COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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रविवार, 20 नवंबर 2016

11 गोरखा समुदायों को एसटी का दर्जा देने पर राज्यों से सुझाव मांगे

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने सिक्किम और गोरखा आबादी की बहुलता वाले अन्य राज्यों एवं क्षेत्रों में रहने वाले 11 गोरखा समुदायों अर्थात भूजेल, गुरुंग, मंगर, नेवार, जोगी, खस, राय, सुनवर, थामी, याखा, (दीवान) और धीमल को ‘एसटी’ का दर्जा देने के मसले पर विभिन्न राज्यों से उनके विचार आमंत्रित किए हैं। राज्यों से इन समुदायों के संदर्भ में ऐतिहासिक एवं मानव जाति विज्ञान संबंधी विवरण के साथ-साथ शिक्षा, व्यवसायिक स्थिति इत्यादि सहित जनसांख्यिकीय प्रोफाइल भी देने का आग्रह किया है। राज्यों को यदि इन समुदायों की ओर से कोई ज्ञापन मिलता है, तो वे इन्हें भी आगे सुपुर्द कर सकते हैं। 
उल्लेखनीय है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 14 सितंबर, 2016 के अपने आदेश के तहत एक समिति गठित की है, जिसे इन समुदायों को एसटी का दर्जा देने के मसले पर गौर करने और फिर इस आशय की सिफारिश करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जनजातीय कार्य मंत्रालय में उप महानिदेशक विष्णु मणि इस समिति की अध्यक्ष हैं। समिति से कहा गया है कि वह सिक्किम एवं गोरखा आबादी की बहुलता वाले अन्य समस्त संबंधित राज्यों की सरकारों से सलाह-मशविरा करे और इन समुदायों के लिए आरक्षण की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की व्यवस्था के साथ इन्हें एसटी का दर्जा देने पर सुझाव दे। समिति से तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। 

राष्ट्रीय बीज निगम ने 11.46 करोड़ रुपये का लाभांश दिया

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बीज निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विनोद कुमार गौड़ ने कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह को 11.46 करोड़ रुपये का लाभांश चेक भेंट किया। राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (एनएससी) ने भारत सरकार को अबतक का सबसे अधिक 11.46 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। यह लाभांश प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी का 23 प्रतिशत और पीएटी का 26 प्रतिशत है। इस अवसर पर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव एसके पटनायक भी उपस्थित थे। 

शहरी स्वच्छ भारत जागरूकता अभियान में अलीगढ़ सबसे आगे

नई दिल्ली : सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) प्रयासों पर इस पखवाड़े के दौरान शौचालयों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देने के लिए 500 शहरों के स्वच्छ सर्वेक्षण में विशेष महत्व दिया जाएगा। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण - 2017 के तहत 500 शहरों में आवश्यक पाक्षिक विषयगत गतिविधियों के अधीन चलाई गई स्वच्छ जागरूकता गतिविधियों में अलीगढ़ सबसे आगे हैं। मंत्रालय की आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के मूल्यांकन के दौरान अलीगढ़ ने सबसे अधिक अंक अर्जित किए हैं। आईईसी कार्य प्रदर्शन का मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किया गया है, जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण - 2017 के अन्य मानकों का मूल्यांकन भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा किया जाएगा।
सभी शहरों से पार्कों, सरकारी कार्यालयों, आवासीय काॅलोनियों, पर्यटन स्थलों, स्कूलों आदि की साफ-सफाई और सफाई कामगारों के कल्याण के बारे में मीडिया कवरेज के सबूत के साथ नागरिकों को शामिल करके आईईसी गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। इस संबंध में अन्य शीर्ष 10 शहर हैं - वसई-विरार (महाराष्ट्र), हैदराबाद, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मदुरै (तमिलनाडु), वडोदरा और राजकोट (गुजरात), तिरुपति (आंध्र प्रदेश) और मैसूर (कर्नाटक)। इन शहरों को सर्वेक्षण 2017 के तहत आईईसी के लिए 50 प्रतिशत आवंटित भार के अधीन अंक दिए गए हैं।

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