COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna
COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

गुरुवार, 17 नवंबर 2016

भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती मनायी गयी

 संक्षिप्त खबरें 
पटना : भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती राज्य में पूरे हर्ष उल्लास के साथ मनायी गयी। जगह-जगह पर समारोह आयोजित कर उन्हें शत्-शत् नमन किया गया तथा उनके कुर्बानियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पटना में भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती के अवसर पर राजकीय जयंती समारोह का आयोजन सिंचाई भवन के निकट 42, क्रांति मार्ग के तिकोन में अवस्थित भगवान बिरसा मुण्डा के प्रतिमा स्थल पर की गई। यहां राज्यपाल रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चैधरी, विधायक श्याम रजक, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, पूर्व महासचिव बिहार राज्य नागरिक परिषद छोटू सिंह, पूर्व सदस्य बिहार राज्य खाद्य आयोग नन्द किशोर कुशवाहा, प्रदेश सचिव जदयू किसान प्रकोष्ठ चन्द्रिका सिंह दांगी, सामाजिक कार्यकर्ता कुलवंत सिंह सलूजा, अरविंद निषाद, कुमुद वर्मा, ओम प्रकाश सिंह सेतु सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भगवान बिरसा मुंडा के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें शत्-शत् नमन किया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सूचना जनसम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती-पूजन एवं देशभक्ति गीतों का गायन भी किया गया।

अधिष्ठात्री परिषद की बैठक संपन्न

पटना : राजभवन में राज्यपाल राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली की अधिष्ठात्री परिषद की बैठक संपन्न हुई, जिसमें राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक चैधरी भी शामिल हुए। बैठक में संस्थान के अधिष्ठाता सह राज्यपाल राम नाथ कोविन्द ने वर्षों के लंबे अन्तराल के बाद आयोजित उक्त बैठक को नियमित तौर पर आयोजित करने का निर्देश दिया। राज्यपाल ने कहा कि ऐसी संस्थाओं की सक्रियता भारतीय संस्कृति और प्राचीन विरासतों की सुरक्षा और विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। उन्हांेने कहा कि संस्था को अपनी वार्षिक कार्य-योजना बनाते हुए, तद्नुरूप चरणबद्ध रूप से जैनशास्त्र के विकास हेतु कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि संस्था को शोध कार्यों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ते हुए नई प्रविधियों के अनुरूप विकसित करना चाहिए। बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री अशोक चैधरी ने कहा कि इस संस्था की गतिविधियों को और अधिक विकसित किये जाने की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री ने संस्था के निदेशक को अधिक तत्परता और निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले सरकारी आर्थिक सहयोग का सदुपयोग करने को कहा।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संस्था की गतिविधियों को विकसित करने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की जाय, जो आगामी 31 दिसम्बर तक एक कार्य-योजना बनाकर अधिष्ठात्री समिति के समक्ष प्रस्तुत करे। इस समिति मंे बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर तथा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपतियों के अतिरिक्त, निदेशक (उच्च शिक्षा), संयुक्त सचिव (राज्यपाल सचिवालय), प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान के निदेशक तथा बीएल इन्सटीच्यूट आॅफ इंडोलाॅजी के निदेशक को रखते हुए यह निर्देशित किया गया कि उक्त समिति 31 दिसम्बर, 2016 तक कार्य योजना निश्चित रूप से प्रस्तुत कर दे, ताकि अधिष्ठात्री समिति जनवरी, 2017 के दूसरे या तीसरे सप्ताह की कोई एक तिथि सुनिश्चित कर इसपर समुचित निर्णय ले सके। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष-सह-तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त, कार्यकारिणी समिति की भी एक बैठक अपने यहां आयोजित करते हुए संस्थान की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें