- बुजुर्गों ने अंगूठा न लगाने की ली शपथ
- बच्चे साक्षर बनाएंगे मां-बाप को
जमशेदपुर : झारखंड के पटमदा प्रखण्ड का धुसरा गांव शीघ्र ही शत प्रतिशत साक्षर गांव बन जाएगा। उप समाहत्र्ता-सह-जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी संजय कुमार की पहल पर जिले के पटमदा प्रखण्ड के जनजाति बहुल गांव धुसरा के ग्रामीणों ने सरकारी साक्षरता अभियानों की मदद से अपने गांव को पूर्ण साक्षर बनाने की जिद ठान ली है। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सचिदानंद महतो, ग्राम प्रधान गंगाधर सिंह, ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष व सदस्य, गांव के दोनों वार्ड सदस्य की मौजूदगी में हुई ग्राम सभा में सभी ग्रामीण महिला-पुरुष, बुजुर्गाें व बच्चों ने सामूहिक शपथ ली कि उनके गांव में अगामी 15 नवम्बर से पूर्व पूरे गांव को साक्षर कर लिया जाएगा। तय हुआ कि यहां का हर शिक्षित व्यक्ति गांव के कम से कम एक अनपढ़ व्यक्ति को लिखना पढ़ना सिखाएगा।
ग्राम शिक्षा समिति ने उप-समाहत्र्ता संजय कुमार को आश्वस्त किया कि एक सूची तैयार हो जाएगी, जिसमें स्पष्ट होगा कि कौन शिक्षित व्यक्ति गांव के किस अशिक्षित व्यक्ति को पढ़ना लिखना सिखाएगा। बुजुर्गों ने भी इस अवसर पर संकल्प लिया कि वे आज से अंगूठा नही लगाएंगे, बल्कि घर या पड़ोस के बच्चों से हस्ताक्षर करना इसी माह सीख जाएंगे। बैठक में मौजूद गांव की बुजुर्ग महिला रेवती ने तो बैठक में ही हस्ताक्षर करना सीखने की इच्छा जताई, इस पर वार्ड सदस्य अमित कुमार ने लगभग आधा घंटे के प्रयास में ही उन्हें हस्ताक्षर करना सिखा दिया। इसके बाद तो उत्साहित उक्त बुजुर्ग महिला ने अपने हस्ताक्षरों से पूरा पेज ही भर दिया।
जनसम्पर्क कार्यालय की तरफ से काॅपी, पेंसिल, वर्णमाला, बालपोथी आदि सामग्री युक्त साक्षरता-किट बांटी गई। इसकी मदद से कई महिलाएं ग्राम सभा में ही अपने बच्चों से लिखना सीखते हुए दिखीं। सभा के बाद उपस्थित ग्रामीणों ने गांव की गलियों में जागरुकता रैली निकाली। इस अवसर पर अमित कुमार सिंह, धनंजय मुर्मू, प्रभाती मार्डी, माधुरी सिंह, निरु सिंह, जानकी सिंह, दीनबंधु मार्डी, आल्यादी मार्डी, मुटकु मार्डी, सहचरी सिंह, हकीम सोरेन, शिव शंकर मुर्मू, सुषमा मार्डी आदि ने उप-समाहत्र्ता की इस पहल का स्वागत करते हुए गांव को साक्षर बनाने में पूरा सहयोग करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग एक हजार की आबादी व 213 घरों वाले धुसरा गांव की कुल साक्षरता दर 40.79 प्रतिशत जबकि महिला साक्षरता केवल 26.49 प्रतिशत है। इस अवसर पर उप-समाहत्र्ता व बीडीओ ने सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न साक्षरता अभियानों की जानकारी भी ग्रामीणों को दी।
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