नई दिल्ली : जनजातीय कल्याण मंत्रालय से संबंधित जनजातीय कल्याण के लिए स्थायी समिति का पुनर्गठन किया गया है। कैबिनेट मंत्री, इस समिति के अध्यक्ष और राज्य मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के जनजातीय कल्याण मंत्री शामिल हैं।
समिति के अन्य सदस्यों में वित्त सचिव, गृह सचिव, पर्यावरण और वन मंत्रालय के सचिव, कृषि मंत्रालय के सचिव, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव, संस्कृति मंत्रालय के सचिव शामिल होंगे। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सचिव इस समिति में सदस्य सचिव होंगे।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. टीवी कटीमणि और रांची विश्वविद्यालय, रांची में मानव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष विशेषज्ञ प्रो. (डॉ.) कर्मा उरांव को दो साल की अवधि के लिए सदस्य के रूप में नामित किया गया है ।
स्थायी समिति, जनजातीय कल्याण राष्ट्रीय परिषद में चर्चा का एजेंडे तय करने के बारे में विचार-विमर्श और सिफारिश करेगी, ताकि देश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के जीवन में सुधार लाने, वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा करने, संविधान की पांचवीं अनुसूची और छठी अनुसूची के कार्यान्वयन की समीक्षा करने, जनजातीय उप योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने तथा असहाय जनजातीय समूहों की रक्षा के उद्देश्य से बनाए गए कार्यक्रमों की निगरानी के बारे में मोटे तौर पर नीतिगत दिशा-निर्देश जारी करने हेतु व्यापक नीतिगत दिशानिर्देश प्रदान किये जा सके।
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