COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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गुरुवार, 24 नवंबर 2016

आदिवासी बच्चों को मिलेगा बिना परेशानी उच्च शिक्षा के लिए ऋण

 संक्षिप्त खबरें 
रांची : झारखंड के आदिवासी बच्चों को अब उच्च शिक्षा ऋण बिना किसी परेशानी के प्राप्त हो सकेगा। राज्य सरकार उनके लोन की सिक्यूरिटी की गांरटी लेगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस पर सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री श्री दास की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में आदिवासी बच्चों के शिक्षा ऋण की गांरटी के लिए एक कोष बनाकर राज्य सरकार के गारंटर बनने का सुझाव आया, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल सहमति प्रदान कर दी। 
वर्तमान में शिक्षा लोन के तहत 7.50 लाख रुपये का ऋण बिना गारंटी बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है। इससे ज्यादा राशि होने पर सिक्यूरिटी या गांरटी की मांग की जाती है। इस अतिरिक्त राशि पर राज्य सरकार गारंटर बनेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा फेलोशीप योजना के नाम से एक कोष का गठन किया जायेगा। इसमें 50 करोड़ रुपये का कोष बनाया जायेगा, जो लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में काम आयेगा। अनुसूचित जनजाति के साथ ही अनुसूचित जाति व ओबीसी के छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा।  
आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा ऋण बिना परेशानी के मिले, इसके लिए ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा की अध्यक्षता मे कमेटी का गठन किया गया है। गौरतलब है कि सीएनटी/एसपीटी एक्ट की कानूनी बाध्यता के कारण भूमि को बंधक रखे बिना बैंकों द्वारा शिक्षा ऋण नहीं दिया जा रहा था। किन शिक्षण संस्थानों, किन पाठ्यक्रमों तथा कितनी राशि तक का लोन दिया जा सकेगा, इसके लिए संबंधित विभागों को एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया। 
साथ ही बैंकों को शिक्षा ऋण के लिए एक अलग वेब पोर्टल बनाने का निर्देश दिया। इसके माध्यम से लोन नहीं मिलने या देरी होने के कारणों का पता चलता रहेगा। बैठक में उन्होंने खूंटी-गुमला में एक ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने व राज्य की हर यूनिवर्सिटी में एक स्टार्टअप इंक्यूवेशन सेंटर खोलने का निर्देश दिया। साथ ही कल्याण विभाग को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व ओबीसी प्राधिकरण को सुदृढ़ करने का भी निर्देश दिया।  
मुख्यमंत्री श्री दास ने अनुसूचित जनजाति के लोगों को व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए ऋण मिले, इसके लिए भी उपाय सुझाने को कहा है। इस संबंध में एक सप्ताह में कमेटी अपनी रिपोर्ट दे देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के बदलते युग में हर कोई उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाह रहा है। पैसे की तंगी किसी होनहार के आड़े न आये, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हमारे ट्राइबल बच्चे काफी मेहनती और कुशाग्र हैं। लेकिन अच्छे संस्थानों में पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं। कुछ लोगों ने केवल वोट बैंक की राजनीति की है। इन बच्चों के भविष्य को कैसे बेहतर बनाया जाये, इसपर काम नहीं किया। हमारी सरकार इस पर काम करेगी। उनकी जिंदगी में सुधार हो, इसके लिए हरसंभव उपाय किये जायेंगे।
बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, विकास आयुक्त अमित खरे, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के विद्यासागर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के विश्व के. दास, उप महाप्रबंधक एससी पांडा, बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक प्रसाद जोशी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

प्रत्यार्पण करने वाले पूर्व माओवादी का किया गया पुनर्वास

जमशेदपुर : जिला समाहरणालय कक्ष में उपायुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में पुनर्वास समिति की बैठक हुई। बीते दिनों मंगल टुडू व संगीता किस्कू द्वारा किये गये स्वैच्छिक  आत्मसमर्पण के बाद बैठक में दोनों के पुनर्वास का निर्णय लिया गया तथा दोनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु निम्नांकित निर्णय लिये गये। निर्णय अनुसार 2 लाख 50 हजार रुपए पुनर्वास अनुदान के रूप में दिया जाएगा, जो दो किस्तो में देय होगा, इस बीच विशेष शाखा द्वारा उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी। उनकी इच्छानुरूप व्यवसायिक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी, इस स्थिति में उन्हें एक वर्ष तक 3000 रुपए मासिक प्रतिमाह दिया जाएगा। इतना ही नहीं, गृह निर्माण हेतु 4 डिसमिल जमीन, पात्रता की स्थिति में इंदिरा आवास, मुख्यमंत्री कन्यादान, स्वरोजगार हेतु 2 लाख तक का ऋण, सरकारी प्रीमियम पर 5 लाख का बीमा आदि सुविधाएं भी राज्य सरकार के तरफ से दी जा रही हैं।
उक्त सभी प्रावधान झारखंड सरकार गृह विभाग, रांची के आदेश के आलोक में जिला पुनर्वास समिति की अनुशंसा पर किये गये हैं। समिति में उपायुक्त कुमार के अलावा एसएसपी, डीडीसी, एसपी ग्रामीण, समादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र तथा एलडीएम शामिल हैं।

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