COPYRIGHT © Rajiv Mani, Journalist, Patna

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बुधवार, 3 अगस्त 2016

शराबबंदी से समझौता नहीं : नीतीश

पटना : बिहार विधानसभा से शराबबंदी पर नया विधेयक पारित कर दिया गया। नीतीश सरकार के मंत्री जलील मस्तान ने इस विधेयक को सदन में पेश किया, जिसपर पक्ष-विपक्ष में संशोधन को लेकर तीखी बहस हुई। विधानसभा में बहस का जवाब देते हुए सीएम नीतीश कुमार ने एकबार फिर कहा कि मैं बर्बाद हो जाउंगा, नष्ट हो जाउंगा, लेकिन शराबबंदी से पीछे नहीं हटूंगा।
उन्होंने भाजपा की सरकारों पर बिहार में शराब को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। झारखंड की सीमा पर शराब की दुकानें काफी संख्या में खोली जा रही है। इस बात का मैंने दिल्ली में इंटर स्टेट काउंसिल में भी आंकड़ों के साथ विरोध किया। सीएम ने साफ कहा कि विपक्ष कानून में संशोधन का विरोध कर रहा है, लेकिन चार महीनों के अनुभवों के बाद इसमें सुधार किया गया है, जो राज्य के लोगों की हित में हैं।
उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन कर इसे और कड़ा बनाया गया है, ताकि पुलिस और अधिकारी मनमानी नहीं कर पाएं। कानून में गलत करने पर पहले अधिकारियोें को तीन महीने का सजा प्रावधान था, अब इसे बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
सीएम ने कहा कि ताड़ी पर प्रतिबंध जायज है। ताड़ी एक प्रकार का नशा है। विपक्ष के लोग इस पेशे से जुड़े लोगों के हितैषी नहीं है। वे चाहते हैं, इस समाज के लोग जिंदगीं भर ताड़ के पेड़ पर चढ़ते रहें। सरकार समाज के उत्थान के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ताड़ी के बदले नीरा का निर्माण किया जाएगा और फिर इसकी बिक्री की जाएगी। ताड़ के पेड़ से दूसरे उत्पाद बनाकर सामज के लोगों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि शराबबंदी का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, जिसमें शराब माफिया के लोग शामिल हैं। शराबबंदी से समाज और परिवार में खुशहाली आई है। शराबबंदी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। यह देखा गया है कि घर में शराब मिलने की स्थिति में कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था, लिहाजा कानून में सुधार कर वयस्कोें को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सीएम ने कहा कि शराब का उत्पादन सूबे में जारी रहेगा और जब राज्य में इसकी बिक्री नहीं होगी तो वो भी धीरे-धीरे छोड़कर चले जाएंगे।
उधर, भाजपा के नंद किशोर यादव ने विधेयक के सिद्धांत में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि डंडे के जोर पर नशा को दूर नहीं किया जा सकता है। भाजपा शराबबंदी का समर्थन करती है, लेकिन इस कानून में संशोधन स्वीकार नहीं है। नंद किशोर यादव ने सीएम नीतीश पर सीधा हमला किया और कहा कि वो शराबबंदी को राजनीतिक हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। एकतरफ आप बिहार में शराब बनवा रहे हैं, लेकिन लोगों को पीने से मना कर रहे हैं। आखिर यह कैसा कानून है जिसमें घर में शराब मिलने पर पूरे परिवार के लोगों को जेल जाना होगा। उन्होंने कहा कि शराब मिलने पर अगर घर का मुखिया जिम्मेदार होगा, तो सूबे में शराब मिलने पर जिम्मेदार कौन होगा ?
बहस में हिस्सा लेते हुए बीजेपी विधायक आरएस पांडेय ने सदन में कहा कि विधेयक बिना संशोधन के पास हुआ तो सदन के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी एक गौरव की बात है, लेकिन काला कानून लाना ठीक नहीं हैं।

बेतुका फरमान

बिहार में शराबबंदी पर संग्राम छिड़ गया है। नीतीश सरकार ने विधानसभा में एक संशोधन प्रस्ताव पेश किया। इसके मुताबिक, अगर किसी घर में शराब मिली तो परिवार के सभी वयस्क लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके अलावा गांव शराब बंदी की कार्रवाई का विरोध करता है, तो पूरे गांव पर भी केस किया जा सकता है। साथ ही शराबियों को जिलाबदर या तड़ीपार करने का भी प्रावधान है। शराबबंदी कानून में उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। बीजेपी ने इसके खिलाफ सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदर्शन किया है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ताड़ी की अनुमति राज्य में दी गई है और अब नया कानून पारित करके नीतीश मजाक का विषय ना कहीं बन जाएं। वहीं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी विधेयक में जब पूरे परिवार या गांव को सजा दी जा सकती है, तो राज्य के मुखिया को क्यों नहीं सजा दी जा सकती है।

ताड़ी से हटा प्रतिबंध, सरकार का यू टर्न

शराबबंदी पर बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब शराबबंदी के तहत ताड़ी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। लालू यादव के दबाव में शायद सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्य के उत्पाद और मद्य निषेध मंत्री जलील मस्तान ने कहा है कि ताड़ी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। अपने नये शराबबंदी कानून में ताड़ी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाली नीतीश सरकार ने कहा कि सूबे में ताड़ी फ्री रहेगी।
लालू प्रसाद यादव पहले ही कह चुके थे कि ताड़ी पर प्रतिबंध नहीं लगेगा, जबकि नीतीश कुमार ने अपने नए कानून में ताड़ी को देशी शराब करार दिया था। ऐसे में ताड़ी पीना ही नहीं, बल्कि पेड़ से ताड़ी निकालना और पेड़ में छेद करना तक अपराध हो गया था। इसके लिए 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा तय मुकर्रर की गई थी। महागठबंधन की बैठक में भी लालू ने सरकार से ताड़ी फ्री करने को कहा था।
इसके अलावा, राजद के कई विधायकों ने भी नए कानून को लेकर सरकार की आलोचना बैठक में की। बैठक के बाद उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने यूटर्न लिया। ऐसे में ये माना जा रहा है कि लालू का दबाव काम आ गया है।

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