडों के बीच, महिला स्वयं सहायता समूहों के बीच प्रतियोगिता होनी चाहिए। 
महिला शक्ति को रेखांकित करते हुए श्री दास ने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं ने कीर्तिमान स्थापित किया है। रियो ओलम्पिक में पीवी सिन्धु, साक्षी मलिक और दीपा कर्मकार की सफलता इसका जीवंत प्रमाण है। महापुरुषों की जीवनी बताती है कि उनकी सफलता में या तो उनकी मां का हाथ रहा है या उनके शिक्षक का। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों को भ्रूण ह्त्या के खिलाफ संघर्ष करने और जन जागरूकता में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प व्यक्त किया और हमारी सरकार ने इसी संकल्प के अनुरूप पहले पढ़ाई फिर विदाई का नारा दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य की बेटियां जबतक पढ़ना चाहें-पढ़ें, सरकार उनके साथ है। जिन्हें दिक्कत हो, वे 181 डायल करें, रघुवर का यह दास उनकी मदद के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि गरीबी का रोना रोने की बजाय लक्ष्य निर्धारित कर संघर्ष ज्यादा बेहतर है। महिला स्वयं सहायता समूहों की सफलता यही सीख देती है। श्री दास ने कहा कि अपने खुद के जीवन में भी मैंने संघर्ष के माध्यम से ही सफलता प्राप्त की है। तमाम राजनीतिक दलों का उद्देश्य राज्य का विकास होना चाहिए और इस मुहीम में सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने उपस्थित लोगों से भड़काने वाले तत्वों से सावधान रहने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार किसी की जमीन नहीं छीनेगी। उन्होंने लोगों को प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के लुभावने प्रलोभनों से भी बचने की नसीहत दी।

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