COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 3 नवंबर 2016

शहरी गरीब किफायती आवासों के लिए ऑनलाइन करें आवेदन

 संक्षिप्त खबरें 
नई दिल्ली : आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) (शहरी) के अंतर्गत सस्ते आवासों के लिए शहरी गरीब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कॉमन सर्विसेज सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड ने संबंधित मंत्रियों एम. वैंकेया नायडू और रवि शंकर प्रसाद की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
देशभर में फैले दो लाख से अधिक कॉमन सर्विसेज सेंटर (सीएससी) में से लगभग 60 हजार सेंटर शहरी क्षेत्रों में हैं, जहां 3 नवंबर, 2016 से मात्र 25 रुपये प्रति आवेदन की दर से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। एमओयू के अनुसार, सीएससी लाभार्थी को प्राप्ति रसीद भी उपलब्ध करायेगी, जिससे आवेदक को अपने आवेदन की स्थिति जानने में मदद मिलेगी। लाभार्थी ऑनलाइन पीएमएवाई (शहरी) के फायदे के बारे में जानकारी लेने के लिए नजदीकी सीएससी जा सकते हैं। अगर लाभार्थी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो सीएससी इसे पाने में लाभार्थी की मदद करेगा। ऑनलाइन आवेदन करने की यह प्रक्रिया ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) समर्थ है, जिसका मतलब यह है कि यह आवेदन विधिवत सत्यापित करने के बाद प्रस्तुत किया गया है।
इस अवसर पर आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि डिजिटल इंडिया मिशन देश में बदलाव ला रहा है और शहरी स्थानीय निकायों में स्वयं जाकर आवेदन करने में होने वाली कठिनाई को दूर कर सीएससी एसपीवी के सहयोग से पीएमएवाई (शहरी) के अंतर्गत अधिक शहरी गरीबों को लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जहां 2005-14 के दौरान 13.70 लाख शहरी गरीबों के लिए किफायती आवासों के लिए मंजूरी दी गई थी, वहीं पिछले एक वर्ष में शहरी गरीबों के लिए लगभग 11 लाख आवासों को मंजूरी दी जा चुकी है और ऑनलाइन आवेदन से यह संख्या और बढ़ेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सीएससी डिजिटल इंडिया मिशन का अग्रदूत है और कौशल तथा ऑनलाइन सेवा आपूर्ति के जरिए यह समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बना रहा है। आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमृत अभिजात और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के सीईओ दिनेश त्यागी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

केरल खुले में शौच से मुक्त घोषित

नई दिल्ली : स्वच्छ भारत अभियान (एसबीएम) (ग्रामीण) के अंतर्गत केरल को अबतक तीसरा और सबसे बड़ा खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) राज्य घोषित किया गया है। इसकी औपचारिक घोषणा केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम के केन्द्रीय स्टेडियम में एक शानदार समारोह में की। विजयन ने राज्य में इस शानदार उपलब्धि में शामिल जिला कलेक्टरों और अन्य सरकारी अधिकारियों को पुरस्कार और बधाई दी।
इसके साथ ही केरल के सभी 14 जिलों, 152 ब्लॉकों, 940 ग्राम पंचायतों और 2117 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। खुले में शौच से मुक्ति, विशेष रूप से बच्चों में जल जनित बीमारियों से बचाव से जुड़े स्वास्थ्य लाभ और महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षा और सम्मान प्रदान करती है। सिक्किम (6 लाख) और हिमाचल प्रदेश (70 लाख) के बाद करीब 3.5 करोड़ की ग्रामीण आबादी के साथ खुले में शौच से मुक्ति का दर्जा प्राप्त करने वाला केरल सबसे बड़ा राज्य है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने खुले में शौच से मुक्त दर्जा प्राप्त करने के लिए राज्य द्वारा व्यवहार परिवर्तन के लिए किए गए प्रयासों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस दर्जे को बनाए रखने के लिए स्वच्छता पर निरंतर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अपने अध्यक्षीय भाषण में स्थानीय सरकार, अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज तीर्थयात्री राज्य मंत्री डॉ. केपी जलील ने स्वच्छ भारत और केरल के वास्तविक निर्माण के लिए प्रभावी ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के महत्व पर बल दिया।

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