COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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बुधवार, 23 नवंबर 2016

ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सभी के लिए आवास’ का शुभारंभ

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधान मंत्री आवास योजना - ग्रामीण का शुभारंभ आगरा से किया गया। इसके अन्तर्गत सभी ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2022 तक पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित व पक्के घर उपलब्ध कराने का प्रावधान है। नवीन योजना में तालमेल के माध्यम से लाभार्थी को प्रति इकाई लगभग 1.50-1.60 लाख रु. उपलब्ध होंगे। लाभार्थी की इच्छा पर रु. 70,000 की राशि के ऋण का भी प्रावधान है। प्रधान मंत्री ने मंच के पास प्रदर्शित कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकतानुसार तैयार किए गए 200 से अधिक भवन डिजाइन में से लगभग 40 डिजाइनों का अवलोकन किया तथा ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले उम्मीदवारों से मुलाकात की। प्रधान मंत्री द्वारा आगरा जिले के लाभान्वितों को प्रधान मंत्री आवास योजना - ग्रामीण के अंतर्गत स्वीकृति पत्र भी दिए गए।
मार्च, 2019 तक एक करोड़ घर निर्मित किए जाएंगे। लाभान्वितों का चयन सामाजिक-आर्थिक जनगणना, 2011 के आधार पर तथा ग्राम सभा के अनुमोदन से किया गया है। भवनहीन तथा एक या दो कमरे के कच्ची छत कच्ची दीवार के मकान में रहने वाले गरीब परिवारों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। स्थानीय निर्माण सामग्री के अधिकतम उपयोग के साथ रसोई, बिजली कनेक्शन, एलपीजी, स्नानघर व शौचालय के प्रावधानों से युक्त कर आवास को एक पूर्ण रूप दिया गया है। लाभान्वितों को भुगतान पूरी तरह आईटी/डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा तथा आईसीटी व स्पेस टेक्नॉलोजी (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) के उपयोग से कार्य की प्रगति का अनुश्रवण आवाससॉफ्ट एमआईएस पर किया जाएगा। प्रधान मंत्री ने ऐसे लाभान्वितों से भी बातचीत की, जिनके घर का निर्माण नए डिजाइन के प्रयोग से प्रशिक्षण के क्रम में किया गया।

किसान 500 रुपये के पुराने नोटों से खरीद सकेंगे बीज

नई दिल्ली : बीज केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, राष्ट्रीय और राज्य बीज निगमों, केंद्रीय और राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों तथा आईसीएआर के केंद्रों से खरीदे जा सकेंगे। सरकार ने रबी फसल के लिए किसानों को समर्थन देने के वास्ते उन्हें 500 रुपये के पुराने नोटों से केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, राष्ट्रीय और राज्य बीज निगमों, केंद्रीय और राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों तथा आईसीएआर के केंद्रों से पहचान पत्र प्रस्तुत करके बीज खरीदने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इससे पहले किसानों को नकदी उपलब्ध कराने के लिए सामान्य ऋण सीमा शर्तों के अंतर्गत उनके केवाईसी अनुपालक बैंक खातों से 25,000 रुपये प्रति सप्ताह निकालने की अनुमति देने का निर्णय 17 नवम्बर, 2016 लिया गया था। बीज खरीदने की अनुमति देने का सरकार का निर्णय पहले के निर्णय के अतिरिक्त है।

2015-16 में एक लाख करोड़ का मत्स्य उत्पादन हुआ

नई दिल्ली : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश में मात्स्यिकी और जल कृषि में हुई तेज प्रगति से मछली पालकों और किसानों की आमदनी लगातार बढ़ रही है और आने वाले दिनों में यह बड़े पैमाने पर मछली पालकों और किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री ने ये बात विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में कही।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पशुधन विकास, किसानों की आय दोगुनी करने की सबसे अच्छी रणनीति है। यही वजह है कि वर्ष 2016-17 के लिए इस विभाग के लिए रुपया 1700 करोड़ का बजट रखा गया है, जो पिछले वर्ष से 21 फीसदी अधिक है। श्री सिंह ने कहा कि खुशी की बात है कि इस वर्ष, 72 फीसदी से अधिक बजट राज्यों के विकास के लिए जारी कर दिया गया है, जो पिछले वर्षों में इतनी तेजी से कभी नहीं हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अब राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे इसे उचित तरीके से खर्च करें और फंड पार्किंग न करें।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि पशुधन, डेयरी, मात्स्यिकी विभाग पिछले 6 महीनों से अथक प्रयास कर कई नई योजनाओ को अंजाम दे रहा है। विभाग ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए देशी गाय की नस्लों के सुधार हेतु ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’, चैपायों तथा भेड़ बकरी की उच्च नस्ल के विकास हेतु ‘राष्ट्रीय लाईवस्टॉक मिशन’ आदि चलाया है। श्री सिंह ने बताया कि अकेले दुग्ध उत्पादन का मूल्य जो कि वर्ष 2014-15 में रुपया 4.92 लाख करोड़ था, का धान व गेहूं के सकल उत्पादन से 37 फीसदी तक अधिक है। वर्ष 2015-16 के अनुमान के अनुसार, लगभग एक लाख करोड़ रुपए का मत्स्य उत्पादन देश में हुआ है।

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